गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक व्यापारी ने घर में रखी लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर खुद की जान ले ली। यह घटना मसूरी इलाके के आकाश नगर इलाके में हुई। मृतक की शिनाख्त योगेंद्र राघव उर्फ पप्पू के तौर पर की गई है, जो मंडी में आढ़तिये का काम करते थे। उन्होंने सुसाइड नोट में व्यापार में साझेदारों के साथ ही पुलिस को भी कसूरवार ठहराया है। उनके बेटे ने पांच लोगों के खिलाफ मौत के लिए उकसाने की शिकायत की है।
61 साल के व्यापारी के आत्महत्या मामले में यह बात सामने आई है कि कुछ समय पहले उन्होंने राशिद नामक शख्स के साथ साझे में बिजनस शुरू किया था। लेकिन व्यापार में रुपयों के लेन-देन को लेकर कुछ दिनों से मनमुटाव के बाद बंटवारा हो गया। सुसाइड नोट के अनुसार राशिद ने योगेंद्र पर हिसाब को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया। बात बढ़ने लगी तो राशिद ने मानसिक उत्पीड़न के साथ ही मंडी में बदनाम करना शुरू कर दिया।
योगेंद्र ने सीएम पोर्टल पर शिकायत कराई। मामले की जांच लिंक रोड थाना स्थित रेलवे रोड चौकी इंचार्ज लालचंद कन्नौजिया के पास पहुंची। आरोप है कि लालचंद ने इस मामले में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया। राशिद के साथ सेटिंग के बाद चौकी इंचार्ज ने कथित रूप से रिश्वत लेकर फैसला उसके पक्ष में कर दिया। साथ ही योगेंद्र को समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने पर बेटे को जेल भेजने की धमकी भी दी।
इस पूरे प्रकरण से परेशान होकर योगेंद्र राघव ने घर पर अपने भाई की लाइसेंसी बंदूक से जीवनलीला समाप्त कर ली। उन्होंने नोट में मुख्यमंत्री योगी से आग्रह किया है कि उनके परिवार को इंसाफ मिले और दोषियों राशिद, राशिद का भाई सानू, अतुल मुनीम, दरोगा लालचंद कनौजिया, कल्लू के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मामले में आगे की जांच जारी है।
61 साल के व्यापारी के आत्महत्या मामले में यह बात सामने आई है कि कुछ समय पहले उन्होंने राशिद नामक शख्स के साथ साझे में बिजनस शुरू किया था। लेकिन व्यापार में रुपयों के लेन-देन को लेकर कुछ दिनों से मनमुटाव के बाद बंटवारा हो गया। सुसाइड नोट के अनुसार राशिद ने योगेंद्र पर हिसाब को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया। बात बढ़ने लगी तो राशिद ने मानसिक उत्पीड़न के साथ ही मंडी में बदनाम करना शुरू कर दिया।
योगेंद्र ने सीएम पोर्टल पर शिकायत कराई। मामले की जांच लिंक रोड थाना स्थित रेलवे रोड चौकी इंचार्ज लालचंद कन्नौजिया के पास पहुंची। आरोप है कि लालचंद ने इस मामले में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया। राशिद के साथ सेटिंग के बाद चौकी इंचार्ज ने कथित रूप से रिश्वत लेकर फैसला उसके पक्ष में कर दिया। साथ ही योगेंद्र को समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने पर बेटे को जेल भेजने की धमकी भी दी।
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