मनीष सिंह, नोएडा: नवाजुद्दीन सिद्दीकी का डायलॉग "मैं मौत को छूकर टक से वापस आ सकता हूं" तो आपकी याद में जरूर होगा। नोएडा पुलिस ने भी कुछ वैसा ही काम किया है। उन्होंने ठगों के जाल में फंसे हुए सात लोगों को पांच करोड़ रुपये के लगभग रकम की ठगी होने से बचा लिया है। ये सभी लोग पांच अलग-अलग राज्यों से हैं। उत्तर प्रदेश में पहली बार ठगों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई हुई है। डीजीपी ने इस काम के लिए नोएडा पुलिस को पुरस्कार देने का ऐलान किया है।
असल में इन लोगों को शेयर बाजार में निवेश पर 50 से 100 प्रतिशत तक लाभ दिलाने का प्रलोभन दिया गया था। अब तक उन्होंने ठगों को 12 लाख से 40 लाख रुपये तक भेजे थे। वे अब एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम लगाने की योजना बना रहे थे, लेकिन ठीक समय पर नोएडा पुलिस की साइबर सेल ने ठगों की योजना पकड़ ली और पीड़ितों को निवेश से बचा लिया।
एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल ने बताया कि साइबर क्राइम टीम ठगी करने वाले गैंग की पूरी निगरानी कर रही है। उन्होंने इन्वेस्टिगेशन के दौरान उन लोगों को समय रहते पहचान लिया जो लंबे समय से ऑनलाइन निवेश के धोखे में फंसे थे और ठगों के प्रभाव में आकर पैसे भेज रहे थे। इस काम के लिए साइबर कमांडो सचिन धामा के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई थी। जांच में पता चला कि तमिलनाडु, गुजरात, तेलंगाना, ओडिशा और राजस्थान के सात लोग इस साइबर ठगी में सीधे फंसे हुए थे। इन्हें सोशल मीडिया के ग्रुप्स में जोड़कर स्टॉक मार्केट और अन्य निवेश के झांसे में रखा गया था। ये सभी कई महीनों से इस जाल में उलझे हुए थे।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने तेज और उचित कार्रवाई करते हुए साइबर इंटेलिजेंस और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस समेत अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर साइबर अपराध को होने से पहले ही रोक दिया। पुलिस ने सीधे संपर्क कर सात ऐसे पीड़ितों को करोड़ों रुपये के वित्तीय नुकसान से बचा लिया जो धोखे में फंसे हुए थे।
असल में इन लोगों को शेयर बाजार में निवेश पर 50 से 100 प्रतिशत तक लाभ दिलाने का प्रलोभन दिया गया था। अब तक उन्होंने ठगों को 12 लाख से 40 लाख रुपये तक भेजे थे। वे अब एक करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम लगाने की योजना बना रहे थे, लेकिन ठीक समय पर नोएडा पुलिस की साइबर सेल ने ठगों की योजना पकड़ ली और पीड़ितों को निवेश से बचा लिया।
एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल ने बताया कि साइबर क्राइम टीम ठगी करने वाले गैंग की पूरी निगरानी कर रही है। उन्होंने इन्वेस्टिगेशन के दौरान उन लोगों को समय रहते पहचान लिया जो लंबे समय से ऑनलाइन निवेश के धोखे में फंसे थे और ठगों के प्रभाव में आकर पैसे भेज रहे थे। इस काम के लिए साइबर कमांडो सचिन धामा के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई थी। जांच में पता चला कि तमिलनाडु, गुजरात, तेलंगाना, ओडिशा और राजस्थान के सात लोग इस साइबर ठगी में सीधे फंसे हुए थे। इन्हें सोशल मीडिया के ग्रुप्स में जोड़कर स्टॉक मार्केट और अन्य निवेश के झांसे में रखा गया था। ये सभी कई महीनों से इस जाल में उलझे हुए थे।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने तेज और उचित कार्रवाई करते हुए साइबर इंटेलिजेंस और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस समेत अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर साइबर अपराध को होने से पहले ही रोक दिया। पुलिस ने सीधे संपर्क कर सात ऐसे पीड़ितों को करोड़ों रुपये के वित्तीय नुकसान से बचा लिया जो धोखे में फंसे हुए थे।
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