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जब मजबूरी साथ चले तो बेटी भी साथी बनती है... Swiggy डिलीवरी एजेंट की कहानी ने इंटरनेट का दिल छू लिया

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आप में से कई लोग आए दिन स्विगी या जोमैटो जैसे फूड डिलीवरी ऐप्स से अक्सर खाना ऑर्डर करते होंगे। ऐसे में कई बार डिलीवरी बॉय की स्ट्रगल स्टोरी हमारे दिल को छू जाती है। कुछ ऐसी ही बात गुरुग्राम के एक सीईओ के भी दिल को छू गई, जब उसने एक डिलीवरी बॉय की कहानी सुनी। मयंक अग्रवाल नाम के एक शख्स ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट डाली जिसमें उन्होंने स्विगी के डिलीवरी एजेंट पंकज और उसकी छोटी सी बेटी टुन टुन की कहानी शेयर की। ये कहानी इतनी इमोशनल है कि जिसने भी पढ़ी, उसकी आंखे नम हो गई। क्यों बच्ची को साथ लेकर करता है डिलीवरी?मयंक ने पोस्ट में बताया कि एक दिन उन्होंने जब स्विगी से खाना ऑर्डर किया था, तो एक पकंज नाम का डिलीवरी पार्टनर उसे लेकर आया था। ऑर्डर लेने के लिए जब वो अपनी बिल्डिंग से नीचे आया तो उसने देखा कि डिलीवरी बॉय के साथ बाइक पर एक प्यारी सी बच्ची भी बैठी थी।जब मयंक ने पंकज (डिलीवरी बॉय) से बात की तो पता चला कि वो अपनी 2 साल की बेटी को डिलीवरी के टाइम पर इसलिए साथ लाता है क्योंकि घर पर उसका ख्याल रखने वाला कोई नहीं है। उसकी मां की मौत डिलीवरी के समय ही हो गई थी और उसका बड़ा भाई पढ़ाई के लिए शाम की क्लास में जाता है। 'मुस्कुराकर झेल लेता है हर तकलीफ' ये बात सुनकर मयंक काफी इमेशनल हो जाते हैं और लिखते हैं कि 'बिना किसी शिकायत के पंकज अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहा है। उसने न तो किसी से मदद मांगी और न ही अपनी हालत का रोना रोया। कुछ लोग उसे ताना भी देते हैं, जैसे अगर बच्चे को संभाल नहीं सकते तो डिलीवरी क्यों कर रहे हो? लेकिन पंकज बस हल्का से मुस्कुराकर सब झेल जाता है।' लोगों ने डिलीवरी बॉय को बताया हिम्मतीदेखते ही देखते पोस्ट वायरल हो गई और लोगों ने भी इस पर जमकर अपनी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा, 'हमारे समाज ने ऐसे मेहनती लोगों को कभी सही सम्मान नहीं दिया। ये हम सबसे बेहतर हैं।' दूसरे यूजर ने कहा, 'उसने मुसीबत का रोना करने के बजाए उससे लड़ना जरूरी समझा।'
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