मथुरा: उत्तर प्रदेश के वृंदावन में रहने वाले कथा वाचक स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज पर विवाद लगातार गहराया हुआ है। पिछले दिनों वे कई मसलों पर बयान देते दिखे हैं। सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की वकालत करने वाले स्वामी अनिरुद्धाचार्य ने लिव-इन रिलेशनशिप पर ऐसा बयान दिया, जिसको लेकर सबसे अधिक विवाद गहराया हुआ है। उन्होंने लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली लड़की-महिलाओं को वेश्या कह दिया। इसके बाद उनकी परेशानी बढ़ी हुई है। वहीं उन्होंने इस प्रकार के रिश्ते में रहने वाले पुरुष और महिलाओं को चरित्रहीन कहा दिया। इस प्रकार के बयान के बाद विवाद गहराया तो अब वे पूरे मामले पर अपना पक्ष रखते दिख रहे हैं।
अनिरुद्धाचार्य पिछले दिनों कई टीवी चैनलों को इंटरव्यू दिया। इसमें वह लिव-इन रिलेशनशिप पर बयान देते दिखे। वहीं, एक कथा के दौरान भी उन्होंने विभिन्न रिलेशनशिप को लेकर बड़ा बयान दिया है। दरअसल उनके बयान के बाद टीवी चैनल पर बहस के दौरान एक महिला एक्टिविस्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप की वकालत करते हुए शादी से पहले 'टेस्ट ड्राइव' की बात कही थी। अब इस पर उन्होंने जोरदार हमला बोला है।
रामायण का किया जिक्रअनिरुद्धाचार्य ने एक कथा के दौरान रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें एक पात्र है सूर्पनखा। वह मनमाना रवैया अपनाती है। दिन-रात किसी समय घर से निकल जाती है। अगर किसी सुंदर पुरुष को देखती है तो उसे पाने की लालसा रखती है। जब वह प्रभु श्रीराम के पास आती है तो वह उन्हें पाने की इच्छा जताती है। उन्हें बोल देती है, आई लव यू। लक्ष्मण को देखती है तो उनके लिए उसका दिल मचल पड़ता है। लेकिन, माता सीता मर्यादा में रहती हैं। उनका पति के समर्पण आज भी उदाहरण है।
सूर्पनखा जैसी महिला जब अनैतिकता की हद पार करती है तो से नाक गंवानी पड़ती है। इसलिए अगर आप अपने मन की मालकिन हैं तो किसी के साथ जाइए। लेकिन, एक दिन इसका कुप्रभाव आपको ही झेलना पड़ेगा। यह भारतीय संस्कृति का मूल आधार है। हम नारी की देवी का स्वरूप मानते हैं। अगर देवी की कृपा यानी महिला दायरे में रहकर परिवार के लिए काम करती हैं तो उस परिवार की समृद्धि को कोई नहीं रोक सकता।
अनैतिक रिश्तों पर हमलास्वामी अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि हमारा बयान अनैतिक रिश्तों में रह रहे लोगों को लेकर था। उन्होंने कहा कि हमने कभी सभी लड़कियों के लिए कोई बयान नहीं दिया। हमने उनके बारे में कहा है, जो अनैतिक रिश्तों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे बयान लिव-इन जोड़ों को लेकर थे। इस कारण धर्म के पथ पर चलने वाले लोगों को मेरे बयान से कोई फर्क नहीं पड़ा। जिन लोगों के मन में पाप है, उन्हें ही मेरे बयान से बुरा लगा।
अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि अब वे लोग हमारे खिलाफ बोल रहे हैं। हमारे बयान पर कितने लोगों को बुरा लगा है, यह देख लीजिए। जिन लोगों के मन में पाप नहीं है, वह हमारे बयान पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। लेकिन जो गलत कर रहे हैं, वही लगातार बोल रहे हैं। उन्होंने मीडिया से भी अपील की है कि सही को सही और गलत को गलत कहें, तभी एक आदर्श माहौल बनेगा।
अनिरुद्धाचार्य पिछले दिनों कई टीवी चैनलों को इंटरव्यू दिया। इसमें वह लिव-इन रिलेशनशिप पर बयान देते दिखे। वहीं, एक कथा के दौरान भी उन्होंने विभिन्न रिलेशनशिप को लेकर बड़ा बयान दिया है। दरअसल उनके बयान के बाद टीवी चैनल पर बहस के दौरान एक महिला एक्टिविस्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप की वकालत करते हुए शादी से पहले 'टेस्ट ड्राइव' की बात कही थी। अब इस पर उन्होंने जोरदार हमला बोला है।
रामायण का किया जिक्रअनिरुद्धाचार्य ने एक कथा के दौरान रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें एक पात्र है सूर्पनखा। वह मनमाना रवैया अपनाती है। दिन-रात किसी समय घर से निकल जाती है। अगर किसी सुंदर पुरुष को देखती है तो उसे पाने की लालसा रखती है। जब वह प्रभु श्रीराम के पास आती है तो वह उन्हें पाने की इच्छा जताती है। उन्हें बोल देती है, आई लव यू। लक्ष्मण को देखती है तो उनके लिए उसका दिल मचल पड़ता है। लेकिन, माता सीता मर्यादा में रहती हैं। उनका पति के समर्पण आज भी उदाहरण है।
सूर्पनखा जैसी महिला जब अनैतिकता की हद पार करती है तो से नाक गंवानी पड़ती है। इसलिए अगर आप अपने मन की मालकिन हैं तो किसी के साथ जाइए। लेकिन, एक दिन इसका कुप्रभाव आपको ही झेलना पड़ेगा। यह भारतीय संस्कृति का मूल आधार है। हम नारी की देवी का स्वरूप मानते हैं। अगर देवी की कृपा यानी महिला दायरे में रहकर परिवार के लिए काम करती हैं तो उस परिवार की समृद्धि को कोई नहीं रोक सकता।
अनैतिक रिश्तों पर हमलास्वामी अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि हमारा बयान अनैतिक रिश्तों में रह रहे लोगों को लेकर था। उन्होंने कहा कि हमने कभी सभी लड़कियों के लिए कोई बयान नहीं दिया। हमने उनके बारे में कहा है, जो अनैतिक रिश्तों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे बयान लिव-इन जोड़ों को लेकर थे। इस कारण धर्म के पथ पर चलने वाले लोगों को मेरे बयान से कोई फर्क नहीं पड़ा। जिन लोगों के मन में पाप है, उन्हें ही मेरे बयान से बुरा लगा।
अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि अब वे लोग हमारे खिलाफ बोल रहे हैं। हमारे बयान पर कितने लोगों को बुरा लगा है, यह देख लीजिए। जिन लोगों के मन में पाप नहीं है, वह हमारे बयान पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। लेकिन जो गलत कर रहे हैं, वही लगातार बोल रहे हैं। उन्होंने मीडिया से भी अपील की है कि सही को सही और गलत को गलत कहें, तभी एक आदर्श माहौल बनेगा।