राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को गोपाष्टमी के पवित्र अवसर पर अपनी पत्नी के साथ मुख्यमंत्री निवास पर गौ माता की विधिवत पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने आरती उतारी और चने का भोग अर्पित किया। सीएम शर्मा ने इस मौके पर कहा कि गौ सेवा और आराधना भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं — यही भावना समाज में प्रेम, करुणा और समृद्धि का संदेश देती है।सर्वसुखदायिनी गौ माता की आराधना के पावन पर्व गोपाष्टमी पर मुख्यमंत्री निवास पर सपत्नीक गौ माता के विधिवत दर्शन-पूजन कर प्रदेश की सुख, समृद्धि और जन-जन के कल्याण की मंगलकामना की।
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) October 30, 2025
गौ माता की कृपा से हमारा प्रदेश निरंतर प्रगति, समृद्धि और सेवा के पथ पर अग्रसर रहे।#गोपाष्टमी pic.twitter.com/UyMDRdwnW8
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर पूजा की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “सर्वसुखदायिनी गौ माता की आराधना के इस पावन पर्व पर मुख्यमंत्री निवास पर सपत्नीक दर्शन-पूजन कर प्रदेश की सुख, समृद्धि और जन-जन के कल्याण की कामना की।”
मांग्यावास गोशाला में करेंगे गौ सेवा कार्यों का अवलोकन
गोपाष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री शर्मा बुधवार को अजमेर जिले की प्रसिद्ध मांग्यावास गोशाला भी जाएंगे। वहां वे परंपरागत रूप से गौ पूजा करेंगे और गोशाला में चल रहे गौ सेवा एवं देखभाल से जुड़े कार्यों की समीक्षा करेंगे। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और गौसेवा से जुड़े स्वयंसेवी भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री गौमाता को केसर अर्पित कर प्रदेश की सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगे।
गोपाष्टमी का धार्मिक महत्व
   
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गौमाता की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पहली बार गोचारण (गायों की चरवाही) का कार्य आरंभ किया था। इसलिए यह दिन गौ सेवा और आराधना के प्रति समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
इस बार गोपाष्टमी पर बन रहे हैं दो शुभ योग
इस वर्ष गोपाष्टमी के दिन दो विशेष योग — रवि योग और शिववास योग — बन रहे हैं। यह संयोग अत्यंत शुभ माने जाते हैं। 30 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 30 मिनट से रवि योग प्रारंभ हुआ, जो 31 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस योग में भगवान श्रीकृष्ण और गौमाता की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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