नई दिल्ली: आजकल लोग सोशल मीडिया पर अपनी दौलत का दिखावा करते हैं और इसे ही असली अमीरी मानते हैं। लेकिन चार्टर्ड अकाउंटेंट नितिन कौशिक ने इस सोच को बिल्कुल बदल दिया है। उन्होंने बताया कि असली दौलत क्या होती है, और यह सिर्फ बैंक में रखे पैसों से कहीं बढ़कर है।
असली अमीरी का मतलब क्या?
नितिन कौशिक के मुताबिक, असली अमीरी का मतलब है मन की शांति। उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर अपनी पोस्ट्स में यह बात साफ की। उनका कहना है कि अगर आपके पास ₹50 लाख बैंक में हैं, लेकिन आप चैन की नींद नहीं सो पाते, तो उस पैसे का कोई मतलब नहीं। असली दौलत वह है जो आपको सुकून दे।
पैसे बचाने का उद्देश्य क्या?कौशिक ने समझाया कि पैसे बचाने, बजट बनाने और निवेश करने जैसी आदतें लालच से नहीं, बल्कि आजादी पाने के लिए होती हैं। उनके लिए, 'Financial freedom = mental freedom' यानी पैसों की आजादी ही दिमाग की आजादी है। वे मानते हैं कि दौलत का असली मकसद दिखावा करना नहीं, बल्कि मन को शांत और सुरक्षित रखना है।
समझदार लोगों की ये आदतें
एक और पोस्ट में, कौशिक ने 'Financially Mature' यानी आर्थिक रूप से समझदार लोगों की आदतें बताईं। उन्होंने कहा कि असली दौलत सिर्फ आपकी कमाई या संपत्ति से नहीं मापी जाती, बल्कि आप उसे कैसे संभालते हैं, इससे पता चलती है। जो लोग शांत और अनुशासित रहते हैं, वही असल में अमीर होते हैं।
आर्थिक रूप से समझदार लोगों की 5 खास आदतें
1. अपनी वित्तीय जीत का दिखावा नहीं करते: कौशिक कहते हैं, 'असली निवेशक कंपाउंडिंग को बोलने देते हैं, कैप्शन को नहीं।' इसका मतलब है कि आपकी तरक्की खुद बोलती है, उसे बताने की जरूरत नहीं पड़ती।
2. अपने वित्तीय मानकों को सही नहीं ठहराते: वे कहते हैं, 'आपको किसी को यह बताने की जरूरत नहीं है कि आप गलत पैसों की आदतों को क्यों मना कर रहे हैं।' अपनी वित्तीय सोच पर टिके रहना जरूरी है।
3. लक्जरी चीजों का दिखावा नहीं करते: कौशिक के अनुसार, 'असली दौलत ध्यान नहीं, सुकून खरीदती है।' इसका मतलब है कि जो लोग सचमुच अमीर होते हैं, वे दिखावा करके लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश नहीं करते।
4. बाजार के शोर को नजरअंदाज करते हैं: उन्होंने सलाह दी कि 'ड्रामा से दूरी बनाए रखने से आपका ध्यान और पोर्टफोलियो रिटर्न दोनों सुरक्षित रहते हैं।' यानी, बाजार की उथल-पुथल से दूर रहकर ही आप सही फैसले ले सकते हैं।
5. कभी भी दूसरों से मान्यता नहीं मांगते: कौशिक का मानना है कि 'आपकी मौजूदगी, निरंतरता और धैर्य किसी भी बैलेंस शीट से ज्यादा साबित करते हैं।' यानी, चुपचाप मेहनत करते रहना, लोगों की तारीफ पाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
दौलत शोर नहीं मचाती
अपनी बात खत्म करते हुए कौशिक ने कहा, 'दौलत शोर नहीं मचाती - वह शांत होती है। और जो इसे समझते हैं, उन्हें कभी साबित करने की जरूरत नहीं पड़ती।' उनकी बातें हमें सिखाती हैं कि असली अमीरी जमा करने या दिखाने में नहीं है, बल्कि अच्छी आदतों और स्पष्ट सोच से एक स्थिर और शांत जीवन बनाने में है। यह हमें याद दिलाता है कि पैसे का सही इस्तेमाल हमें मानसिक शांति देता है, न कि सिर्फ दिखावा।
असली अमीरी का मतलब क्या?
