नई दिल्ली: भारत ने गुरुवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि तुर्की, पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को समर्थन बंद करने के लिए सख्ती से कहेगा। भारत चाहता है कि तुर्की, पाकिस्तान से आतंकवादी तंत्र के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहे। भारत को लगता है कि तुर्की इस मामले में पाकिस्तान पर दबाव बना सकता है। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को एक कांफ्रेंस में भारत का रुख साफ किया है। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि तुर्की, पाकिस्तान से आतंकवाद को समर्थन बंद करने को कहेगा। जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी धरती पर पल रहे आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। भारत को उम्मीद है कि तुर्की इस मामले में पाकिस्तान पर दबाव बनाएगा। पाकिस्तान की वजह से भारत और तुर्की के रिश्तों में तनाव ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत और तुर्की के रिश्तों में कुछ तनाव चल रहा है। इसकी वजह है इस मुद्दे पर तुर्की का पाकिस्तान का साथ देना। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जयसवाल ने कहा कि 'सेलेबी मामले पर तुर्की दूतावास से बात की गई है। लेकिन मुझे लगता है कि यह फैसला नागरिक उड्डयन सुरक्षा ने लिया था...'। खबर है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने पाकिस्तान को 350 से ज्यादा ड्रोन और कुछ सैनिक भी भेजे थे। ये मदद उन्होंने भारत के साथ संघर्ष के दौरान की थी। एर्दोगन हमेशा से कश्मीर के मामले में पाकिस्तान का समर्थन करते रहे हैं। तुर्की और अजरबैजान के खिलाफ भारत में भारी नाराजगीहाल ही में, एर्दोगन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक संदेश भेजा। इसमें उन्होंने कहा, 'जैसे पहले, हम भविष्य में भी अच्छे और बुरे समय में आपके साथ खड़े रहेंगे।' तुर्की और अजरबैजान दोनों को भारत में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि इन देशों ने आतंकवाद की निंदा करने के बजाय पाकिस्तान का साथ दिया। इससे भारतीय नागरिक बहुत नाराज हैं। पाक ने भारत के खिलाफ तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल कियादोनों मुल्कों में तनाव तब और बढ़ गया जब भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तान ने सीमा पार हमलों में जो ड्रोन इस्तेमाल किए थे, वे तुर्की में बने थे। शुरुआती जांच में पता चला कि ये ड्रोन असिसगार्ड सोंगार मॉडल के थे। इससे पता चलता है कि तुर्की पाकिस्तान को सीधे तौर पर सैन्य मदद कर रहा है। इसके भारत में सोशल मीडिया पर तुर्की और अजरबैजानी के सामान और पर्यटन का पूरी तरह से बहिष्कार करने का अभियान शुरू हो गया। #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई नेता, नागरिक और राइट-विंग समूह भी इस अभियान में शामिल हो गए। लोग चाहते हैं कि तुर्की और अजरबैजान को यह पता चले कि भारत उनके पाकिस्तान का साथ देने से खुश नहीं है। वे चाहते हैं कि ये देश आतंकवाद के खिलाफ भारत का साथ दें।
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