why Red Button on Laptop Keyboard: लैपटॉप पर माउस लगा होता है, लेकिन कुछ लोग फिर भी एक्सटर्नल माउस का इस्तेमाल करते हैं, ताकि काम आसानी से हो जाए। लेकिन क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि कुछ लैपटॉप में कीबोर्ड पर एक लाल बटन लगा होता है। जब आप इसे टच करेंगे या इस पर उंगली स्लाइड करेंगे तो आपको दिखेगा कि स्क्रीन पर जो कर्सर है, वह भी हिल रहा है। यह एक तरह का छोटा माउस ही है। यह लैपटॉप की स्क्रीन पर कर्सर को कंट्रोल करता है। यह खासतौर पर लेनोवो के थिंकपैड लैपटॉप में आता है। चलिए, जान लेते हैं कि यह लाल बटन किस काम का है और इसका यूज आमतौर पर कौन करते हैं?
यदि आपने भी कुछ लैपटॉप पर एक लाल बटन देखा है और नहीं समझ पाए हैं कि ये किस काम का है, तो हम आपको बताने वाले हैं कि इसका यूज क्या है। बहुत सारे लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
ट्रैकपॉइंट क्या है?इस छोटे लाल बटन को ट्रैकपॉइंट कहा जाता है। जो लैपटॉप के कीबोर्ड के बीच में आमतौर पर G, H, और B कीज के बीच होता है। इसे पॉइंटिंग स्टिक भी कहते हैं। यह कर्सर को स्क्रीन पर इधर-उधर ले जाने का काम करता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको इसे हिलाने की जरूरत नहीं, बल्कि इसे उस दिशा में हल्का-सा दबाना होता है। जिधर आप कर्सर को ले जाना चाहते हैं। यह बटन खासतौर पर लेनोवो के थिंकपैड लैपटॉप में होता है।
ट्रैकपॉइंट कैसे काम करता है?ट्रैकपॉइंट एक खास तरह का डिवाइस है, जो दबाव के आधार पर काम करता है। इसे हिलाने की बजाय, आप इसे जिस दिशा में दबाते हैं, कर्सर उसी दिशा में चलता है। अगर आप हल्का दबाते हैं, तो कर्सर धीरे चलता है और अगर ज्यादा जोर से दबाते हैं, तो कर्सर तेजी से चलता है। यह सिस्टम इतना आसान और तेज है कि आपको बार-बार टचपैड पर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
कीबोर्ड पर ही रहे हाथट्रैकपॉइंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको कर्सर चलाने के लिए अपने हाथ कीबोर्ड से हटाने की जरूरत नहीं पड़ती। यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है, जो तेजी से टाइप करते हैं, जैसे प्रोग्रामर या कोई राइटर। विशेषतौर पर इन्हीं लोगों के ये माउस काम आता है। ट्रैकपॉइंट का इस्तेमाल करने से कलाई पर कम जोर पड़ता है, क्योंकि आपको बार-बार हाथ नीचे ले जाकर टचपैड इस्तेमाल नहीं करना पड़ता। यह लंबे समय तक काम करने वालों के लिए फायदेमंद है।
यदि आपने भी कुछ लैपटॉप पर एक लाल बटन देखा है और नहीं समझ पाए हैं कि ये किस काम का है, तो हम आपको बताने वाले हैं कि इसका यूज क्या है। बहुत सारे लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
ट्रैकपॉइंट क्या है?इस छोटे लाल बटन को ट्रैकपॉइंट कहा जाता है। जो लैपटॉप के कीबोर्ड के बीच में आमतौर पर G, H, और B कीज के बीच होता है। इसे पॉइंटिंग स्टिक भी कहते हैं। यह कर्सर को स्क्रीन पर इधर-उधर ले जाने का काम करता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको इसे हिलाने की जरूरत नहीं, बल्कि इसे उस दिशा में हल्का-सा दबाना होता है। जिधर आप कर्सर को ले जाना चाहते हैं। यह बटन खासतौर पर लेनोवो के थिंकपैड लैपटॉप में होता है।
ट्रैकपॉइंट कैसे काम करता है?ट्रैकपॉइंट एक खास तरह का डिवाइस है, जो दबाव के आधार पर काम करता है। इसे हिलाने की बजाय, आप इसे जिस दिशा में दबाते हैं, कर्सर उसी दिशा में चलता है। अगर आप हल्का दबाते हैं, तो कर्सर धीरे चलता है और अगर ज्यादा जोर से दबाते हैं, तो कर्सर तेजी से चलता है। यह सिस्टम इतना आसान और तेज है कि आपको बार-बार टचपैड पर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
कीबोर्ड पर ही रहे हाथट्रैकपॉइंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको कर्सर चलाने के लिए अपने हाथ कीबोर्ड से हटाने की जरूरत नहीं पड़ती। यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है, जो तेजी से टाइप करते हैं, जैसे प्रोग्रामर या कोई राइटर। विशेषतौर पर इन्हीं लोगों के ये माउस काम आता है। ट्रैकपॉइंट का इस्तेमाल करने से कलाई पर कम जोर पड़ता है, क्योंकि आपको बार-बार हाथ नीचे ले जाकर टचपैड इस्तेमाल नहीं करना पड़ता। यह लंबे समय तक काम करने वालों के लिए फायदेमंद है।
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