पटना: बिहार के बक्सर जिले में बिहार पुलिस विभाग की बहाली प्रक्रिया में बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ है। इटाढ़ी पुलिस लाइन में मेडिकल जांच में अनफिट अभ्यर्थियों को फिट करने के एवज में प्रति उम्मीदवार 10,000 रुपये की अवैध उगाही की जा रही थी। इस पूरे मामले का खुलासा बक्सर के पुलिस अधीक्षक (SP) शुभम आर्य ने किया। यह मामला होमगार्ड बहाली से संबंधित नहीं, बल्कि बिहार पुलिस विभाग की सीधी बहाली प्रक्रिया से जुड़ा है।
वसूली की पुष्टि
एसपी शुभम आर्या ने बताया कि जांच में प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) के आदित्य कुमार द्वारा कुल 5 लाख 10 हजार रुपये की अवैध वसूली की पुष्टि हुई है। इसमें से 3.50 लाख रुपये नकद लिए गए थे, जबकि शेष 1.60 लाख रुपये डिजिटल माध्यम (PhonePe) से प्राप्त किए गए। जांच में यह भी सामने आया कि इस भ्रष्टाचार में आदित्य कुमार के साथ तीन अन्य प्रशिक्षु भी शामिल थे। ये प्रशिक्षु सीधे अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उन्हें मेडिकल जांच में पास कराने का झांसा दे रहे थे।
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एसपी ने लिया एक्शन
पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पीटीसी आदित्य कुमार सहित तीनों संलिप्त प्रशिक्षुओं को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एसपी शुभम आर्या ने इस घटना के बाद जोर देकर कहा कि विभाग में पारदर्शिता और ईमानदारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसपी ने यह भी बताया कि इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और अन्य संलिप्त व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही अन्य दोषियों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
वसूली की पुष्टि
एसपी शुभम आर्या ने बताया कि जांच में प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) के आदित्य कुमार द्वारा कुल 5 लाख 10 हजार रुपये की अवैध वसूली की पुष्टि हुई है। इसमें से 3.50 लाख रुपये नकद लिए गए थे, जबकि शेष 1.60 लाख रुपये डिजिटल माध्यम (PhonePe) से प्राप्त किए गए। जांच में यह भी सामने आया कि इस भ्रष्टाचार में आदित्य कुमार के साथ तीन अन्य प्रशिक्षु भी शामिल थे। ये प्रशिक्षु सीधे अभ्यर्थियों से पैसे लेकर उन्हें मेडिकल जांच में पास कराने का झांसा दे रहे थे।
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एसपी ने लिया एक्शन
पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पीटीसी आदित्य कुमार सहित तीनों संलिप्त प्रशिक्षुओं को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एसपी शुभम आर्या ने इस घटना के बाद जोर देकर कहा कि विभाग में पारदर्शिता और ईमानदारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसपी ने यह भी बताया कि इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और अन्य संलिप्त व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही अन्य दोषियों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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