जयपुर: राजस्थान में नशे के नेटवर्क पर बड़ा प्रहार करते हुए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) और जोधपुर पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर एक शातिर तस्कर को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 544 किलो डोडा-पोस्त, एक चोरी की लग्जरी कार, 35 जिंदा कारतूस, एक पिस्टल मैगजीन और फर्जी नंबर प्लेटें बरामद की गई हैं। यह कार्रवाई "ऑपरेशन वज्र प्रहार" के तहत की गई, जिसका उद्देश्य प्रदेश में बढ़ते नशा कारोबार पर नकेल कसना है।
एएनटीएफ के आईजी विकास कुमार ने जानकारी दी कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान बाड़मेर जिले के सरली निवासी गोकलराम जाट के रूप में हुई है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वह पिछले 15 वर्षों से नशे की तस्करी में सक्रिय है और इस दौरान कई बार जेल भी जा चुका है।
गर्लफ्रेंड की डिमांड ने बनाया अपराधी
पुलिस जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि आरोपी के अपराध की शुरुआत उसके निजी जीवन से जुड़ी लालसाओं से हुई। बताया गया है कि गोकलराम को कम उम्र से ही महंगी गाड़ियों और ऐशोआराम का शौक था। बाद में उसकी जिंदगी में एक महिला मित्र आई, जिसके खर्चे और महंगे शौक पूरे करने के लिए उसने अपराध की राह पकड़ ली। शुरुआती दिनों में, यानी 2011 से 2015 के बीच वह हरियाणा से गुजरात तक शराब की तस्करी करता था। इसके बाद 2016 से उसने डोडा-पोस्त की सप्लाई शुरू कर दी, जिससे उसे तेजी से पैसे मिलने लगे।
जेल से छूटते ही फिर शुरू किया धंधा
गोकलराम का अपराध रिकॉर्ड लंबा है। 2018 में बाड़मेर पुलिस ने उसे बड़ी मात्रा में मादक पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसने 15 महीने जेल में बिताए। रिहाई के बाद भी उसने अपनी हरकतें नहीं छोड़ीं। वह निंबाहेड़ा में एक अन्य तस्करी मामले में वांछित था और लंबे समय से फरार चल रहा था। इसी साल 2024 में उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया, लेकिन 10 अक्टूबर को जेल से छूटते ही उसने फिर से अपना नेटवर्क सक्रिय कर लिया। महज एक महीने में उसने तीन बार मेवाड़ से मारवाड़ तक नशे की सप्लाई पहुंचाई — और अब फिर से पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
हर 50 किलोमीटर पर बदलता था गाड़ी की नंबर प्लेट
एएनटीएफ अधिकारियों ने बताया कि आरोपी बेहद चालाक और तकनीकी रूप से सतर्क था। सूचना मिलते ही पुलिस ने उसकी कार का पीछा किया। इस दौरान जोधपुर कमिश्नरेट और जोधपुर ग्रामीण पुलिस की भी मदद ली गई। जब चारों ओर से घिर गया तो गोकलराम ने पिस्तौल तानकर भागने की कोशिश की, लेकिन टीम ने उसे दबोच लिया। हालांकि उसका एक साथी मौके से फरार होने में कामयाब रहा। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी के पास राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और केरल की हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेटें थीं। पुलिस ने बताया कि वह हर 50-60 किलोमीटर पर गाड़ी की नंबर प्लेट बदल देता था ताकि किसी को शक न हो और नाकों से आसानी से निकल सके।
नशे के नेटवर्क पर बड़ी चोट
पुलिस का कहना है कि यह गिरफ्तारी नशे की तस्करी में सक्रिय गिरोहों पर बड़ी चोट है। एएनटीएफ अब आरोपी से जुड़े अन्य नेटवर्क की तलाश कर रही है ताकि इस पूरे तस्करी रैकेट को ध्वस्त किया जा सके। आईजी विकास कुमार ने बताया कि “राजस्थान को नशामुक्त बनाने के लिए अभियान तेज़ किया गया है, और इस तरह की कार्रवाई आगे भी लगातार जारी रहेगी।”
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