सुनील मिश्रा, संभल: वंदे मातरम को लेकर चल रहे विवाद को लेकर अब संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क की भी एंट्री हो चुकी है। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि वह राष्ट्रगान गाते है। मदरसों में राष्ट्रगान गाया जाता है। लेकिन वह राष्ट्रगीत वंदेमातरम नहीं गाते और ना ही किसी को इसे गाने के लिए बाध्य किया जा सकता है। सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि उनके दादा पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी हमेशा वंदे मातरम का विरोध किया था। और वे स्वयं भी नहीं गाते।
सासंद जियाउर्रहमान बर्क बोले कि इस बात से मेरी देशभक्ति पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। हमारे बुजुर्गों ने इस देश के लिए कुर्बानियां दी हैं। पूरी दुनिया हमारे इतिहास को जानती है। हम जन, गण, मन राष्ट्रगान का सम्मान करते हैं। और उसे खड़े होकर दिल से गाते हैं। क्योंकि वह हमारे देश का राष्ट्रीय गायन है।
सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि वंदे मातरम में ऐसे शब्द हैं,जो उनके महजब के खिलाफ हैं। हम अल्लाह की इबादत करते हैं,किसी और जगह को सजदा नहीं कर सकते। यह हमारे हमारे मजहब और संवैधानिक अधिकार का हिस्सा है। समाजवादी सासंद ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने भी स्पष्ट किया कि किसी को वंदेमातरम कहने या फिर गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
पत्रकारों द्वारा पूंछे गए सवाल कि जब राष्ट्रीय गान एक है तो राष्ट्रीय गीत क्यों नहीं गाया जा सकता इसका जबाव देते हुए सासंद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि राष्ट्रगान के अल्फाज में कोई अपत्तिजनक बात नहीं है। इसलिए उसे स्कूलों और मदरसों में गाया जाता है। लेकिन वंदेमातरम के शब्द हमारे मजहब के खिलाफ हैं,इसलिए हम उसे नहीं गाते।
गौरतलब है कि संभल से सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। चाहें पिछले साल संभल हिंसा रही या फिर विपक्ष के किसी नेता के बयान का पलटवार करते सुने जा सकते और अब वंदेमातरम को लेकर भी उन्होंने स्पष्ट तौर पर बड़ा बयान दिया है। जिसको लेकर राजनैतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चा का बाजार गर्म हो गया है।
सासंद जियाउर्रहमान बर्क बोले कि इस बात से मेरी देशभक्ति पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। हमारे बुजुर्गों ने इस देश के लिए कुर्बानियां दी हैं। पूरी दुनिया हमारे इतिहास को जानती है। हम जन, गण, मन राष्ट्रगान का सम्मान करते हैं। और उसे खड़े होकर दिल से गाते हैं। क्योंकि वह हमारे देश का राष्ट्रीय गायन है।
सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि वंदे मातरम में ऐसे शब्द हैं,जो उनके महजब के खिलाफ हैं। हम अल्लाह की इबादत करते हैं,किसी और जगह को सजदा नहीं कर सकते। यह हमारे हमारे मजहब और संवैधानिक अधिकार का हिस्सा है। समाजवादी सासंद ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि कोर्ट ने भी स्पष्ट किया कि किसी को वंदेमातरम कहने या फिर गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
पत्रकारों द्वारा पूंछे गए सवाल कि जब राष्ट्रीय गान एक है तो राष्ट्रीय गीत क्यों नहीं गाया जा सकता इसका जबाव देते हुए सासंद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि राष्ट्रगान के अल्फाज में कोई अपत्तिजनक बात नहीं है। इसलिए उसे स्कूलों और मदरसों में गाया जाता है। लेकिन वंदेमातरम के शब्द हमारे मजहब के खिलाफ हैं,इसलिए हम उसे नहीं गाते।
गौरतलब है कि संभल से सपा सासंद जियाउर्रहमान बर्क अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। चाहें पिछले साल संभल हिंसा रही या फिर विपक्ष के किसी नेता के बयान का पलटवार करते सुने जा सकते और अब वंदेमातरम को लेकर भी उन्होंने स्पष्ट तौर पर बड़ा बयान दिया है। जिसको लेकर राजनैतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चा का बाजार गर्म हो गया है।
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