रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान अपने अनोखे अंदाज और बयानों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में लगभग दो साल जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर हैं। उनसे ऐसे ही बयानों के इंतजार में अकसर सवाल पूछे जाते हैं। आजम खान ने उन्हें निराश नहीं किया और यूपी पुलिस के चर्चित अफसर अनुज चौधरी पर बयान देकर 2023 के विवाद की याद दिला दी।
मीडिया खबरों के अनुसार, इसी विवाद की याद करते हुए आजम खान ने कहा, ' अखिलेश यादव ने अनुज चौधरी को प्रमोट किया था। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं था कि किया जाए, लेकिन उन्होंने कर दिया, यह उनका नसीब था।'
यह बात मई 2023 की थी। इस पूरे किस्से को एक बार फिर से याद करते हुए उन्होंने कहा, मैं उस दिन अपने पार्टी ऑफिस जा रहा था जिसे सील कर दिया गया था। पुलिस रास्ते में आम लोगों को रोक रही थी, जबकि वहां धारा 144 भी लागू नहीं थी। इसके बाद मैंने बस कार से उतरकर इतना ही कहा कि आप लोग यह क्या कर रहे हैं? इस तरह तो आप सरकार को ही बदनाम कर रहे हैं। इस पर उन्होंने (अनुज चौधरी) ने कुछ जवाब दिया जो उनका अंदाज था।
आजम खान आगे कहते हैं, 'मैंने उन्हें याद दिलाया कि हमारी सरकार ने आपको क्या दिया था। मैंने कोई बदसलूकी नहीं की थी, बस उन्हें याद दिलाना चाहता था।'
असल में हुआ यह था कि आजम खान और उनके परिवार के ऊपर हो रहे कथित सरकारी उत्पीड़न के खिलाफ सपा का एक प्रतिनिधिमंडल मुरादाबाद में कमिश्नर से मुलाकात करने जा रहा था। सपा का प्रतिनिधिमंडल जब जिलाधिकारी से मिलने जा रहा था तो सीओ सिटी ने काफिले को रोकते हुए आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम से कहा कि 27 आदमी जाएंगे बस।
सीओ सिटी अनुज चौधरी और अब्दुल्ल आजम के बीच बातचीत हो रही थी। आजम खान कार से नीचे उतरकर आए, अनुज चौधरी कुर्सी से उठकर खडे़ हो गए। इस पर आजम खान ने कहा, अहसान याद है अखिलेश यादव का? इस पर अनुज चौधरी ने कहा, एहसान कैसा? अर्जुन अवॉर्ड मिला है। किसी एहसान से अर्जुन अवॉर्ड नहीं मिलता।
मीडिया खबरों के अनुसार, इसी विवाद की याद करते हुए आजम खान ने कहा, ' अखिलेश यादव ने अनुज चौधरी को प्रमोट किया था। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं था कि किया जाए, लेकिन उन्होंने कर दिया, यह उनका नसीब था।'
यह बात मई 2023 की थी। इस पूरे किस्से को एक बार फिर से याद करते हुए उन्होंने कहा, मैं उस दिन अपने पार्टी ऑफिस जा रहा था जिसे सील कर दिया गया था। पुलिस रास्ते में आम लोगों को रोक रही थी, जबकि वहां धारा 144 भी लागू नहीं थी। इसके बाद मैंने बस कार से उतरकर इतना ही कहा कि आप लोग यह क्या कर रहे हैं? इस तरह तो आप सरकार को ही बदनाम कर रहे हैं। इस पर उन्होंने (अनुज चौधरी) ने कुछ जवाब दिया जो उनका अंदाज था।
आजम खान आगे कहते हैं, 'मैंने उन्हें याद दिलाया कि हमारी सरकार ने आपको क्या दिया था। मैंने कोई बदसलूकी नहीं की थी, बस उन्हें याद दिलाना चाहता था।'
असल में हुआ यह था कि आजम खान और उनके परिवार के ऊपर हो रहे कथित सरकारी उत्पीड़न के खिलाफ सपा का एक प्रतिनिधिमंडल मुरादाबाद में कमिश्नर से मुलाकात करने जा रहा था। सपा का प्रतिनिधिमंडल जब जिलाधिकारी से मिलने जा रहा था तो सीओ सिटी ने काफिले को रोकते हुए आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम से कहा कि 27 आदमी जाएंगे बस।
सीओ सिटी अनुज चौधरी और अब्दुल्ल आजम के बीच बातचीत हो रही थी। आजम खान कार से नीचे उतरकर आए, अनुज चौधरी कुर्सी से उठकर खडे़ हो गए। इस पर आजम खान ने कहा, अहसान याद है अखिलेश यादव का? इस पर अनुज चौधरी ने कहा, एहसान कैसा? अर्जुन अवॉर्ड मिला है। किसी एहसान से अर्जुन अवॉर्ड नहीं मिलता।
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