नई दिल्ली: आकाश कोचिंग ( Aakash Coaching ) चलाने वाली कंपनी आकाश एजुकेशनल सर्विसेज (Aakash Educational Services) के राइट इश्यू के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने थिंक एंड लर्न के रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (Think and Learn’s resolution professional) और ग्लास् ट्रस्ट (Glas Trust) की याचिकाओं को खारिज कर दिया। ये याचिकाएं आकाश एजुकेशनल सर्विसेज के राइट्स इश्यू (अधिकारों के तहत शेयर जारी करना) के फैसले को चुनौती दे रही थीं। ग्लास् ट्रस्ट, एडटेक कंपनी के अमेरिकी कर्जदाताओं का प्रतिनिधित्व करता है।
शेयरधारकों से मिल चुकी है मंजूरी
आकाश ने बीते 29 अक्टूबर को बताया था कि उसके शेयरधारकों ने कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी (Authorised Capital) बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह राइट्स इश्यू जारी करने से पहले एक ज़रूरी कदम होता है। इस कदम से बायजूस (Byju’s) की मूल कंपनी की हिस्सेदारी आकाश एजुकेशनल सर्विसेज में 25.75% से घटकर 5% से भी कम रह जाएगी। उल्लेखनीय है कि आकाश अपनी रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड जुटाना चाहती है।
एनसीएलटी से भी अपील खारिजइससे पहले, इसी मामले पर एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) और अपीलीय ट्रिब्यूनल में भी आपत्ति जताई गई थी, लेकिन दोनों बार उनकी अपील खारिज हो गई थी। ग्लास् ट्रस्ट, जो थिंक एंड लर्न की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (कर्जदाताओं की समिति) में 99.41% वोटिंग शेयर रखता है, का कहना था कि आकाश का राइट्स इश्यू किसी असली व्यावसायिक ज़रूरत से नहीं किया जा रहा है। बल्कि, यह बायजू के मूल्य को कम करने और यथास्थिति के आदेश को दरकिनार करने का एक सोची-समझी चाल है।
बायजूस का क्या है हाल
बायजूस इस समय दिवालियापन की कार्यवाही से गुजर रहा है। उसने साल 2021 में आकाश इंस्टीट्यूट (Aakash Institute) को 950 मिलियन डॉलर में खरीदा था। फिलहाल, रंजन पाई का मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप (Manipal Education and Medical Group) आकाश में सबसे बड़ा शेयरधारक है। इसकी हिस्सेदारी लगभग 58% है।
शेयरधारकों से मिल चुकी है मंजूरी
आकाश ने बीते 29 अक्टूबर को बताया था कि उसके शेयरधारकों ने कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी (Authorised Capital) बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह राइट्स इश्यू जारी करने से पहले एक ज़रूरी कदम होता है। इस कदम से बायजूस (Byju’s) की मूल कंपनी की हिस्सेदारी आकाश एजुकेशनल सर्विसेज में 25.75% से घटकर 5% से भी कम रह जाएगी। उल्लेखनीय है कि आकाश अपनी रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड जुटाना चाहती है।
एनसीएलटी से भी अपील खारिजइससे पहले, इसी मामले पर एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) और अपीलीय ट्रिब्यूनल में भी आपत्ति जताई गई थी, लेकिन दोनों बार उनकी अपील खारिज हो गई थी। ग्लास् ट्रस्ट, जो थिंक एंड लर्न की कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (कर्जदाताओं की समिति) में 99.41% वोटिंग शेयर रखता है, का कहना था कि आकाश का राइट्स इश्यू किसी असली व्यावसायिक ज़रूरत से नहीं किया जा रहा है। बल्कि, यह बायजू के मूल्य को कम करने और यथास्थिति के आदेश को दरकिनार करने का एक सोची-समझी चाल है।
बायजूस का क्या है हाल
बायजूस इस समय दिवालियापन की कार्यवाही से गुजर रहा है। उसने साल 2021 में आकाश इंस्टीट्यूट (Aakash Institute) को 950 मिलियन डॉलर में खरीदा था। फिलहाल, रंजन पाई का मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप (Manipal Education and Medical Group) आकाश में सबसे बड़ा शेयरधारक है। इसकी हिस्सेदारी लगभग 58% है।
You may also like

बिहार में अजगर की दहशत: 20 फीट लंबा अजगर पकड़ा गया

ऑस्ट्रेलिया में नहीं चला सूर्या का बल्ला तो टीम इंडिया से हो जाएगी छुट्टी, 2026 में ये खिलाड़ी होगा भारत का नया कप्तान

बोनी कपूर की सास सत्ती विनोद खन्ना पर भड़की थीं, कहा था- ऐसे मुश्किल आदमी के लिए पत्थर का शरीर बनाना पड़ता है

भारत की मजबूत लोकतांत्रिक नींव के कारण दुनिया निवेश के लिए आकर्षित हो रही है : लोकसभा अध्यक्ष

थम्मा ने बॉक्स ऑफिस पर कमाए 114.90 करोड़, जॉली एलएलबी 3 को किया पार




