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माथे पर बड़ा सा तिलक और कलाई पर कलावा क्यों बांधते हैं चिराग पासवान? केंद्रीय मंत्री ने बताई वजह

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पटना: बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री और हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में अपने जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि माथे पर तिलक और कलाई पर कलावा बांधने के पीछे आस्था और अनुभवों की गहरी भूमिका है। चिराग पासवान ने बताया कि वे हमेशा से एक आध्यात्मिक व्यक्ति रहे हैं, लेकिन पिछले चार-पांच वर्षों में उनका झुकाव धार्मिकता की ओर और गहराया है। उन्होंने कहा कि 'पहले मैं आध्यात्मिक व्यक्ति था, लेकिन अब पूजा-पाठ और धार्मिक कर्मकांडों में ज्यादा सक्रिय हो गया हूं।' विपरीत परिस्थितियों में आस्था बनी सहाराअपने जीवन के कठिन दौर को याद करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि जब उनके परिवार और पार्टी में टूट की स्थिति आई, तब आस्था ने उन्हें धैर्य और संयम दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि 'अगर मैंने उस वक्त धैर्य नहीं रखा होता, तो चीजें और ज्यादा बिगड़ जातीं।' ध्यान लगाने से मिली मानसिक शांति: चिरागचिराग पासवान ने यह भी बताया कि वे नियमित रूप से ध्यान लगाते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं। इससे उन्हें न केवल अवसाद से लड़ने में मदद मिलती है, बल्कि सफलता के समय भी अहंकार से बचने की शक्ति मिलती है। उनके अनुसार, 'सब कुछ अस्थायी है- पद, प्रतिष्ठा, सत्ता, यह समझ मुझे संतुलित रखती है।' पार्टी और परिवार के टूटने ने बदला नजरिया: चिरागकेंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि धार्मिकता की ओर उनके बढ़ते झुकाव की शुरुआत उस समय हुई जब लोक जनशक्ति पार्टी और पारिवारिक मोर्चे पर संकट आया। उन्होंने कहा कि '24 घंटे उसी बारे में सोचते रहते थे, तब महसूस हुआ कि दिमाग को शांत करना जरूरी है। पूजा और मंत्रों ने मुझे वो शांति दी।'चिराग ने स्पष्ट किया कि पूजा-पाठ उनके लिए कोई दिखावा नहीं है, बल्कि अब यह उनके जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। उन्होंने बताया कि पार्टी और परिवार के विघटन के बाद उनकी आस्था और भी मजबूत हुई। उन्होंने ईश्वर का धन्यवाद करते हुए कहा, 'वहीं से इसकी शुरुआत हुई और तब से यह यात्रा लगातार आगे बढ़ रही है।'
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