US News: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इन दिनों इमिग्रेशन के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। कभी वह H-1B वीजा प्रोग्राम में बदलाव की बात करते हैं, तो कभी देश में आने वाले विदेशी छात्रों और वर्कर्स की संख्या को सीमित करने की बात कहते हैं। ऐसा ही कुछ एक बार फिर से देखने को मिला, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस इमिग्रेशन पर ज्ञान दे रहे थे। तभी वहां मौजूद भारतीय मूल की छात्रा ने उन्हें आईना दिखा दिया। छात्रा ने वेंस से तीखे सवाल पूछे, जो अब चर्चा का विषय बन गए हैं।
दरअसल, अमेरिकी उपराष्ट्रपति यूनिवर्सिटी ऑफ मिसिसिपी में हो रहे Turning Point USA नाम के एक इवेंट में हिस्सा लेने पहुंचे थे। यहां वह इमिग्रेशन पर बात कर रहे थे, तभी भारतवंशी छात्रा ने उनसे सवाल पूछ लिया। उसने कहा कि अमेरिका हमें सपने क्यों बेचता है? हमने अपनी जवानी और पैसा दोनों यहां लगाया है। इसके जवाब में वेंस ने गोलमोल जवाब दिया। बता दें कि अमेरिका में पढ़ने जाने वाले भारतीय छात्र अमेरिकी छात्रों की तुलना में ज्यादा ट्यूशन फीस देते हैं। ये फीस तीन से चार गुना ज्यादा होती है।
छात्रा ने क्या सवाल किया?
भारतीय मूल की छात्रा ने सरकार के इमिग्रेशन को लेकर अपना गए सख्त रुख को चुनौती दी। उसने पूछा, 'जब आप यहां बहुत ज्यादा अप्रवासियों की बात करते हैं, तो आपने संख्या कब तय की? आपने हमें सपना क्यों बेचा? आपने हमें अपनी जवानी और पैसा इस देश में खर्च करने के लिए मजबूर किया और हमें एक सपना दिखाया। आपका हम पर कुछ भी बकाया नहीं हैं। हमने इसके लिए कड़ी मेहनत की है।'
उसने आगे कहा, 'आप उपराष्ट्रपति के रूप में ये बात कैसे कह सकते हैं कि 'हमारे पास अब बहुत अधिक अप्रवासी हैं और हम उन्हें बाहर निकालने जा रहे हैं' उन लोगों के लिए जो आपके द्वारा मांगे गए पैसे का भुगतान करके यहां कानूनी रूप से हैं?' भारतीय छात्रा ने कानूनी तौर पर देश में आने वाले लोगों को लेकर खड़े हुए विवाद पर उपराष्ट्रपति को घेरा। छात्रा के सवाल को लेकर उसकी तारीफ भी हो रही है।
सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा कि अमेरिका को इमिग्रेशन कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'लेकिन सिर्फ इसलिए कि एक व्यक्ति, 10 लोग या 100 लोग कानूनी रूप से आए और उन्होंने अमेरिका में योगदान दिया। क्या इसका मतलब ये है कि हम भविष्य में दस लाख या दस करोड़ या सौ करोड़ लोगों को आने देने के लिए प्रतिबद्ध हैं?'
उन्होंने कहा, 'अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में मेरा काम पूरी दुनिया के हितों को देखना नहीं है। ये अमेरिका के लोगों के हितों को देखना है।' वैसे तो उपराष्ट्रपति की बात सुनकर लोगों ने खूब तालियां बजाईं। मगर जेडी वेंस असल सवाल का जवाब देने से बचते हुए नजर आए।
दरअसल, अमेरिकी उपराष्ट्रपति यूनिवर्सिटी ऑफ मिसिसिपी में हो रहे Turning Point USA नाम के एक इवेंट में हिस्सा लेने पहुंचे थे। यहां वह इमिग्रेशन पर बात कर रहे थे, तभी भारतवंशी छात्रा ने उनसे सवाल पूछ लिया। उसने कहा कि अमेरिका हमें सपने क्यों बेचता है? हमने अपनी जवानी और पैसा दोनों यहां लगाया है। इसके जवाब में वेंस ने गोलमोल जवाब दिया। बता दें कि अमेरिका में पढ़ने जाने वाले भारतीय छात्र अमेरिकी छात्रों की तुलना में ज्यादा ट्यूशन फीस देते हैं। ये फीस तीन से चार गुना ज्यादा होती है।
छात्रा ने क्या सवाल किया?
भारतीय मूल की छात्रा ने सरकार के इमिग्रेशन को लेकर अपना गए सख्त रुख को चुनौती दी। उसने पूछा, 'जब आप यहां बहुत ज्यादा अप्रवासियों की बात करते हैं, तो आपने संख्या कब तय की? आपने हमें सपना क्यों बेचा? आपने हमें अपनी जवानी और पैसा इस देश में खर्च करने के लिए मजबूर किया और हमें एक सपना दिखाया। आपका हम पर कुछ भी बकाया नहीं हैं। हमने इसके लिए कड़ी मेहनत की है।'
उसने आगे कहा, 'आप उपराष्ट्रपति के रूप में ये बात कैसे कह सकते हैं कि 'हमारे पास अब बहुत अधिक अप्रवासी हैं और हम उन्हें बाहर निकालने जा रहे हैं' उन लोगों के लिए जो आपके द्वारा मांगे गए पैसे का भुगतान करके यहां कानूनी रूप से हैं?' भारतीय छात्रा ने कानूनी तौर पर देश में आने वाले लोगों को लेकर खड़े हुए विवाद पर उपराष्ट्रपति को घेरा। छात्रा के सवाल को लेकर उसकी तारीफ भी हो रही है।
उपराष्ट्रपति ने क्या जवाब दिया?🚨WATCH: Immigrant asks VP JD Vance “Why did you sell us a dream? You made us spend our youth, our wealth in this country. How can you stand there and say there are too many immigrants?”
— Cam Higby 🇺🇸 (@camhigby) October 30, 2025
Vance: “My job as Vice President is not to look out for the interests of the whole world.… pic.twitter.com/OjXX7KHAwF
सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा कि अमेरिका को इमिग्रेशन कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'लेकिन सिर्फ इसलिए कि एक व्यक्ति, 10 लोग या 100 लोग कानूनी रूप से आए और उन्होंने अमेरिका में योगदान दिया। क्या इसका मतलब ये है कि हम भविष्य में दस लाख या दस करोड़ या सौ करोड़ लोगों को आने देने के लिए प्रतिबद्ध हैं?'
उन्होंने कहा, 'अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में मेरा काम पूरी दुनिया के हितों को देखना नहीं है। ये अमेरिका के लोगों के हितों को देखना है।' वैसे तो उपराष्ट्रपति की बात सुनकर लोगों ने खूब तालियां बजाईं। मगर जेडी वेंस असल सवाल का जवाब देने से बचते हुए नजर आए।
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