लाइव हिंदी खबर :- मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने बुधवार को कहा कि अदालतें केवल भव्य इमारतें नहीं, बल्कि न्याय, समानता, बंधुत्व और स्वतंत्रता के मूल्यों की प्रतीक हैं, जो संविधान में निहित हैं। उन्होंने कहा कि न्यायालयों का निर्माण केवल स्थापत्य कला का उदाहरण नहीं, बल्कि यह जनता के न्यायपालिका में विश्वास और लोकतांत्रिक भावना का प्रतीक है।
वे मुंबई के बांद्रा ईस्ट स्थित गवर्नमेंट कॉलोनी में नए हाईकोर्ट कॉम्प्लेक्स के भूमिपूजन समारोह में बोल रहे थे। सीजेआई गवई ने कहा कि अदालत की इमारत केवल आर्किटेक्चर नहीं, बल्कि न्याय और पारदर्शिता का मंदिर है। यहां नागरिकों, वकीलों और जजों के लिए समान सुविधाएं होंगी। परियोजना में पर्यावरण अनुकूल और हरित डिज़ाइन को प्राथमिकता दी गई है।
महाराष्ट्र हमेशा से बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अग्रणी रहा है और राज्य सरकार न्यायपालिका की आवश्यकताओं के अनुसार आधुनिक सुविधाएं प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि नागपुर, नाशिक और औरंगाबाद में भी नए न्यायालय परिसर पारदर्शिता और कार्य गति में वृद्धि करेंगे। साथ ही, उन्होंने महाराष्ट्र के हाईकोर्ट जजों, वकील संघों और प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग की सराहना की।
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बांद्रा ईस्ट में बनने वाली हाईकोर्ट बिल्डिंग देश की सबसे तेज़ और स्मार्ट AI-सक्षम इमारत होगी। यह न्यायपालिका के आधुनिकीकरण की दिशा में एक मिसाल बनेगी। बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर ने कहा कि न्याय केवल कानून का अनुप्रयोग नहीं, बल्कि जनकल्याण का साधन है। उन्होंने कहा कि अदालतें समाज की नैतिकता और सामूहिक मूल्यों का दर्पण हैं।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि न्यायिक प्रणाली को आम आदमी तक न्याय पहुंचाना चाहिए, जबकि अजीत पवार ने कहा कि न्याय ही लोकतंत्र की नींव है। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस नए परिसर के लिए आवश्यक धन उपलब्ध कराएगी।
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