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गिरिराज सिंह ने महागठबंधन में फिर सुलगाई आग, कहा- राहुल ने तेजस्वी का राजनीतिक फायदा उठाया

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पटना: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव का राजनीतिक फायदा उठाया। वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव का इस्तेमाल किया। गिरिराज सिंह ने यह बात गुरुवार को बेगूसराय में पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि यात्रा में भीड़ तो तेजस्वी ने जुटाई, लेकिन वाहवाही राहुल गांधी ले गए। अब तेजस्वी अकेले बिहार अधिकार यात्रा कर रहे हैं ताकि विधानसभा चुनाव चुनाव से पहले राहुल की छाया से बाहर निकल सकें। गिरिराज सिंह ने तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने की संभावना को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी।



गिरिराज सिंह ने कहा कि मीडिया में यह दिखाया गया कि राहुल गांधी बिहार में भीड़ खींचने वाले नेता बन गए हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस का यहां कोई अस्तित्व नहीं है। वह पूरी तरह से आरजेडी पर निर्भर है। इसके बावजूद तेजस्वी ने राहुल गांधी को आगे बढ़ाया और राहुल गांधी ने सारा क्रेडिट ले लिया।



राहुल की छाया से बचने के लिए यात्रा कर रहे तेजस्वी

गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी ने यात्रा के दौरान बार-बार राहुल गांधी को "भविष्य का प्रधानमंत्री" बताया। वे उम्मीद कर रहे थे कि राहुल गांधी उन्हें बिहार का भविष्य का मुख्यमंत्री बताएंगे। लेकिन राहुल गांधी ने ऐसा कभी नहीं कहा। इसलिए अब तेजस्वी 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले राहुल की छाया से बचने के लिए अकेले बिहार अधिकार यात्रा कर रहे हैं।



केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने की संभावना को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "वह कुछ भी कर लें, लेकिन वह कभी भी बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। लोग एनडीए के साथ हैं और राज्य में एक बार फिर हमारी सरकार बनेगी।"



राहुल और तेजस्वी को लेकर लगातार बयान दे रहे गिरिराज

गिरिराज सिंह तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के बीच संभावित तनाव को लगातार हवा दे रहे हैं। सिंह ने 16 सितंबर को कहा था कि अब राहुल गांधी घर में बैठकर गाना गाएंगे या सड़क पर घूमते हुए कहेंगे कि दिल के अरमा आंसुओं में बह गए। उन्होंने दावा किया था कि तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी के लिए सब कुछ कर दिया, लेकिन स्थिति देखिए कि राहुल गांधी ने एक बार भी तेजस्वी यादव का नाम लेना जरूरी नहीं समझा। आज तेजस्वी यादव की हालत किसी से छुपी नहीं है। मैं तो कहता हूं कि इन दोनों ही नेताओं की स्थिति अप्रासंगिक होती जा रही है। दोनों ही नेताओं के बीच छक्का पंजा की स्थिति बनी हुई है। दोनों के बीच किसी भी प्रकार के गठबंधन की संभावनाएं नहीं हैं।



इससे पहले 10 सितंबर को गिरिराज सिंह ने कहा था कि, कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन पर कब्ज़ा कर लिया है। इससे तेजस्वी यादव हाशिये पर चले गए हैं। आरजेडी खेमे में तनाव है। महागठबंधन में झगड़ा फिर से सामने आ गया है। कांग्रेस अब राज्य में निर्णायक भूमिका निभाना चाहती है। वह कम से कम 70 सीटें चाहती है। कांग्रेस खुद इन सीटों का चयन करेगी। वह केवल 'जीतने वाली' सीटें ही लेगी। उन्होंने आरोप लगाया था कि महागठबंधन एक ऐसी ट्रेन है जिसका हर डिब्बा इंजन बनना चाहता है। कांग्रेस अब इस गठबंधन में रहकर सत्ता की चाबी अपने हाथ में रखना चाहती है। वह बिहार में रिमोट से चलने वाली सरकार बनाना चाहती है।



तेजस्वी खुद को राहुल से अलग दिखाने की कोशिश कर रहे

गिरिराज सिंह ने 24 सितंबर को पटना में होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक को लेकर कहा कि इसका बिहार की राजनीति पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का यहां कोई महत्व नहीं है। चाहे सोनिया गांधी, राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खरगे आएं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। एनडीए विधानसभा चुनावों में बड़े अंतर से जीतेगा।"



इससे पहले लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी इसी तरह का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि तेजस्वी को राहुल गांधी का अनुयायी बना दिया गया है। पासवान ने कहा कि बिहार अधिकार यात्रा तेजस्वी का खुद को फिर से ब्रांड करने और कांग्रेस नेता द्वारा छायांकित होने की छवि से बाहर निकलने का प्रयास है। चिराग पासवान ने कहा था कि तेजस्वी यादव अब यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे राहुल गांधी से अलग हैं। वे अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं। इसलिए वे बिहार अधिकार यात्रा कर रहे हैं।

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