फैशन इंडस्ट्री अच्छा करियर ऑप्शनंस में गिना जाता है। लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आने से इस फैशन इंडस्ट्री में कई तरह के बदलाव की संभावना है। यहां अच्छा करियर बनाना है तो खुद को अपडेट रखना और स्किल के नजरिए से तैयार करना जरूरी है।
फैशन की दुनिया में करियर तलाश रहे स्टूडेंट्स को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) की अहमियत समझनी होगी। हालांकि यह याद रखा जाना चाहिए कि एआई ह्यूमन टैलेंट के लिए खतरा नहीं है। यह रिपिटेटिव टास्क और डाटा-ड्रिवेन इंफोर्मेशन को ऑटोमेट कर सकता है। इससे नए जॉब ऑप्शन बनेंगे और करियर में परफोर्मेंस के मौके भी बढ़ेंगे।
डिजाइनिंग एक्सपर्टफैशन स्टूडेंट होते हुए भले ही आप खुद को डिजाइनिंग में एक्सपर्ट मानते हों लेकिन एआई भी इसमें पीछे नहीं है। यह आपकी क्रिएटिविटी को अगले लेवल पर ले जाने और बेस्ट आईडिया देने का काम एआई बढ़िया तरीके से करता है।
एआई असिस्टेड डिजाइनडिजाइनर्स एआई का इस्तेमाल स्केचेस के फोटोरिएलिस्टिक विजुअल तैयार करने में करते हैं। यह काम कुछ सेकंड में हो जाता है। इससे समय तो बचता ही है फिजिकल सैम्पल में होने वाला खर्चा भी बचता है। अगर आप भी एआई के जरिए अच्छा करियर पाना चाहते हैं तो NBT Upskill's AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप ज्वॉइन कर सकते हैं।
मार्केट ट्रेंड्स भी समझता है एआईएआई मार्केट ट्रेंड्स की अच्छी समझ के साथ आपकी काफी मदद कर सकता है। इससे सोशल मीडिया और सेल्स डाटा से जुड़ी जानकारी भी मिल जाती है। इस तरह से कंज्यूमर की पसंद और ट्रेंड के हिसाब से प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं।
नए डिजाइनर्स और नए रोलएआई की वजह से फैशन की दुनिया में कई नए जॉब रोल भी सामने आए हैं। इनमें कुछ के बारे में आप भी जान लीजिए-
रिटेल वर्कर्स के लिए कैसे काम करता है एआई?एआई स्टोर ऑपरेशन को ऑप्टिमाइज कर लेता है तो कस्टमर के एक्सपीरिएंस को भी सुधारता है। बेसिक कस्टमर इंक्वायरी को चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट्स हैंडल कर लेते हैं। इस तरह से रिटेल वर्कर्स कस्टमर सर्विस में ज्यादा ध्यान दे पाते हैं।
वर्चुअल ट्राई ऑन के साथ कस्टमर फोन पर ही देख पाते हैं कि कोई ड्रेस उनके बॉडी टाइप पर कैसी लगेगी। इससे कपड़ों के रिटर्न कम होते हैं तो ऑनलाइन शॉपिंग का अनुभव भी बेहतर होता है। इसके अलावा एआई इंवेंट्री मैनेजमेंट, फोरकास्टिंग और सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन में भी मदद करता है। इससे काफी समय बच जाता है।
फैशन की दुनिया में करियर तलाश रहे स्टूडेंट्स को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) की अहमियत समझनी होगी। हालांकि यह याद रखा जाना चाहिए कि एआई ह्यूमन टैलेंट के लिए खतरा नहीं है। यह रिपिटेटिव टास्क और डाटा-ड्रिवेन इंफोर्मेशन को ऑटोमेट कर सकता है। इससे नए जॉब ऑप्शन बनेंगे और करियर में परफोर्मेंस के मौके भी बढ़ेंगे।
