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बच्चे की मां... अस्पताल ने लगाया ऐसा पोस्टर की रो पड़ा पिता, हाईकोर्ट ने भी जमकर लगाई फटकार, जानें मामला

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बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने रायपुर के डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि दोबारा इस तरह की शर्मनाक हरकत नहीं होनी चाहिए। दरअसल, अस्पताल प्रबंधन ने नवजात शिशु के पास एक पोस्टर लगाया था, जिस पर लिखा था- बच्चे की मां एचआईवी पॉजिटिव है। यह पोस्टर वार्ड में भर्ती मां और नर्सरी वार्ड में रखे नवजात के बीच चस्पा किया गया था।



जब बच्चे का पिता अपने नवजात शिशु को देखने पहुंचा तो उसने पोस्टर लगा देखा। इस पोस्टर को देखकर वह भावुक हो गया और रोने लगा। पोस्टर का फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था। इस वायरल फोटो पर हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए अस्पताल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि यह न केवल अमानवीय है, बल्कि नैतिकता और निजता के अधिकार का उल्लंघन है।



क्या कहा कोर्ट ने

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एके प्रसाद ने मामले की सुनवाई की। उन्होंने मामले में मुख्य सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी। मामले में टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि यह अत्यंत अमानवीय, असंवेदनशील और निंदनीय कृत्य है। अस्पताल प्रबंधन ने मां-बच्चे की पहचान उजागर कर दी। इससे उन्हें सामाजिक कलंक व भविष्य के भेदभाव का शिकार बना सकता है।



कोर्ट ने कहा कि राज्य के सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान से अपेक्षा की जाती है कि वह रोगियों के साथ संवेदनशील और जिम्मेदार व्यवहार करे। एचआईवी-एड्स जैसे संवेदनशील मामलों में पहचान उजागर करना गंभीर चूक है।



कोर्ट ने कहा दोबारा ऐसी गलती नहीं हो

मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि दोबारा इस तरह की गलती नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल कानूनी रूप से अपराध हैं, बल्कि मानव गरिमा पर सीधा प्रहार हैं। भविष्य मे ऐसी गलती दोबारा न हो।

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