लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान आज से शुरू हो गया है। इस अभियान के तहत बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना फॉर्म देंगे, जिनमें उनका नाम, EPIC नंबर, भाग संख्या, क्रम संख्या और विधानसभा क्षेत्र का विवरण पहले से छपा होगा। इस सर्वे के दौरान ये लोग वोटरों से कुछ जानकारी मांगेंगे। लेकिन ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है। फर्जीवाड़ा और स्कैम करने वाले लोग आपसे कुछ संवेदनशील जानकारी लेकर आपके साथ ठगी कर सकते हैं।   
   
आम तौर पर एसआईआर के लिए आपके दरवाजे आने वाले बीएलओ आपसे एक फॉर्म भरवाएंगे। मतदाता इस फॉर्म में जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, माता-पिता के नाम, फोटो अपडेट करने की सुविधा आदि भर सकते हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाना है, जिसमें फर्जी, डुप्लीकेट और मृतक मतदाताओं को हटाया जाएगा और नए पात्र मतदाताओं को जोड़ा जाएगा।
     
लेकिन अगर ये लोग आपसे कोई ओटीपी मांगे, आपसे किसी किस्म का पासवर्ड पूछें या फिर आपकी बैंक डिटेल लेने की कोशिश करें तो सतर्क होने की जरूरत है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान के लिए ऐसी किसी भी चीज की जरूरत ही नहीं है। अगर कोई ऐसा करे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
     
यह अभियान लगभग एक महीने चलेगा और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इस दौरान बीएलओ हर घर तीन बार जाकर सुनिश्चित करेंगे कि कोई मतदाता छूट न जाए। उत्तर प्रदेश में करीब 15 करोड़ मतदाता इस प्रक्रिया के अंतर्गत कवर होंगे। 2003 के बाद यह पहला बड़ा पुनरीक्षण है। इसके बाद दावे और आपत्तियां दाखिल करने के लिए 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक का समय दिया जाएगा, जिसके बाद सभी अप्रमाणित मतदाताओं की जांच और निस्तारण की जाएगी।
   
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक पूर्व-भरे हुए गणना फॉर्म की प्रिंटिंग और तैयारियां की गई थीं। चुनाव आयोग ने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और जन-केंद्रित बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि लोकतंत्र मजबूत हो सके।
  
आम तौर पर एसआईआर के लिए आपके दरवाजे आने वाले बीएलओ आपसे एक फॉर्म भरवाएंगे। मतदाता इस फॉर्म में जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, माता-पिता के नाम, फोटो अपडेट करने की सुविधा आदि भर सकते हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाना है, जिसमें फर्जी, डुप्लीकेट और मृतक मतदाताओं को हटाया जाएगा और नए पात्र मतदाताओं को जोड़ा जाएगा।
लेकिन अगर ये लोग आपसे कोई ओटीपी मांगे, आपसे किसी किस्म का पासवर्ड पूछें या फिर आपकी बैंक डिटेल लेने की कोशिश करें तो सतर्क होने की जरूरत है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान के लिए ऐसी किसी भी चीज की जरूरत ही नहीं है। अगर कोई ऐसा करे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
यह अभियान लगभग एक महीने चलेगा और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इस दौरान बीएलओ हर घर तीन बार जाकर सुनिश्चित करेंगे कि कोई मतदाता छूट न जाए। उत्तर प्रदेश में करीब 15 करोड़ मतदाता इस प्रक्रिया के अंतर्गत कवर होंगे। 2003 के बाद यह पहला बड़ा पुनरीक्षण है। इसके बाद दावे और आपत्तियां दाखिल करने के लिए 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक का समय दिया जाएगा, जिसके बाद सभी अप्रमाणित मतदाताओं की जांच और निस्तारण की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक पूर्व-भरे हुए गणना फॉर्म की प्रिंटिंग और तैयारियां की गई थीं। चुनाव आयोग ने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और जन-केंद्रित बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि लोकतंत्र मजबूत हो सके।
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