अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर परिसर के आठ देवालयों में एक साथ होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इसके लिए राम मंदिर को सजाने का काम किया जा रहा है। मंदिर के मुख्य शिखर कलश के साथ परकोटा के पांच मंदिरों के शिखर कलश पर सोने की परत जड़ने का काम पूरा कर लिया गया है। सोने की चमक से मंदिर के शीर्ष जहां और आकर्षक हो गए हैं, वहीं रात की लाइटिंग में इनकी दमक देखते ही बन रही है। राम मंदिर परिसर के 5 मंदिरों (परकोटा के) के शिखर कलश पर भी स्वर्ण परत जड़ने का काम पूरा हो चुका है। देवालयों के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 3 जून को शुरू होगा। यह 5 जून तक चलेगा। इसको लेकर तैयारियां पूरी कराई गई हैं।
तैयारियों को कराया गया पूराराम मंदिर परिसर के आठ देवालयों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की तैयारी पूरी हो गई है। कार्यक्रम 3 जून से शुरू होकर 5 जून तक चलेंगे, लेकिन इससे एक दिन पहले 2 जून को वैदिक मान्यताओं के मुताबिक सरयू तट से 400 महिलाएं सरयू जल लेकर कलश यात्रा पर निकलेंगी। इसके बाद 3 जून से प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया सभी मंदिरों के अनुष्ठान के लिए यजमान तय हो गए हैं।
डॉ. अनिल मिश्र राम लला की प्राण प्रतिष्ठा मे मुख्य यजमान थे। इस बार भी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा मे यह दायित्व निभाएंगे। उन्होंने बताया कि सारे अनुष्ठान वैसे ही होंगे जैसे प्रभु रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में हुए थे केवल इस बार सीमित संख्या में ही संत महंत व अतिथि शामिल होंगे।
मंदिरों में की गई सजावटदेवालयों की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए राम मंदिर को पूरी तरह से सजाया जा रहा है। भीषण गर्मी के कारण प्राण प्रतिष्ठा वाले सभी मंदिरों के भीतरी हिस्से मे फूल बंगले की सजावट की गई है जबकि बाहरी हिस्से को बिजली की लाइटिंग से जगमग किया गया है।
मंदिर कलश पर जड़ा गया सोनाराम मंदिर के मुख्य कलश के साथ ही परकोटा के 5 मंदिरों के कलश पर सोने की परत से जड़ने का काम पूरा हो गया है। ये मंदिर के शीर्ष सोने की चमक से बेहद खूबसूरत लग रहे हैं। रात की लाइटिंग मे इनकी दमक और बढ़ जाती है।
3 जून से शुरू होंगे अनुष्ठानराम मंदिर परिसर स्थित देवालयों में कार्यक्रम को लेकर सचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के कार्यक्रम 3 जून से शुरू होकर 5 जून तक चलेंगे। इसको लेकर तमाम तैयारियां पूरी कराई गई हैं।
निकलेगी जल कलश यात्रादेवालयों के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सोमवार 2 जून को सरयू तट से मंदिर तक जल कलश यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा द्वितीय बेला में चार बजे पुराने पुल के पूर्वी तट से शुरू होकर वीणा चौक, राम पथ, श्रृंगार हाट, हनुमान गढ़ी, दशरथ महल, रामकोट व रंगमहल बैरियर होते हुए यज्ञशाला पहुंचेगी। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान को लेकर यज्ञ कुंड स्थल बन कर तैयार हो चुका है।
तैयारियों को कराया गया पूराराम मंदिर परिसर के आठ देवालयों में एक साथ प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की तैयारी पूरी हो गई है। कार्यक्रम 3 जून से शुरू होकर 5 जून तक चलेंगे, लेकिन इससे एक दिन पहले 2 जून को वैदिक मान्यताओं के मुताबिक सरयू तट से 400 महिलाएं सरयू जल लेकर कलश यात्रा पर निकलेंगी। इसके बाद 3 जून से प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया सभी मंदिरों के अनुष्ठान के लिए यजमान तय हो गए हैं।
डॉ. अनिल मिश्र राम लला की प्राण प्रतिष्ठा मे मुख्य यजमान थे। इस बार भी राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा मे यह दायित्व निभाएंगे। उन्होंने बताया कि सारे अनुष्ठान वैसे ही होंगे जैसे प्रभु रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में हुए थे केवल इस बार सीमित संख्या में ही संत महंत व अतिथि शामिल होंगे।
मंदिरों में की गई सजावटदेवालयों की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए राम मंदिर को पूरी तरह से सजाया जा रहा है। भीषण गर्मी के कारण प्राण प्रतिष्ठा वाले सभी मंदिरों के भीतरी हिस्से मे फूल बंगले की सजावट की गई है जबकि बाहरी हिस्से को बिजली की लाइटिंग से जगमग किया गया है।
मंदिर कलश पर जड़ा गया सोनाराम मंदिर के मुख्य कलश के साथ ही परकोटा के 5 मंदिरों के कलश पर सोने की परत से जड़ने का काम पूरा हो गया है। ये मंदिर के शीर्ष सोने की चमक से बेहद खूबसूरत लग रहे हैं। रात की लाइटिंग मे इनकी दमक और बढ़ जाती है।
3 जून से शुरू होंगे अनुष्ठानराम मंदिर परिसर स्थित देवालयों में कार्यक्रम को लेकर सचिव चंपत राय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के कार्यक्रम 3 जून से शुरू होकर 5 जून तक चलेंगे। इसको लेकर तमाम तैयारियां पूरी कराई गई हैं।
निकलेगी जल कलश यात्रादेवालयों के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सोमवार 2 जून को सरयू तट से मंदिर तक जल कलश यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा द्वितीय बेला में चार बजे पुराने पुल के पूर्वी तट से शुरू होकर वीणा चौक, राम पथ, श्रृंगार हाट, हनुमान गढ़ी, दशरथ महल, रामकोट व रंगमहल बैरियर होते हुए यज्ञशाला पहुंचेगी। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान को लेकर यज्ञ कुंड स्थल बन कर तैयार हो चुका है।
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