गाजियाबाद: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ऑफिस में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर जबरन अंदर घुस गए। किसान वेव सिटी के साथ हुए समझौते को लागू न किए जाने से नाराज थे। अपनी मांग मनवाने के लिए उन्होंने जीडीए के गेट को तोड़ दिया और फिर जीडीए दफ्तर में घुसकर करीब पांच घंटे तक जमकर हंगामा किया। गेट तोड़ने के दौरान एक गार्ड घायल हो गया। करीब पांच घंटे तक जीडीए के अधिकारी और कर्मचारी बंधक जैसे हालात में रहे।
दरअसल यह पूरा मामला वेव सिटी के लिए जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है। किसानों का आरोप है कि कंपनी ने उनसे जमीन लेते समय कुछ वादे किए थे, जो अब तक पूरे नहीं हुए है। इन वादों में किसानों को बेहतर मुआवजा, रोजगार और विकास से जुड़ी कुछ सुविधाएं देना शामिल था। लंबे समय से इन मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा था, जिससे किसान काफी नाराज थे।
इस मामले को लेकर जीडीए में कई दौर की बैठक हो चुकी है। इसी नाराजगी के चलते सोमवार को भारी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ जीडीए ऑफिस पहुंच गए। जब जीडीए पुलिस और गार्ड ने गेट खोलने से इनकार कर दिया, तो गुस्साए किसानों ने पहले गेट तोड़ा और फिर उसी रास्ते से जीडीए ऑफिस में घुस गए।
पांच घंटे चला हंगामा
जीडीए में घुसने के बाद किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने लगे। करीब पांच घंटे तक यह हंगामा चलता रहा। इस दौरान अधिकारियों ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे।
आखिरकार जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह को खुद सामने आना पड़ा। उन्होंने किसानों को लिखित में आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। जीडीए सचिव ने बताया कि 11 सितंबर को वेव सिटी के डायरेक्टर्स के साथ एक अहम बैठक होगी। इस बैठक में जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स और किसानों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। इस मीटिंग का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि वेव सिटी के साथ हुआ समझौता पूरी तरह से लागू हो। इस लिखित आश्वासन के बाद ही किसानों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया।
जाम की बनी स्थिति
हापुड़ चुंगी से पुराने बस अड्डे की तरफ आने वाले ट्रैफिक बुरी तरह से फंस गया था। जिन लोगों को निगम और अन्य स्थानों पर सर्विस रोड से जाना था वह जाम में फंसे रहे। पुराने बस अड्डे से होकर जाने वाले बस सीधे फ्लाईओवर के माध्यम से निकलने लगी। सवारियों को भी ऑटो और ई-रिक्शा के लिए इंतजार करना पड़ा। वहीं जीडीए का भी कामकाज प्रभावित रहा।
दरअसल यह पूरा मामला वेव सिटी के लिए जमीन अधिग्रहण से जुड़ा है। किसानों का आरोप है कि कंपनी ने उनसे जमीन लेते समय कुछ वादे किए थे, जो अब तक पूरे नहीं हुए है। इन वादों में किसानों को बेहतर मुआवजा, रोजगार और विकास से जुड़ी कुछ सुविधाएं देना शामिल था। लंबे समय से इन मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा था, जिससे किसान काफी नाराज थे।
इस मामले को लेकर जीडीए में कई दौर की बैठक हो चुकी है। इसी नाराजगी के चलते सोमवार को भारी संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ जीडीए ऑफिस पहुंच गए। जब जीडीए पुलिस और गार्ड ने गेट खोलने से इनकार कर दिया, तो गुस्साए किसानों ने पहले गेट तोड़ा और फिर उसी रास्ते से जीडीए ऑफिस में घुस गए।
पांच घंटे चला हंगामा
जीडीए में घुसने के बाद किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने लगे। करीब पांच घंटे तक यह हंगामा चलता रहा। इस दौरान अधिकारियों ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे।
आखिरकार जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह को खुद सामने आना पड़ा। उन्होंने किसानों को लिखित में आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। जीडीए सचिव ने बताया कि 11 सितंबर को वेव सिटी के डायरेक्टर्स के साथ एक अहम बैठक होगी। इस बैठक में जीडीए के उपाध्यक्ष अतुल वत्स और किसानों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। इस मीटिंग का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि वेव सिटी के साथ हुआ समझौता पूरी तरह से लागू हो। इस लिखित आश्वासन के बाद ही किसानों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया।
जाम की बनी स्थिति
हापुड़ चुंगी से पुराने बस अड्डे की तरफ आने वाले ट्रैफिक बुरी तरह से फंस गया था। जिन लोगों को निगम और अन्य स्थानों पर सर्विस रोड से जाना था वह जाम में फंसे रहे। पुराने बस अड्डे से होकर जाने वाले बस सीधे फ्लाईओवर के माध्यम से निकलने लगी। सवारियों को भी ऑटो और ई-रिक्शा के लिए इंतजार करना पड़ा। वहीं जीडीए का भी कामकाज प्रभावित रहा।
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