राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का कहर अब भी जारी है। रविवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 233 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। दिवाली के बाद से ही दिल्ली की हवा लगातार जहरीली बनी हुई है। हालांकि पिछले कुछ दिनों की तुलना में इसमें थोड़ी गिरावट जरूर आई है, लेकिन अब भी हालात सामान्य से बहुत दूर हैं। मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल बारिश के कोई आसार नहीं हैं और हल्की ठंड के साथ हवा में कोहरा छाया रहेगा।
दिल्ली की हवा में अब भी जहर घुला
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 233 रिकॉर्ड हुआ है। यह स्तर “खतरनाक” माने जाने वाली श्रेणी के करीब है। PM2.5 का स्तर 228 और PM10 का स्तर 150 तक पहुंच गया है — जो साफ तौर पर दिखाता है कि हवा में प्रदूषण का असर गहराता जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए बेहद नुकसानदायक है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिवाली के बाद से AQI लगातार ऊंचा बना हुआ है, और सरकार के प्रयासों के बावजूद इसमें बड़ी राहत नहीं मिल पा रही है।
मौसम सुहावना लेकिन हवा भारी
रविवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है। दिन में हल्की धूप और शाम के वक्त ठंडी हवा चलने से मौसम में सुहावनापन रहेगा। सूर्योदय सुबह 6:34 बजे और सूर्यास्त शाम 5:36 बजे होगा। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल दिन में गर्म कपड़ों की जरूरत नहीं पड़ेगी, लेकिन सुबह और रात के समय हल्की सर्दी महसूस होगी।
बारिश की संभावना बेहद कम
मौसम विभाग ने साफ किया है कि रविवार को बारिश की कोई संभावना नहीं है। नवंबर महीने में सामान्य तौर पर बहुत कम बारिश होती है — लगभग 5 से 6 मिमी तक। इसी कारण, प्रदूषण का स्तर नीचे नहीं आ पाता। बारिश न होने से हवा में मौजूद धूल और धुआं स्थिर रहता है, जिससे सांस लेने में परेशानी बढ़ जाती है।
हल्की ठंड और कोहरे की शुरुआत
नवंबर की शुरुआत के साथ दिल्ली की फिजाओं में ठंडक घुलने लगी है। रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है, जो 13 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। हालांकि दिन में अभी भी गर्माहट महसूस होती है, लेकिन महीने के अंत तक तापमान में गिरावट तेज हो जाएगी। दिसंबर में दिल्ली ठिठुरन भरी सर्दी के लिए तैयार रहेगी।
प्रदूषण पर काबू पाना चुनौती
सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बावजूद वायु प्रदूषण पर काबू नहीं पाया जा सका है। स्मॉग, पराली जलाने और वाहनों से निकलने वाले धुएं ने मिलकर हवा को और खराब बना दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक बारिश नहीं होती या हवाओं की दिशा नहीं बदलती, तब तक AQI में खास सुधार की उम्मीद नहीं है।
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