नई दिल्ली, 19 मई . ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की सैन्य और रणनीतिक उपलब्धियों पर जहां देशवासी गर्व कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने इस ऑपरेशन पर सवाल उठाकर राजनीतिक बहस को और गर्म कर दिया है. पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और फिर सीजफायर के फैसले के खिलाफ विपक्ष की ओर से एक नेगेटिव नैरेटिव सेट करने की कोशिश की गई. हालांकि, उसे देश की जनता ने सीधे-सीधे नकार दिया है.
मैटराइज के सर्वेक्षण में 57 प्रतिशत लोगों ने विपक्ष के सवालों को अनुचित बताया है, जबकि 27 प्रतिशत लोगों ने विपक्ष के सवालों को सही ठहराते हुए उनका समर्थन किया है.
इस सर्वे में कुल 7,463 लोगों की राय ली गई, जिनमें सभी राज्यों के नागरिक शामिल हुए. मैटराइज के सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया कि क्या विपक्ष के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर उठाए गए सवाल सही हैं? सर्वेक्षण में 27 प्रतिशत लोगों ने विपक्ष के सवालों को सही ठहराते हुए उनका समर्थन किया, जबकि 9 प्रतिशत का मानना है कि ये सवाल कुछ हद तक उचित हैं. इसके विपरीत, 57 प्रतिशत लोगों ने विपक्ष के सवालों को अनुचित बताते हुए इस तरह की आलोचना को गलत ठहराया. साथ ही, 7 प्रतिशत लोग इस मुद्दे पर अनिश्चित रहे.
इसके अलावा, विपक्ष द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर भी लोगों ने खुलकर अपनी राय रखी. सर्वे में 33 प्रतिशत लोगों ने विपक्ष की विशेष सत्र की मांग को सही ठहराया, जबकि 8 प्रतिशत ने इसे कुछ हद तक उचित माना. वहीं, 45 प्रतिशत ने इस मांग को अनुचित बताया और 3 प्रतिशत लोग अनिश्चित रहे.
दूसरी ओर, 57 प्रतिशत लोगों का मानना है कि विपक्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम पर राजनीति कर रहा है. 14 प्रतिशत ने इसे कुछ हद तक सही माना, जबकि 26 प्रतिशत ने इससे असहमति जताई और 3 प्रतिशत लोग इस पर स्पष्ट राय नहीं दे सके.
इस सर्वे में 79 प्रतिशत लोगों ने वर्तमान सरकार को अब तक का सबसे कड़ा फैसला लेने वाली सरकार भी करार दिया.
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एफएम/एएस
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