PR in New Zealand: न्यूजीलैंड ने हाल ही में ऐलान किया कि वह भारतीय डिग्रियों को मान्यता देना शुरू करेगा। इससे पहले भारतीयों को न्यूजीलैंड में जॉब करने की इजाजत तभी मिलती थी, जब उनकी डिग्री 'इंटरनेशनल क्वालिफिकेशन असेसमेंट' (IQA) पास कर लेती थी। IQA करवाने के लिए न्यूजीलैंड की गवर्निंग बॉडी को कुछ सौ डॉलर देने भी पड़ते थे। रिजल्ट आने में कुछ हफ्ते भी लगते थे। हालांकि, अब भारतीय डिग्री होल्डर्स को वर्क या रेजिडेंस वीजा पाने के लिए IQA करवाने की जरूरत नहीं है।
इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि आपके पास कोई भी डिग्री तो आपको तुरंत न्यूजीलैंड में जॉब मिल जाएगी। इसकी वजह ये है कि आपको न्यूजीलैंड में चुटकियों में तभी जॉब मिलेगी, जब आपका प्रोफेशन देश के 'ग्रीन लिस्ट' में शामिल है। अगर आप सड़कें बनाते हैं, लोगों की देखभाल करते हैं या फिर जबरदस्त तरीके से कोडिंग करते हैं, तो न्यूजीलैंड में आपका स्वागत किया जाएगा। 'ग्रीन लिस्ट' में वो जॉब शामिल हैं, जिनकी इस वक्त न्यूजीलैंड में सबसे ज्यादा डिमांड देखने को मिल रही है।
क्या है 'ग्रीन लिस्ट'?
'ग्रीन लिस्ट' को आप न्यूजीलैंड की वीआईपी लिस्ट भी मान सकते हैं। अगर इस लिस्ट में आपकी जॉब आती है, तो फिर आपका वीजा आवेदन सबसे जल्दी स्वीकार किया जाएगा। इसमें उन जॉब्स को शामिल किया गया है, जिन्हें करने के लिए सबसे ज्यादा लोग चाहिए। वेल्डर, प्लंबर से लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर तक की जॉब लिस्ट में शामिल है। ग्रीन लिस्ट दो हिस्सों में भी बंटी हुई है।
न्यूजीलैंड सिर्फ किसी भी नौकरी के लिए वीजा नहीं दे रहा है। सरकार ने साफ कर दिया है कि उन्हें ऐसे लोगों की जरूरत है, जिनके आने से देश की अर्थव्यवस्था बेहतरीन तरीके से आगे बढ़े। आइए PR दिलाने वाली नौकरियों के बारे में जानते हैं।
इंजीनियरिंग और ICT: सिविल इंजीनियर्स, मैकेनिकल इंजीनियर्स, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स, सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, डेवलपर्स की इस वक्त सबसे ज्यादा डिमांड है। ये टियर 1 वाली जॉब हैं, जिन्हें करने पर तुरंत PR मिलेगा।
हेल्थकेयर प्रैक्टिशनर्स: रजिस्टर्ड नर्स, डॉक्टर्स, स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की जॉब भी ग्रीन लिस्ट में शामिल है। न्यूजीलैंड में इस वक्त हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की काफी ज्यादा कमी है, जिस वजह से इन्हें भी तुरंत पीआर दिया जा सकता है।
कंस्ट्रक्शन और ट्रेड: प्रोजेक्ट मैनेजर्स, क्वांटिटी सर्वेयर्स और सर्वेयर्स की जॉब भी टियर 1 में शामिल है। इसी तरह से मेटल फेब्रिकेटर, वेल्डर, मैकेनिक, पेंटर, प्लंबर आदि की जॉब टियर 2 में शामिल है, जिसमें दो साल काम करने के बाद पीआर के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि आपके पास कोई भी डिग्री तो आपको तुरंत न्यूजीलैंड में जॉब मिल जाएगी। इसकी वजह ये है कि आपको न्यूजीलैंड में चुटकियों में तभी जॉब मिलेगी, जब आपका प्रोफेशन देश के 'ग्रीन लिस्ट' में शामिल है। अगर आप सड़कें बनाते हैं, लोगों की देखभाल करते हैं या फिर जबरदस्त तरीके से कोडिंग करते हैं, तो न्यूजीलैंड में आपका स्वागत किया जाएगा। 'ग्रीन लिस्ट' में वो जॉब शामिल हैं, जिनकी इस वक्त न्यूजीलैंड में सबसे ज्यादा डिमांड देखने को मिल रही है।
क्या है 'ग्रीन लिस्ट'?
'ग्रीन लिस्ट' को आप न्यूजीलैंड की वीआईपी लिस्ट भी मान सकते हैं। अगर इस लिस्ट में आपकी जॉब आती है, तो फिर आपका वीजा आवेदन सबसे जल्दी स्वीकार किया जाएगा। इसमें उन जॉब्स को शामिल किया गया है, जिन्हें करने के लिए सबसे ज्यादा लोग चाहिए। वेल्डर, प्लंबर से लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर तक की जॉब लिस्ट में शामिल है। ग्रीन लिस्ट दो हिस्सों में भी बंटी हुई है।
- टियर 1: अगर आपकी नौकरी टियर 1 में आती है, तो इसके तहत सीधे रहने की इजाजत मिलेगी। जॉब ऑफर मिलते ही रेजिडेंसी यानी परमानेंट रेजिडेंसी (PR) के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए कोई भी वेटिंग टाइम नहीं है।
- टियर 2: अगर आपकी नौकरी टियर 2 में आती है, तो पहले आपको न्यूजीलैंड में दो सालों तक जॉब करना होगा। इसके बाद ही आप PR के लिए अप्लाई कर सकते हैं। यानी इस टियर में जॉब करने के बाद PR दिया जाएगा।
न्यूजीलैंड सिर्फ किसी भी नौकरी के लिए वीजा नहीं दे रहा है। सरकार ने साफ कर दिया है कि उन्हें ऐसे लोगों की जरूरत है, जिनके आने से देश की अर्थव्यवस्था बेहतरीन तरीके से आगे बढ़े। आइए PR दिलाने वाली नौकरियों के बारे में जानते हैं।
इंजीनियरिंग और ICT: सिविल इंजीनियर्स, मैकेनिकल इंजीनियर्स, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स, सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, डेवलपर्स की इस वक्त सबसे ज्यादा डिमांड है। ये टियर 1 वाली जॉब हैं, जिन्हें करने पर तुरंत PR मिलेगा।
हेल्थकेयर प्रैक्टिशनर्स: रजिस्टर्ड नर्स, डॉक्टर्स, स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की जॉब भी ग्रीन लिस्ट में शामिल है। न्यूजीलैंड में इस वक्त हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की काफी ज्यादा कमी है, जिस वजह से इन्हें भी तुरंत पीआर दिया जा सकता है।
कंस्ट्रक्शन और ट्रेड: प्रोजेक्ट मैनेजर्स, क्वांटिटी सर्वेयर्स और सर्वेयर्स की जॉब भी टियर 1 में शामिल है। इसी तरह से मेटल फेब्रिकेटर, वेल्डर, मैकेनिक, पेंटर, प्लंबर आदि की जॉब टियर 2 में शामिल है, जिसमें दो साल काम करने के बाद पीआर के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
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