नई दिल्ली: 2018 के बाद सात साल में यह पहली बार है जब ज्यादातर इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों में एक साल का रोलिंग रिटर्न नेगेटिव हो गया है। Elara Capital के आंकड़ों के मुताबिक, शेयरों में जमकर पैसा लगाने और कुछ खास जगहों पर निवेश के बावजूद, निवेशक हर तरफ हो रही परफॉर्मेंस की गिरावट से बच नहीं पाए हैं। इस गिरावट को देखते हुए निवेशक अब सतर्क हो गए हैं।
रोलिंग रिटर्न किसी स्कीम द्वारा दिए गए लॉन्ग-टर्म रिटर्न का एक औसत कैलकुलेशन है। यह किसी भी स्कीम का एक अवधि के लिए लिया गया सालाना रिटर्न भी है। इसका विश्लेषण करके, निवेशक यह समझ सकते हैं कि किसी फंड ने किसी निश्चित समय सीमा में किस तरह का प्रदर्शन किया है। ET के मुताबिक, यह ट्रेंड अगस्त 2025 के आसपास साफतौर पर पलटने लगा।
एक्स्ट्रा रिटर्नउस वक्त, AUM-वेटेड मीट्रिक (यह इक्विटी म्यूचुअल फंड की ओवरऑल परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है) 2018 के बाद पहली बार नेगेटिव हो गया। एक साल का रोलिंग रिटर्न ( यह निवेशकों के भरोसे और निवेश का एक बड़ा पैमाना है) अब जीरो से नीचे है। यह कई सालों की तेजी के बाद एक बड़ा बदलाव है। खास बात यह है कि फरवरी 2025 से इक्विटी फंड्स ने एक साल के रोलिंग बेसिस पर डेट (Debt) फंड्स से भी खराब प्रदर्शन किया है।
डेट के मुकाबले इक्विटी पर मिलने वाला एक्स्ट्रा रिटर्न घटकर सिर्फ 10% रह गया है, जो अक्टूबर 2020 के बाद सबसे कम है। Elara के मुताबिक, पिछले दो महीनों में प्योर इक्विटी फंड में निवेश में कमी आई है। जुलाई में 42,700 करोड़ रुपये का निवेश आया, वहीं अगस्त में यह घटकर 33,430 करोड़ रुपये और सितंबर में 30,400 करोड़ रुपये रह गया। स्मॉलकैप के निवेश में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
रोलिंग रिटर्न किसी स्कीम द्वारा दिए गए लॉन्ग-टर्म रिटर्न का एक औसत कैलकुलेशन है। यह किसी भी स्कीम का एक अवधि के लिए लिया गया सालाना रिटर्न भी है। इसका विश्लेषण करके, निवेशक यह समझ सकते हैं कि किसी फंड ने किसी निश्चित समय सीमा में किस तरह का प्रदर्शन किया है। ET के मुताबिक, यह ट्रेंड अगस्त 2025 के आसपास साफतौर पर पलटने लगा।
एक्स्ट्रा रिटर्नउस वक्त, AUM-वेटेड मीट्रिक (यह इक्विटी म्यूचुअल फंड की ओवरऑल परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है) 2018 के बाद पहली बार नेगेटिव हो गया। एक साल का रोलिंग रिटर्न ( यह निवेशकों के भरोसे और निवेश का एक बड़ा पैमाना है) अब जीरो से नीचे है। यह कई सालों की तेजी के बाद एक बड़ा बदलाव है। खास बात यह है कि फरवरी 2025 से इक्विटी फंड्स ने एक साल के रोलिंग बेसिस पर डेट (Debt) फंड्स से भी खराब प्रदर्शन किया है।
डेट के मुकाबले इक्विटी पर मिलने वाला एक्स्ट्रा रिटर्न घटकर सिर्फ 10% रह गया है, जो अक्टूबर 2020 के बाद सबसे कम है। Elara के मुताबिक, पिछले दो महीनों में प्योर इक्विटी फंड में निवेश में कमी आई है। जुलाई में 42,700 करोड़ रुपये का निवेश आया, वहीं अगस्त में यह घटकर 33,430 करोड़ रुपये और सितंबर में 30,400 करोड़ रुपये रह गया। स्मॉलकैप के निवेश में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
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