वॉशिंगटन: अमेरिका ने रविवार सुबह ईरानी परमाणु ठिकानों पर भीषण बमबारी की। इन हमलों में ईरान के परमाणु सुविधाओं को व्यापक नुकसान पहुंचा है। गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी थी कि उसके पास अपने अगले कदमों पर विचार करने के लिए दो हफ्ते का समय है। हालांकि, किसी को यह अंदाजा नहीं था कि अमेरिका इतनी जल्दी ईरान के खिलाफ इजरायल के युद्ध में शामिल हो जाएगा। अमेरिका ने ईरान की तीन सबसे मजबूत परमाणु सुविधाओं, फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर सटीक हवाई हमले किए हैं। इन हमलों का असर व्यापक बताया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका ने ईरान पर हमले में कौन से हथियारों का इस्तेमाल किया।
अमेरिकी हमले को इतना गुप्त रखा गया कि जब बी-2 स्टेल्थ बमवर्षक विमानों ने ईरानी धरती पर 30,000 पाउंड के बंकर बस्टर गिराए, तब भी केबल समाचार प्रसारणों में यह बताया जा रहा था कि ट्रम्प "अपने विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।" कुछ घंटे पहले, वे चुपचाप न्यू जर्सी से व्हाइट हाउस लौट आए थे, जिसे उच्च स्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा ब्रीफिंग के रूप में वर्णित किया गया था। फिर, बिना किसी चेतावनी के, उन्होंने खुद ही खबर पोस्ट की: "हमने अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है... सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घर लौट रहे हैं।" इसमें सबसे ज्यादा चर्चा अमेरिका के जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम की हो रही है।
जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम
GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर को बोइंग ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण अमेरिकी वायुसेना ने किया है। इसे अमेरिकी वायुसेना के पास सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम कहा जाता है। जीपीएस से अपना लक्ष्य ढूंढने वाले इस बम को अपने नाम के मुताबिक दुश्मन के बंकरों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। बम के डिजाइन पर काम 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ। इस बम का बाहरी हिस्सा काफी मजबूत होता है, जिससे यह बंकर के अंदर काफी गहराई तक धंसने के बाद भी सुरक्षित रहता है। इस बम में डिले फ्यूजिंग सिस्टम लगा होता है, जो बम को गहराई तक समाने के बाद धमाके की प्रक्रिया को शुरू करता है।
कितनी मोटी परत भेद सकता है जीबीयू-57
छह मीटर लंबा जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम विस्फोट करने से पहले सतह से लगभग 61 मीटर मोटी कंक्रीट की परत को भेदने में सक्षम माना जाता हैय़ इसके ज़रिए एक के बाद एक कई बम गिराए जा सकते हैं, जिससे हर विस्फोट के साथ बम और गहराई तक ड्रिल कर सकता है। GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर का वजन लगभग 14,000 किलोग्राम है - जो संयुक्त रूप से दो अफ्रीकी हाथियों के बराबर है। यह लगभग 20.5 फीट लंबा है और इसका व्यास 31.5 इंच है। इसका वारहेड, AFX-757 और PBXN-114 विस्फोटकों का मिश्रण है, जिसका वजन लगभग 2,500 किलोग्राम है।
टॉमहॉक मिसाइल
अमेरिका ने ईरान पर हमले में 30 टॉमहॉक मिसाइलों को भी दागा है। टॉमहॉक एक लंबी दूरी की सभी मौसम में मार करने वाली सबसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह मिसाइल मुख्य रूप से अमेरिकी नौसेना और रॉयल नेवी के युद्धपोतों और पनडुब्बी से जमीनी लक्ष्यों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। टॉमहॉक क्रूज मिसाइल दूर से किसी लक्ष्य पर हमला करने के लिए सबसे सटीक हथियार है। इस मिसाइल की रेंज 1250 किलोमीटर से 2500 किलोमीटर के बीच है। टॉमहॉक मिसाइल को पनडुब्बी या युद्धपोत से भी लॉन्च किया जा सकता है। क्रूज मिसाइल होने के कारण यह समुद्र की सतह से काफी नजदीक उड़ान भरती है। इस कारण दुश्मन के रडार टॉमहॉक मिसाइल को जल्दी से डिटेक्ट नहीं कर पाते हैं।
टॉमहॉक मिसाइल खतरनाक क्यों?
