खाटू श्याम बाबा मंदिर से जुड़ा इतिहास और पौराणिक कहानी जरूर जानें

आप जब भी किसी धार्मिक तीर्थस्थल पर जाने की प्लानिंग करते हैं, तो आपको उस तीर्थस्थल से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं, पौराणिक कहानियां और इतिहास के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। तभी आप दर्शन करते समय किसी प्रतीक से जुड़ी कहानी को सही तरीके से समझ पाएंगे। जैसे, खाटू श्याम बाबा की कहानी महाभारत से जुड़ी हुई है। खाटू श्याम बाबा महाभारत के बर्बरीक हैं जिन्होंने अपनी मां को वचन दिया था कि युद्ध में जो भी हार रहा होगा, वे उनका साथ देंगे। श्रीकृष्ण बर्बरीक की शक्तियों से परिचित थे। कृष्ण जानते थे कि अगर बर्बरीक ने कौरवों का साथ दिया, तो पांडव युद्ध हार जाएंगे इसलिए उन्होंने एक ब्राह्मण का वेश धारण करके बर्बरीक से शीश दान करके को कहा। बर्बरीक ने अपने वचन का पालन किया और कृष्ण को शीश दान में दे दिया। बर्बरीक की वचनबद्धता, भक्ति और समर्पण देखकर कृष्ण ने उन्हें दर्शन दिए और वरदान दिया कि कलियुग में वे उनके नाम 'श्याम' नाम से जाने जाएंगे। तब से बर्बरीक जी को 'खाटू श्याम बाबा' के नाम से जाना जाता है।
खाटू श्याम जाएं, तो श्याम कुंड में स्नान जरूर करें
खाटू श्याम बाबा मंदिर में श्याम कुंड है। धार्मिक मान्यता के अनुसार जो भी व्यक्ति श्याम कुंड में स्नान करता है, उसे सभी रोग और अन्य शारीरिक कष्ट दूर होते हैं और वह स्वस्थ हो जाता है। विशेषकर हर साल लगने वाले फाल्गुन मेले में श्याम कुंड में स्नान करने का विशेष महत्व है।
खाटू श्याम बाबा के मंदिर में होती हैं 5 तरह की विशेष आरती
खाटू श्याम बाबा के मंदिर में 5 तरह की विशेष आरती होती हैं। आप मंदिर दर्शन करने आएं, तो इन पांचों आरती में शामिल होने की कोशिश जरूर करें। मंगला आरती- सुबह मंदिर के खुलते ही मंगला आरती की जाती है। श्रृंगार आरती- जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि इस आरती के दौरान खाटू श्याम बाबा का श्रृंगार करके उन्हें नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। भोग आरती- दोपहर के समय खाटू श्याम बाबा को भोग लगाकर उनकी आरती की जाती है। संध्या आरती- सूर्यास्त से कुछ पहले शाम के समय संध्या आरती की जाती है। शयन आरती- रात्रि में शयन आरती करने के बाद मंदिर के पट को बंद कर दिया जाता है।
खाटू श्याम बाबा मंदिर के द्वार खुलने का समय
आप खाटू श्याम बाबा के मंदिर कभी भी जा सकते हैं। बाबा के दर्शन करने के लिए कोई विशेष दिन नहीं है। बाबा अपने भक्तों की हमेशा ही सुनते हैं। लेकिन आपको खाटू बाबा के मंदिर जाने से पहले मंदिर खुलने के समय को जरूर जान लेना चाहिए। सर्दियों और गर्मियों में मंदिर खुलने का समय अलग-अलग है। -खाटू श्याम बाबा का मंदिर सर्दियों में खुलने क समय सुबह 5:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक है। इसके बाद मंदिर फिर से शाम 5 बजे से लेकर 9 बजे तक खुला रहता है। -खाटू श्याम बाबा का मंदिर गर्मियों में खुलने क समय सुबह 4:30 बजे से लेकर दोपहर 12:30 तक खुला रहता है। इसके बाद शाम 4 बजे से लेकर मंदिर 10 बजे तक खुला रहता है।
खाटू श्याम बाबा के मंदिर कैसे पहुंचे

खाटू श्याम मंदिर सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रींगस जंक्शन (राजस्थान) है। यहां से मंदिर की दूरी 17 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन से आपको मंदिर पहुंचने के लिए आसानी से बस, कैब मिल जाएगी। दिल्ली-एनसीआर से खाटू श्याम मंदिर जाने के लिए कई बसें, कैब भी चलती हैं। आप फ्लाइट से यहां आना चाहते हैं, तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर है। जयपुर से खाटू श्याम बाबा का मंदिर 80 किलोमीटर की दूरी पर है।
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