राजस्थान के प्रमुख धार्मिक स्थल पुष्कर में मांस पकाने और परोसने को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता नजर आ रहा है। तीर्थ नगरी पुष्कर के जमनी कुंड रोड स्थित एक होटल की किचन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें मांसाहारी भोजन तैयार होते हुए दिखाई दे रहा है। इस वीडियो के सामने आते ही तीर्थ पुरोहितों में तीव्र आक्रोश फैल गया है।
पुष्कर के तीर्थ पुरोहितों ने इस घटना को धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि पुष्कर तीर्थ क्षेत्र में मांस और शराब की बिक्री व सेवन पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध है, बावजूद इसके खुलेआम नियमों की अवहेलना की जा रही है।
श्री तीर्थ गुरु पुष्कर पुरोहित संघ ट्रस्ट के बैनर तले तीर्थ पुरोहितों ने नगर पालिका आयुक्त जनार्दन शर्मा और उपखंड अधिकारी गुरु प्रसाद तंवर को ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। तीर्थ पुरोहित वैद्यनाथ पाराशर ने बताया कि जैसे ही होटल की रसोई में मांस पकने की जानकारी मिली, कुछ तीर्थ पुरोहित मौके पर पहुंचे और वीडियो व तस्वीरें एकत्रित कीं, जिन्हें प्रशासन को सौंपा गया है।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक स्थल की मर्यादा का सवाल नहीं है, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़ा विषय है। पुष्कर को सदियों से सातधामों में एक प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है और यहां शुद्ध शाकाहार का पालन धार्मिक परंपरा के तहत होता आया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नगर परिषद के आयुक्त जनार्दन शर्मा ने पुष्टि की कि तीर्थ क्षेत्र में मांस व मदिरा पर प्रतिबंध लागू है और यदि वायरल वीडियो की जांच में दोष सिद्ध होता है, तो संबंधित होटल पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, उपखंड अधिकारी गुरु प्रसाद तंवर ने भी तीर्थ पुरोहितों की शिकायत की पुष्टि करते हुए कहा कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्थानीय श्रद्धालुओं और धार्मिक संगठनों का भी कहना है कि पुष्कर जैसी पावन नगरी में ऐसे कृत्य न केवल आस्था का अपमान हैं, बल्कि तीर्थ की पहचान और गरिमा को भी धूमिल करते हैं। ऐसे में प्रशासन से अपील की जा रही है कि ऐसे सभी होटलों की नियमित जांच हो और जहां-जहां नियमों का उल्लंघन हो रहा है, वहां सख्ती से कार्रवाई की जाए।
यह मामला अब केवल एक होटल का नहीं रहा, बल्कि तीर्थ क्षेत्र की धार्मिक मर्यादा की रक्षा और परंपराओं को बनाए रखने की लड़ाई बन चुका है। प्रशासन की अगली कार्रवाई पर पूरे शहर की नजरें टिकी हैं।
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