टॉमहॉक मिसाइलें टारगेट तक सीधी रेखा में नहीं जाते, इसलिए इन्हें बीच में मारकर नहीं गिराया जा सकता। अमेरिका ने इन मिसाइलों का सबसे पहले ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म में इस्तेमाल किया गया था। टॉमहॉक मिसाइल को अडवांस नैविगेशन सिस्टम के जरिए गाइड किया जाता है। इस मिसाइल की लंबाई 18 फीट 3 इंच (5.56 मीटर) होती है, बूस्टर के साथ लंबाई 5 फीट होती है। मिसाइल की स्पीड 885.139 किलोमीटर प्रति घंटे से 1416.22 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।
बी-2 बमवर्षक
अमेरिका ने जीबीयू-57 बम को बी-2 बमवर्षक के जरिए ईरान पर गिराया है। बी-2 की कीमत लगभग 2.1 बिलियन डॉलर प्रति है, जो इसे अब तक का सबसे महंगा सैन्य विमान बनाता है। नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन द्वारा निर्मित बी-2 बमवर्षक निर्माण के बाद अपनी तरह का इकलौता विमान था। इस बमवर्षक ने अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक के साथ 1980 के दशक के उत्तरार्ध में सेवा में प्रवेश लिया, लेकिन सोवियत संघ के पतन के बाद इसे रोक दिया गया। इसके बाद पेंटागन ने इस विमान के उत्पादन को सीमित कर दिया था, जिस कारण उस समय केवल 21 बी-2 बमवर्षक बनाए गए थे।
बी-2 बमवर्षक की रेंज और पेलोड जानें
ईंधन भरने के बिना बी-2 बमवर्षक 6,000 समुद्री मील (11,112 किमी) से अधिक दूरी तक उड़ान भर सकता है। यह क्षमता इसे अमेरिकी ठिकानों से दुनिया में कहीं भी हमला करने में सक्षम बनाती है। हवाई ईंधन भरने के साथ बी-2 दुनिया भर में लगभग किसी भी लक्ष्य तक पहुंच सकता है। इसने अमेरिका के मिसौरी से अफगानिस्तान और लीबिया और अब ईरान के मिशनों में अपनी रेंज का प्रदर्शन किया है। इसकी 40,000 पाउंड (18,144 किलोग्राम) से अधिक की पेलोड क्षमता कई तरह के हथियारों को दागने में सक्षम बनाती है। इसमें दो GBU-57A/B MOP (मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर), एक 30,000 पाउंड का सटीक-निर्देशित "बंकर बस्टर" बम शामिल हो सकते हैं।
अमेरिकी हमले को इतना गुप्त रखा गया कि जब बी-2 स्टेल्थ बमवर्षक विमानों ने ईरानी धरती पर 30,000 पाउंड के बंकर बस्टर गिराए, तब भी केबल समाचार प्रसारणों में यह बताया जा रहा था कि ट्रम्प "अपने विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।" कुछ घंटे पहले, वे चुपचाप न्यू जर्सी से व्हाइट हाउस लौट आए थे, जिसे उच्च स्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा ब्रीफिंग के रूप में वर्णित किया गया था। फिर, बिना किसी चेतावनी के, उन्होंने खुद ही खबर पोस्ट की: "हमने अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है... सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घर लौट रहे हैं।" इसमें सबसे ज्यादा चर्चा अमेरिका के जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम की हो रही है।
जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम
GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर को बोइंग ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण अमेरिकी वायुसेना ने किया है। इसे अमेरिकी वायुसेना के पास सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम कहा जाता है। जीपीएस से अपना लक्ष्य ढूंढने वाले इस बम को अपने नाम के मुताबिक दुश्मन के बंकरों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है। बम के डिजाइन पर काम 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ। इस बम का बाहरी हिस्सा काफी मजबूत होता है, जिससे यह बंकर के अंदर काफी गहराई तक धंसने के बाद भी सुरक्षित रहता है। इस बम में डिले फ्यूजिंग सिस्टम लगा होता है, जो बम को गहराई तक समाने के बाद धमाके की प्रक्रिया को शुरू करता है।
