पटना। बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। एनडीए और महागठबंधन, दोनों ही खेमों में घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत का दौर जारी है। इसी गहमागहमी के बीच कांग्रेस के एक बयान ने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है। राहुल गांधी ने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की विचारधारा एक जैसी है। उनके इस बयान के बाद इंडिया गठबंधन में दरार पड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों की मानें तो शनिवार को हुई इंडिया गठबंधन की वर्चुअल बैठक में वामपंथी नेताओं ने इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया।
राहुल गांधी ने केरल के कोट्टायम में पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी की पुण्यतिथि पर आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, "मैं RSS और CPI(M) दोनों से विचारधारा के स्तर पर समान रूप से लड़ता हूं। मेरी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि इन दोनों में लोगों के प्रति संवेदना नहीं है। राजनीति में होना मतलब लोगों को महसूस करना, उन्हें सुनना और छूना भी जरूरी है।"
वामदलों ने जताई कड़ी आपत्ति।
बैठक में सीपीआई नेता डी राजा ने इस मुद्दे को बिना राहुल गांधी का नाम लिए उठाते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियां पार्टी कार्यकर्ताओं में भ्रम फैलाती हैं और गठबंधन की एकता को नुकसान पहुंचा सकती हैं। एक अन्य नेता ने याद दिलाया कि इंडिया गठबंधन का मूल नारा "देश बचाओ, बीजेपी हटाओ" था, न कि आपसी मतभेद को बढ़ावा देना।
राहुल गांधी की टिप्पणी पर सीपीआई(एम) महासचिव एम.ए. बेबी ने एक तीखा वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी द्वारा CPI(M) और RSS की तुलना करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे यह जाहिर होता है कि उन्हें केरल और भारत की राजनीतिक हकीकत की सही समझ नहीं है।" उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 2004 में कांग्रेस की सरकार वामपंथी दलों के समर्थन से ही बनी थी। बेबी ने जोर देकर कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार CPI(M) के समर्थन के बिना नहीं बन सकती थी।"
बेबी ने राहुल गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने को लेकर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा, "वह जिस सीट से लड़े, वहां उन्हें BJP या RSS से नहीं, बल्कि CPI उम्मीदवार से मुकाबला करना पड़ा।" गौरतलब है कि राहुल गांधी ने वायनाड से CPI उम्मीदवार एनी राजा के खिलाफ चुनाव जीतने के बाद यह सीट छोड़ दी थी और अब वह रायबरेली से सांसद हैं। बाद में वायनाड सीट से प्रियंका गांधी उपचुनाव जीत चुकी हैं।
आलोचना होगी, लेकिन तुलना नहीं: सीपीआईएम।
एम.ए. बेबी ने स्पष्ट किया कि वामपंथी दल कांग्रेस की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हैं, लेकिन कभी कांग्रेस की तुलना बीजेपी या RSS से नहीं करते। उन्होंने कहा, "हम कांग्रेस की आलोचना स्वतंत्र रूप से करते हैं, लेकिन कभी उन्हें RSS या BJP जैसा नहीं कहते।"
यह ध्यान देने योग्य है कि कांग्रेस और CPI(M) राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन केरल में दोनों दल एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं। केरल में कांग्रेस के नेतृत्व में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) और वाम दलों के नेतृत्व में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) चुनावी जंग लड़ते हैं। वहीं, बीजेपी यहां अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रही है। बिहार की बात करें तो 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में लेफ्ट की पार्टियां भी शामिल थीं।
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