इंफाल: मणिपुर में पिछले 48 घंटों में कई प्रतिबंधित संगठनों के कुल 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि प्रतिबंधित यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (पाम्बेई) के दो कार्यकर्ताओं को शनिवार को इंफाल ईस्ट जिले के नोंगदम गांव के पास नापेटपल्ली एंड्रो रोड से गिरफ्तार किया गया, जो कथित तौर पर जबरन वसूली में संलिप्त थे। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को बिष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग वार्ड नंबर 13 से प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (ताइबांगनबा) के एक सदस्य को गिरफ्तार किया। किस आरोप में गिरफ्तारी?अधिकारी के मुताबिक, प्रतिबंधित केसीपी (एमएफएल) के दो कार्यकर्ताओं को उसी दिन इंफाल वेस्ट जिले के सलाम ममांग लेईकाई केतुकी लम्पक से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि वे कथित तौर पर जबरन वसूली में शामिल थे। अधिकारी के अनुसार, राज्य पुलिस ने शुक्रवार को इंफाल ईस्ट जिले के क्यामगेई हेइबोंग माखोंग इलाके से प्रतिबंधित प्रेपक (पीआरओ) के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित कांगलेई यावोल कन्ना लूप (केवाईकेएल) के एक कार्यकर्ता को इंफाल ईस्ट जिले से हिरासत में लिया गया। सात उग्रवादी थौबल जिले से अरेस्टअधिकारी के मुताबिक, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी ऑफ कांगलीपाक (यूपीपीके) के एक सदस्य को भी शुक्रवार को इंफाल ईस्ट जिले से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित प्रेपक के एक अन्य सक्रिय कार्यकर्ता को उसी दिन इंफाल ईस्ट जिले के संजेनबाम शांगशाबी गांव से गिरफ्तार किया गया। मणिपुर पुलिस ने रविवार दोपहर कहा कि प्रतिबंधित कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) के सात उग्रवादियों को थौबल जिले के हीरोक पार्ट-तीन में कमांडो टीम और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की इकाइयों की ओर से मध्यरात्रि में चलाए गए अभियान के दौरान गिरफ्तार किया गया। हथियार और गोला-बारूद बरामदयह कार्रवाई रात करीब एक बजे से तीन बजे तक चली। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार उग्रवादियों के पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि कुछ स्थानीय लोगों ने पत्थर फेंककर पुलिसकर्मियों को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए गैर-घातक साधनों का इस्तेमाल किया गया। सुरक्षाबलों के कुछ वाहन क्षतिग्रस्तउन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों के कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है। मई 2023 में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से पुलिस और सुरक्षा बल पूरे मणिपुर में तलाशी अभियान चला रहे हैं। मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय संघर्ष में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। (इनपुट भाषा)
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