कितनी मोटी परत भेद सकता है जीबीयू-57
छह मीटर लंबा जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम विस्फोट करने से पहले सतह से लगभग 61 मीटर मोटी कंक्रीट की परत को भेदने में सक्षम माना जाता हैय़ इसके ज़रिए एक के बाद एक कई बम गिराए जा सकते हैं, जिससे हर विस्फोट के साथ बम और गहराई तक ड्रिल कर सकता है। GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर का वजन लगभग 14,000 किलोग्राम है - जो संयुक्त रूप से दो अफ्रीकी हाथियों के बराबर है। यह लगभग 20.5 फीट लंबा है और इसका व्यास 31.5 इंच है। इसका वारहेड, AFX-757 और PBXN-114 विस्फोटकों का मिश्रण है, जिसका वजन लगभग 2,500 किलोग्राम है।
टॉमहॉक मिसाइल
अमेरिका ने ईरान पर हमले में 30 टॉमहॉक मिसाइलों को भी दागा है। टॉमहॉक एक लंबी दूरी की सभी मौसम में मार करने वाली सबसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह मिसाइल मुख्य रूप से अमेरिकी नौसेना और रॉयल नेवी के युद्धपोतों और पनडुब्बी से जमीनी लक्ष्यों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। टॉमहॉक क्रूज मिसाइल दूर से किसी लक्ष्य पर हमला करने के लिए सबसे सटीक हथियार है। इस मिसाइल की रेंज 1250 किलोमीटर से 2500 किलोमीटर के बीच है। टॉमहॉक मिसाइल को पनडुब्बी या युद्धपोत से भी लॉन्च किया जा सकता है। क्रूज मिसाइल होने के कारण यह समुद्र की सतह से काफी नजदीक उड़ान भरती है। इस कारण दुश्मन के रडार टॉमहॉक मिसाइल को जल्दी से डिटेक्ट नहीं कर पाते हैं।
टॉमहॉक मिसाइल खतरनाक क्यों?
टॉमहॉक मिसाइलें टारगेट तक सीधी रेखा में नहीं जाते, इसलिए इन्हें बीच में मारकर नहीं गिराया जा सकता। अमेरिका ने इन मिसाइलों का सबसे पहले ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म में इस्तेमाल किया गया था। टॉमहॉक मिसाइल को अडवांस नैविगेशन सिस्टम के जरिए गाइड किया जाता है। इस मिसाइल की लंबाई 18 फीट 3 इंच (5.56 मीटर) होती है, बूस्टर के साथ लंबाई 5 फीट होती है। मिसाइल की स्पीड 885.139 किलोमीटर प्रति घंटे से 1416.22 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।
बी-2 बमवर्षक
अमेरिका ने जीबीयू-57 बम को बी-2 बमवर्षक के जरिए ईरान पर गिराया है। बी-2 की कीमत लगभग 2.1 बिलियन डॉलर प्रति है, जो इसे अब तक का सबसे महंगा सैन्य विमान बनाता है। नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन द्वारा निर्मित बी-2 बमवर्षक निर्माण के बाद अपनी तरह का इकलौता विमान था। इस बमवर्षक ने अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक के साथ 1980 के दशक के उत्तरार्ध में सेवा में प्रवेश लिया, लेकिन सोवियत संघ के पतन के बाद इसे रोक दिया गया। इसके बाद पेंटागन ने इस विमान के उत्पादन को सीमित कर दिया था, जिस कारण उस समय केवल 21 बी-2 बमवर्षक बनाए गए थे।
बी-2 बमवर्षक की रेंज और पेलोड जानें
ईंधन भरने के बिना बी-2 बमवर्षक 6,000 समुद्री मील (11,112 किमी) से अधिक दूरी तक उड़ान भर सकता है। यह क्षमता इसे अमेरिकी ठिकानों से दुनिया में कहीं भी हमला करने में सक्षम बनाती है। हवाई ईंधन भरने के साथ बी-2 दुनिया भर में लगभग किसी भी लक्ष्य तक पहुंच सकता है। इसने अमेरिका के मिसौरी से अफगानिस्तान और लीबिया और अब ईरान के मिशनों में अपनी रेंज का प्रदर्शन किया है। इसकी 40,000 पाउंड (18,144 किलोग्राम) से अधिक की पेलोड क्षमता कई तरह के हथियारों को दागने में सक्षम बनाती है। इसमें दो GBU-57A/B MOP (मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर), एक 30,000 पाउंड का सटीक-निर्देशित "बंकर बस्टर" बम शामिल हो सकते हैं।
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