हैदराबाद: केंद्र सरकार ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हैदराबाद में रेअर अर्थ मैग्नेट का प्रोडक्शन शुरू करने का निर्माण लिया। यह जानकारी शनिवार को केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी रेशन रेड्डी ने दी है।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया, केंद्र सरकार ने हैदराबाद में दुर्लभ पृथ्वी चुंबकों का उत्पादन का निर्णय लिया है। खनन मंत्रालय का NFTSM इंस्टीट्यूट कई उद्योगों के साथ मिलकर आवश्यक मशीनरी के लिए काम कर रहा है।
रेअर अर्थ मैग्नेट के लिए 100 प्रतिशत चीन पर निर्भर था भारत
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'दुर्लभ पृथ्वी के स्थायी चुम्बकों के लिए हम 100 प्रतिशथ चीन पर निर्भर थे। लेकिन हाल ही में चीन ने आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है। इसी वजह से भारत सरकार स्थायी चुम्बक निर्माण के लिए प्रयासरत है। हैदराबाद स्थित हमारे खनन मंत्रालय के संस्थान ने प्रयास कर उपकरणों सहित एक परमानेंट मैग्नेट प्रोसेसिंग यूनिट तैयार कर ली है। 3-4 महीने बाद, हम विभिन्न निजी कारखानों को तकनीक देकर स्थायी चुम्बक बनाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए भारत सरकार ने कुछ PLI योजनाएं भी शुरू की हैं
पीएम मोदी से की जा चुकी है चर्चा
जी किशन रेड्डी ने कहा, केंद्र सरकार रेअर अर्थ मैग्नेट को लेकर काफी गंभीरता से काम कर रही है। कई मंत्रालय मिलकर एक साथ काम कर रहे हैं। इस मुद्दे पर पीएम मोदी से भी चर्चा की गई है। हाल में ही पीएम मोदी के पांच देशों की यात्रा में भी अलग-अलग देशों से इसी मुद्दे पर बात की गई है।
उन्होंने बताया, रेअर अर्थ का रॉ मटेरियल भी भारत में काफी कम मिलता है। इसलिए कच्चे माल को विदेशों से सरकार आयात करने को लेकर काम कर रही है। रेअर अर्थ मैग्नेट का मोबाइल फोन से लेकर रक्षा क्षेत्र, स्पेस टेक्नोलॉजी समेत कई जगहों पर इसका उपयोग होता है।
मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया, केंद्र सरकार ने हैदराबाद में दुर्लभ पृथ्वी चुंबकों का उत्पादन का निर्णय लिया है। खनन मंत्रालय का NFTSM इंस्टीट्यूट कई उद्योगों के साथ मिलकर आवश्यक मशीनरी के लिए काम कर रहा है।
रेअर अर्थ मैग्नेट के लिए 100 प्रतिशत चीन पर निर्भर था भारत
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'दुर्लभ पृथ्वी के स्थायी चुम्बकों के लिए हम 100 प्रतिशथ चीन पर निर्भर थे। लेकिन हाल ही में चीन ने आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है। इसी वजह से भारत सरकार स्थायी चुम्बक निर्माण के लिए प्रयासरत है। हैदराबाद स्थित हमारे खनन मंत्रालय के संस्थान ने प्रयास कर उपकरणों सहित एक परमानेंट मैग्नेट प्रोसेसिंग यूनिट तैयार कर ली है। 3-4 महीने बाद, हम विभिन्न निजी कारखानों को तकनीक देकर स्थायी चुम्बक बनाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए भारत सरकार ने कुछ PLI योजनाएं भी शुरू की हैं
पीएम मोदी से की जा चुकी है चर्चा
जी किशन रेड्डी ने कहा, केंद्र सरकार रेअर अर्थ मैग्नेट को लेकर काफी गंभीरता से काम कर रही है। कई मंत्रालय मिलकर एक साथ काम कर रहे हैं। इस मुद्दे पर पीएम मोदी से भी चर्चा की गई है। हाल में ही पीएम मोदी के पांच देशों की यात्रा में भी अलग-अलग देशों से इसी मुद्दे पर बात की गई है।
उन्होंने बताया, रेअर अर्थ का रॉ मटेरियल भी भारत में काफी कम मिलता है। इसलिए कच्चे माल को विदेशों से सरकार आयात करने को लेकर काम कर रही है। रेअर अर्थ मैग्नेट का मोबाइल फोन से लेकर रक्षा क्षेत्र, स्पेस टेक्नोलॉजी समेत कई जगहों पर इसका उपयोग होता है।
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