पटनाः बिहार के मगध डिवीजन (गया, नवादा, अरवल, औरंगाबाद और जहानाबाद जिलों में फैली 26 विधानसभा सीटें) में इस बार सत्तारूढ़ एनडीए को मुख्य विपक्षी महागठबंधन से कड़े मुकाबले की उम्मीद है। 2020 के विधानसभा चुनाव में यह क्षेत्र एनडीए के लिए एक मुश्किल मैदान साबित हुआ था, जहाँ गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
एनडीए की पिछली हार और नए सहयोगी
मगध क्षेत्र की 26 सीटों में से एनडीए केवल छह सीटें ही जीत पाई थी, जबकि महागठबंधन ने 20 सीटों पर कब्जा किया था। एनडीए की प्रमुख सहयोगी जेडीयू इस क्षेत्र में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, जबकि बीजेपी और 'हम' ने तीन-तीन सीटें जीती थीं। जहानाबाद, औरंगाबाद और अरवल जिलों में तो एनडीए अपना खाता भी नहीं खोल पाया था। एनडीए का यह खराब प्रदर्शन कुशवाहा और अनुसूचित जाति मतदाताओं के समर्थन में आई संभावित दरार के कारण हुआ था।
खोई जमीन वापस पाने की नई रणनीति
अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए, एनडीए ने इस बार एक बदली हुई रणनीति पर दांव लगाया है। एनडीए ने कई सीटों पर अपने मौजूदा उम्मीदवारों को बदलकर नए चेहरों को मौका दिया है।
लोजपा (आरवी) को जगह: एनडीए ने अपने नए सहयोगी लोजपा (आरवी) (चिराग पासवान की पार्टी), जिसने 2020 का चुनाव अकेले लड़ा था, को इस क्षेत्र में छह सीटें आवंटित की हैं। इनमें बोधगया, शेरघाटी (गया), नवादा, गोविंदपुर (नवादा), मखदुमपुर (जहानाबाद) और ओबरा (औरंगाबाद) शामिल हैं।
जीतन राम मांझी की पार्टी हम का फोकस
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के गृह जिले गया सहित, उनकी पार्टी 'हम' को आवंटित कुल छह में से पाँच सीटें इसी मगध क्षेत्र में मिली हैं। हम अत्री, वजीरगंज, बाराचट्टी, टेकारी (गया) और कुटुम्बा (औरंगाबाद) सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
एससी मतदाताओं को साधने पर जोर
लोजपा (आरवी) और हम को कुल 11 सीटें देना अनुसूचित जाति (एससी) मतदाताओं के बीच अपना समर्थन आधार फिर से हासिल करने की एनडीए की स्पष्ट रणनीति को दर्शाता है, क्योंकि ये दोनों पार्टियाँ बिहार में एनडीए के एससी चेहरे हैं।
महागठबंधन की चुनौती
महागठबंधन की मुख्य सहयोगी आरजेडी, जिसने 2020 में 15 सीटें जीती थीं, 2020 के प्रदर्शन को दोहराने की चुनौतियों से वाकिफ है। आरजेडी ने अपनी अधिकांश सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए हैं और केवल पांच मौजूदा विधायकों को ही टिकट दिया है। इसके अलावा, आरजेडी की विधायक विभा देवी नवादा सीट से इस्तीफा देने के बाद अब जेडीयू की उम्मीदवार हैं। आरजेडी ने इस क्षेत्र की आठ सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया है। महागठबंधन में कांग्रेस पांच और भाकपा (माले) दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
एनडीए की पिछली हार और नए सहयोगी
मगध क्षेत्र की 26 सीटों में से एनडीए केवल छह सीटें ही जीत पाई थी, जबकि महागठबंधन ने 20 सीटों पर कब्जा किया था। एनडीए की प्रमुख सहयोगी जेडीयू इस क्षेत्र में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, जबकि बीजेपी और 'हम' ने तीन-तीन सीटें जीती थीं। जहानाबाद, औरंगाबाद और अरवल जिलों में तो एनडीए अपना खाता भी नहीं खोल पाया था। एनडीए का यह खराब प्रदर्शन कुशवाहा और अनुसूचित जाति मतदाताओं के समर्थन में आई संभावित दरार के कारण हुआ था।
खोई जमीन वापस पाने की नई रणनीति
अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए, एनडीए ने इस बार एक बदली हुई रणनीति पर दांव लगाया है। एनडीए ने कई सीटों पर अपने मौजूदा उम्मीदवारों को बदलकर नए चेहरों को मौका दिया है।
लोजपा (आरवी) को जगह: एनडीए ने अपने नए सहयोगी लोजपा (आरवी) (चिराग पासवान की पार्टी), जिसने 2020 का चुनाव अकेले लड़ा था, को इस क्षेत्र में छह सीटें आवंटित की हैं। इनमें बोधगया, शेरघाटी (गया), नवादा, गोविंदपुर (नवादा), मखदुमपुर (जहानाबाद) और ओबरा (औरंगाबाद) शामिल हैं।
जीतन राम मांझी की पार्टी हम का फोकस
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के गृह जिले गया सहित, उनकी पार्टी 'हम' को आवंटित कुल छह में से पाँच सीटें इसी मगध क्षेत्र में मिली हैं। हम अत्री, वजीरगंज, बाराचट्टी, टेकारी (गया) और कुटुम्बा (औरंगाबाद) सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
एससी मतदाताओं को साधने पर जोर
लोजपा (आरवी) और हम को कुल 11 सीटें देना अनुसूचित जाति (एससी) मतदाताओं के बीच अपना समर्थन आधार फिर से हासिल करने की एनडीए की स्पष्ट रणनीति को दर्शाता है, क्योंकि ये दोनों पार्टियाँ बिहार में एनडीए के एससी चेहरे हैं।
महागठबंधन की चुनौती
महागठबंधन की मुख्य सहयोगी आरजेडी, जिसने 2020 में 15 सीटें जीती थीं, 2020 के प्रदर्शन को दोहराने की चुनौतियों से वाकिफ है। आरजेडी ने अपनी अधिकांश सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए हैं और केवल पांच मौजूदा विधायकों को ही टिकट दिया है। इसके अलावा, आरजेडी की विधायक विभा देवी नवादा सीट से इस्तीफा देने के बाद अब जेडीयू की उम्मीदवार हैं। आरजेडी ने इस क्षेत्र की आठ सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया है। महागठबंधन में कांग्रेस पांच और भाकपा (माले) दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
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