कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान कलकत्ता (आईआईएमसी) ने रेप केस में बड़ा निर्णय लिया है। आईआईएम के अधिकारियों ने बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार और अब जमानत पर रिहा अपने छात्र को कक्षाओं में आने की अनुमति देने का फैसला किया है। सोमवार को आईआईएम के एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी सामने आई। अधिकारी ने बताया कि पिछले हफ्ते हुई एक बैठक में अकादमिक परिषद ने आरोपी छात्र परमानंद महावीर टोप्पनवर (26) को 28 जुलाई से कक्षाओं में आने की अनुमति देने का फैसला किया है।
छात्रावास में रहने पर पाबंदी
आईआईएम कलकत्ता ने उसे कक्षाएं अटेंड करने की अनुमति दी है लेकिन आरोपी छात्र कोलकाता पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा अपनी जांच पूरी होने तक वह परिसर के छात्रावास में नहीं रह पाएगा। अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को अकादमिक परिषद की बैठक हुई, जब दूसरे वर्ष का छात्र कक्षाओं में आने की अनुमति के लिए संस्थान से अनुमति लेने हेतु आवेदन देने परिसर आया था। अधिकारी ने बताया कि आरोपी को कक्षाओं में आने की अनुमति दी गई है लेकिन लेक व्यू हॉस्टल में रहने पर रोक रहेगी। आईआईएम ने उसके हॉस्टल में रहने के आवेदन को खारिज कर दिया है।
हॉस्टल से किया गया था अरेस्ट
आरोपी को उसके हॉस्टल से गिरफ्तार किया गया था। उसके आवेदन को इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि वह एक सह-शिक्षा छात्रावास था। पूरे मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। कोलकाता पुलिस अभी जांच कर रही है। अधिकारी ने बताया कि परमानंद को पुस्तकालय का उपयोग करने की अनुमति तो दी जाएगी, लेकिन कारावास अवधि 12 से 22 जुलाई के दौरान कक्षाओं में अनुपस्थित रहने के दौरान हुई पढ़ाई को पूरा कराने के कंपलीमेंटरी क्लास पर बाद में निर्णय लिया जाएगा। आईआईएम के अधिकारी ने बताया कि परमानंद दो वर्षीय कार्यक्रम में आठ और महीनों तक कक्षाओं में उपस्थित रहेंगे।
क्या है पूरा मामला?
आईआईएम कलकत्ता के छात्र को एक महिला की शिकायत पर गिरफ्तार किया था। जिसने खुद को कंसल्टेंट बताया था। महिला ने कहा था कि परमानंद ने 11 जुलाई को आईआईएम-सी हॉस्टल में उसके पेय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसके साथ बलात्कार किया था। उसने अपनी प्राथमिकी में दावा किया था कि आरोपियों ने उसे काउंसलिंग के लिए छात्रावास में बुलाया था, लेकिन बाद में उसके साथ क्रूरता की गई। बाद में जब पुलिस ने जांच में मदद करने के लिए महिला को बुलाया, तो वह नहीं आई, जबकि उसके पिता ने दावा किया कि उसे इस तरह के आरोप लगाने के लिए मजबूर किया गया था और 11 जुलाई को ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी।
छात्रावास में रहने पर पाबंदी
आईआईएम कलकत्ता ने उसे कक्षाएं अटेंड करने की अनुमति दी है लेकिन आरोपी छात्र कोलकाता पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा अपनी जांच पूरी होने तक वह परिसर के छात्रावास में नहीं रह पाएगा। अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को अकादमिक परिषद की बैठक हुई, जब दूसरे वर्ष का छात्र कक्षाओं में आने की अनुमति के लिए संस्थान से अनुमति लेने हेतु आवेदन देने परिसर आया था। अधिकारी ने बताया कि आरोपी को कक्षाओं में आने की अनुमति दी गई है लेकिन लेक व्यू हॉस्टल में रहने पर रोक रहेगी। आईआईएम ने उसके हॉस्टल में रहने के आवेदन को खारिज कर दिया है।
हॉस्टल से किया गया था अरेस्ट
आरोपी को उसके हॉस्टल से गिरफ्तार किया गया था। उसके आवेदन को इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि वह एक सह-शिक्षा छात्रावास था। पूरे मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। कोलकाता पुलिस अभी जांच कर रही है। अधिकारी ने बताया कि परमानंद को पुस्तकालय का उपयोग करने की अनुमति तो दी जाएगी, लेकिन कारावास अवधि 12 से 22 जुलाई के दौरान कक्षाओं में अनुपस्थित रहने के दौरान हुई पढ़ाई को पूरा कराने के कंपलीमेंटरी क्लास पर बाद में निर्णय लिया जाएगा। आईआईएम के अधिकारी ने बताया कि परमानंद दो वर्षीय कार्यक्रम में आठ और महीनों तक कक्षाओं में उपस्थित रहेंगे।
क्या है पूरा मामला?
आईआईएम कलकत्ता के छात्र को एक महिला की शिकायत पर गिरफ्तार किया था। जिसने खुद को कंसल्टेंट बताया था। महिला ने कहा था कि परमानंद ने 11 जुलाई को आईआईएम-सी हॉस्टल में उसके पेय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसके साथ बलात्कार किया था। उसने अपनी प्राथमिकी में दावा किया था कि आरोपियों ने उसे काउंसलिंग के लिए छात्रावास में बुलाया था, लेकिन बाद में उसके साथ क्रूरता की गई। बाद में जब पुलिस ने जांच में मदद करने के लिए महिला को बुलाया, तो वह नहीं आई, जबकि उसके पिता ने दावा किया कि उसे इस तरह के आरोप लगाने के लिए मजबूर किया गया था और 11 जुलाई को ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी।
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