नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने मुखर्जी नगर के सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के निवासियों से अपने फ्लैट खाली करने का कहा है ताकि डीडीए इन इमारतों को गिराने और फिर से बनाने का काम शुरू कर सके। अपार्टमेंट के ज्यादातर फ्लैटों को संरचनात्मक रूप से असुरक्षित घोषित किया गया है। दूसरी ओर, निवासियों ने किराए का भुगतान न होने का डीडीए पर आरोप लगाया।
MCD ने गिराने के जारी किए आदेश
डीडीए के 2007 और 2010 के बीच बनाए गए 336 फ्लैटों को आईआईटी दिल्ली के स्ट्रक्चरल ऑडिट के बाद असुरक्षित पाया गया था। इसके बाद, 2023 में, एमसीडी ने इन्हें गिराने के आदेश जारी किए। हालांकि, कई निवासियों ने इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी।
दोबारा से बनाने का दिया निर्देश
बता दें कि दिसंबर में, जस्टिस मिनी पुष्करणा ने इमारत को खतरनाक और रहने के लिए असुरक्षित बताते हुए, तोड़फोड़ के आदेश को बरकरार रखा और डीडीए को इन्हें दोबारा से बनाने का निर्देश दिया। निवासियों को खाली करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।
MCD ने गिराने के जारी किए आदेश
डीडीए के 2007 और 2010 के बीच बनाए गए 336 फ्लैटों को आईआईटी दिल्ली के स्ट्रक्चरल ऑडिट के बाद असुरक्षित पाया गया था। इसके बाद, 2023 में, एमसीडी ने इन्हें गिराने के आदेश जारी किए। हालांकि, कई निवासियों ने इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दी।
दोबारा से बनाने का दिया निर्देश
बता दें कि दिसंबर में, जस्टिस मिनी पुष्करणा ने इमारत को खतरनाक और रहने के लिए असुरक्षित बताते हुए, तोड़फोड़ के आदेश को बरकरार रखा और डीडीए को इन्हें दोबारा से बनाने का निर्देश दिया। निवासियों को खाली करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।
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