डिजाइनिंग एक्सपर्टफैशन स्टूडेंट होते हुए भले ही आप खुद को डिजाइनिंग में एक्सपर्ट मानते हों लेकिन एआई भी इसमें पीछे नहीं है। यह आपकी क्रिएटिविटी को अगले लेवल पर ले जाने और बेस्ट आईडिया देने का काम एआई बढ़िया तरीके से करता है।
एआई असिस्टेड डिजाइनडिजाइनर्स एआई का इस्तेमाल स्केचेस के फोटोरिएलिस्टिक विजुअल तैयार करने में करते हैं। यह काम कुछ सेकंड में हो जाता है। इससे समय तो बचता ही है फिजिकल सैम्पल में होने वाला खर्चा भी बचता है। अगर आप भी एआई के जरिए अच्छा करियर पाना चाहते हैं तो NBT Upskill's AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप ज्वॉइन कर सकते हैं।
मार्केट ट्रेंड्स भी समझता है एआईएआई मार्केट ट्रेंड्स की अच्छी समझ के साथ आपकी काफी मदद कर सकता है। इससे सोशल मीडिया और सेल्स डाटा से जुड़ी जानकारी भी मिल जाती है। इस तरह से कंज्यूमर की पसंद और ट्रेंड के हिसाब से प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं।
नए डिजाइनर्स और नए रोलएआई की वजह से फैशन की दुनिया में कई नए जॉब रोल भी सामने आए हैं। इनमें कुछ के बारे में आप भी जान लीजिए-
- एआई फैशन डिजाइनर के रोल में कैंडिडेट एआई टूल्स जैसे Midjourney का इस्तेमाल करके ओरिजिनल प्रिंट्स, कॉन्सेप्ट और पैटर्न बनाते हैं।
- क्रिएटिव टेक्नोलॉजिस्ट, डिजाइन, आर्ट और टेक्नोलॉजी को आपस में जोड़ते हैं। यह Augmented Reality (AR) और Virtual Reality (VR) का इस्तेमाल करते हैं। इससे वह वर्चुअल ट्राई ऑन और डिजिटल फैशन शो जैसे काम करते हैं जो प्रोफेशनली फायदेमंद होते हैं।
- डिजिटल फैशन स्पेशलिस्ट, डिजिटल मार्केट के लिए काम करते हैं। यह वर्चुअल गारमेंट्स और एक्सेसरीज डिजाइन करके खास तौर पर मेटावार्स और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के लिए काम करते हैं।
- एआई स्टाइलिस्ट स्टाइलिंग को एआई के साथ जोड़ते हैं। इससे पर्सनलाइज स्टाइलिंग सर्विसेस मिल पाती हैं।
- टेक स्पेशलिस्ट की अब फिजिकल फैशन स्टोर में जरूरत पड़ने लगी है। यहां ऐसे वर्कर्स की जरूरत होती है जो इन्टरेक्टिव डिस्प्ले जैसी टेक्नोलॉजी में एक्सपर्ट हों।
- कपड़े अगर कस्टमर तक पहुंचाने हैं तो उनकी पसंद भी पता होनी चाहिए। क्लाइंटेलिंग स्पेशलिस्ट यही काम करते हैं। वह कस्टमर की प्रोफाइल और पसंद को समझने के लिए एआई की मदद लेते हैं। यह कस्टमर के साथ रिलेशनशिप भी मेनटेन करते हैं।
रिटेल वर्कर्स के लिए कैसे काम करता है एआई?एआई स्टोर ऑपरेशन को ऑप्टिमाइज कर लेता है तो कस्टमर के एक्सपीरिएंस को भी सुधारता है। बेसिक कस्टमर इंक्वायरी को चैटबॉट्स और वर्चुअल असिस्टेंट्स हैंडल कर लेते हैं। इस तरह से रिटेल वर्कर्स कस्टमर सर्विस में ज्यादा ध्यान दे पाते हैं।
वर्चुअल ट्राई ऑन के साथ कस्टमर फोन पर ही देख पाते हैं कि कोई ड्रेस उनके बॉडी टाइप पर कैसी लगेगी। इससे कपड़ों के रिटर्न कम होते हैं तो ऑनलाइन शॉपिंग का अनुभव भी बेहतर होता है। इसके अलावा एआई इंवेंट्री मैनेजमेंट, फोरकास्टिंग और सप्लाई चेन ऑप्टिमाइजेशन में भी मदद करता है। इससे काफी समय बच जाता है।
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