गाजियाबाद: जिला प्रशासन की तरफ से इस बार संपत्तियों का सर्कल रेट नहीं बढ़ाया गया है। साल 2024 में जो सर्कल रेट था। इस साल भी वही लागू रहेगा। हां, इतना जरूर किया गया है कि यदि कोई जीडीए और आवास विकास परिषद की योजना के इंस्टिट्यूशनल भूखंड को खरीदता है, तो वहां पर रेट सर्कल को आवासीय कर दिया गया है। जो कि पहले अक्सर कर्मशल ही लगा दिया जाता था।
पुराने सर्कल रेट को लेकर जहां-जहां थी कंफ्यूजन, उसे भी किया दूर
एआईजी स्टांप पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि इस साल भी सर्कल रेट बढ़ाने की योजना थी। प्रस्ताव भी उसी के हिसाब से तैयार किया गया, लेकिन अंत में जब पिछले साल के बैनामे का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि इस वित्तीय वर्ष में केवल 1500 बैनामे की ही बढ़ोतरी हुई है। यदि सर्कल रेट को अब भूखंड के सर्कल रेट के साथ ही निर्माण की लागत का रेट भी कर्मशल किया गया है।
पहले कभी इस पर आवासीय तो कभी कर्गशल लगा दिया जाता था। कोई स्पष्ट नियम नहीं था। किसी योजना के इंस्टीट्यूशनल प्लॉट पर सर्कल रेट भी आवासीय तो कभी कर्मशल बढ़ाया जाता तो बैनामे की संख्या कम होने की पूरी उम्मीद थी। इससे राजस्व को नुकसान होने की उम्मीद थी। इसलिए सर्कल लगाया जाता था, लेकिन अब इसे आवासीय कर दिया गया है।
यह किया है बदलाव
यदि किसी ने 100 वर्ग मीटर के कर्मशल भूखंड में केवल 50 वर्ग मीटर पर निर्माण किया। बाकी 50 वर्ग मीटर खाली है। पहले ओपन लैंड पर कौन सा सर्कल रेट लगेगा। यह स्पष्ट नहीं था। अब इसे भी कर्मशल कर दिया गया है। को नहीं बढ़ाने का फैसला लिया गया है। मालूम हो कि कमिटी की तरफ से 35-40 फीसदी सर्कल बढ़ाने प्रस्ताव दिया गया था।
पुराने सर्कल रेट को लेकर जहां-जहां थी कंफ्यूजन, उसे भी किया दूर
एआईजी स्टांप पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि इस साल भी सर्कल रेट बढ़ाने की योजना थी। प्रस्ताव भी उसी के हिसाब से तैयार किया गया, लेकिन अंत में जब पिछले साल के बैनामे का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि इस वित्तीय वर्ष में केवल 1500 बैनामे की ही बढ़ोतरी हुई है। यदि सर्कल रेट को अब भूखंड के सर्कल रेट के साथ ही निर्माण की लागत का रेट भी कर्मशल किया गया है।
पहले कभी इस पर आवासीय तो कभी कर्गशल लगा दिया जाता था। कोई स्पष्ट नियम नहीं था। किसी योजना के इंस्टीट्यूशनल प्लॉट पर सर्कल रेट भी आवासीय तो कभी कर्मशल बढ़ाया जाता तो बैनामे की संख्या कम होने की पूरी उम्मीद थी। इससे राजस्व को नुकसान होने की उम्मीद थी। इसलिए सर्कल लगाया जाता था, लेकिन अब इसे आवासीय कर दिया गया है।
यह किया है बदलाव
यदि किसी ने 100 वर्ग मीटर के कर्मशल भूखंड में केवल 50 वर्ग मीटर पर निर्माण किया। बाकी 50 वर्ग मीटर खाली है। पहले ओपन लैंड पर कौन सा सर्कल रेट लगेगा। यह स्पष्ट नहीं था। अब इसे भी कर्मशल कर दिया गया है। को नहीं बढ़ाने का फैसला लिया गया है। मालूम हो कि कमिटी की तरफ से 35-40 फीसदी सर्कल बढ़ाने प्रस्ताव दिया गया था।
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