नितिन कौशिक के मुताबिक, असली अमीरी का मतलब है मन की शांति। उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर अपनी पोस्ट्स में यह बात साफ की। उनका कहना है कि अगर आपके पास ₹50 लाख बैंक में हैं, लेकिन आप चैन की नींद नहीं सो पाते, तो उस पैसे का कोई मतलब नहीं। असली दौलत वह है जो आपको सुकून दे।
Real wealth = Peace of mind ☕️
— CA Nitin Kaushik (FCA) | LLB (@Finance_Bareek) November 7, 2025
Having ₹50 lakh in the bank means nothing if you can’t sleep peacefully.
Budgeting, saving, and investing are not about greed .. they’re about freedom.
Financial freedom = mental freedom.#StockMarket #IndianFinance
पैसे बचाने का उद्देश्य क्या?कौशिक ने समझाया कि पैसे बचाने, बजट बनाने और निवेश करने जैसी आदतें लालच से नहीं, बल्कि आजादी पाने के लिए होती हैं। उनके लिए, 'Financial freedom = mental freedom' यानी पैसों की आजादी ही दिमाग की आजादी है। वे मानते हैं कि दौलत का असली मकसद दिखावा करना नहीं, बल्कि मन को शांत और सुरक्षित रखना है।
समझदार लोगों की ये आदतें
एक और पोस्ट में, कौशिक ने 'Financially Mature' यानी आर्थिक रूप से समझदार लोगों की आदतें बताईं। उन्होंने कहा कि असली दौलत सिर्फ आपकी कमाई या संपत्ति से नहीं मापी जाती, बल्कि आप उसे कैसे संभालते हैं, इससे पता चलती है। जो लोग शांत और अनुशासित रहते हैं, वही असल में अमीर होते हैं।
आर्थिक रूप से समझदार लोगों की 5 खास आदतें
1. अपनी वित्तीय जीत का दिखावा नहीं करते: कौशिक कहते हैं, 'असली निवेशक कंपाउंडिंग को बोलने देते हैं, कैप्शन को नहीं।' इसका मतलब है कि आपकी तरक्की खुद बोलती है, उसे बताने की जरूरत नहीं पड़ती।
2. अपने वित्तीय मानकों को सही नहीं ठहराते: वे कहते हैं, 'आपको किसी को यह बताने की जरूरत नहीं है कि आप गलत पैसों की आदतों को क्यों मना कर रहे हैं।' अपनी वित्तीय सोच पर टिके रहना जरूरी है।
3. लक्जरी चीजों का दिखावा नहीं करते: कौशिक के अनुसार, 'असली दौलत ध्यान नहीं, सुकून खरीदती है।' इसका मतलब है कि जो लोग सचमुच अमीर होते हैं, वे दिखावा करके लोगों का ध्यान खींचने की कोशिश नहीं करते।
4. बाजार के शोर को नजरअंदाज करते हैं: उन्होंने सलाह दी कि 'ड्रामा से दूरी बनाए रखने से आपका ध्यान और पोर्टफोलियो रिटर्न दोनों सुरक्षित रहते हैं।' यानी, बाजार की उथल-पुथल से दूर रहकर ही आप सही फैसले ले सकते हैं।
5. कभी भी दूसरों से मान्यता नहीं मांगते: कौशिक का मानना है कि 'आपकी मौजूदगी, निरंतरता और धैर्य किसी भी बैलेंस शीट से ज्यादा साबित करते हैं।' यानी, चुपचाप मेहनत करते रहना, लोगों की तारीफ पाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
Habits of the Financially Mature:
— CA Nitin Kaushik (FCA) | LLB (@Finance_Bareek) November 6, 2025
It’s not just money that defines the wealthy —
it’s how they carry it.
1️⃣ They never overshare financial wins.
👉 Because real investors let compounding, not captions, speak.
2️⃣ They don’t justify their financial standards.
👉 You don’t owe…
दौलत शोर नहीं मचाती
अपनी बात खत्म करते हुए कौशिक ने कहा, 'दौलत शोर नहीं मचाती - वह शांत होती है। और जो इसे समझते हैं, उन्हें कभी साबित करने की जरूरत नहीं पड़ती।' उनकी बातें हमें सिखाती हैं कि असली अमीरी जमा करने या दिखाने में नहीं है, बल्कि अच्छी आदतों और स्पष्ट सोच से एक स्थिर और शांत जीवन बनाने में है। यह हमें याद दिलाता है कि पैसे का सही इस्तेमाल हमें मानसिक शांति देता है, न कि सिर्फ दिखावा।
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