डीडवाना-कुचामन: राजस्थान के नवगठित डीडवाना-कुचामन और चूरू जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने हर किसी को झकझोर दिया है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 26 वर्षीय युवक ने मानसिक तनाव और डिप्रेशन के चलते ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना सुबह के समय लाडनूं इलाके के खानपुर फाटक के पास हुई, जहां मेड़ता-रतनगढ़ डेमू ट्रेन की चपेट में आकर युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान चूरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे की गांधी बस्ती निवासी हेतराम मेघवाल के रूप में हुई है।
सुसाइड नोट में छलका दर्द
युवक की जेब से मिला सुसाइड नोट पढ़कर हर किसी की आंखें नम हो गईं। हेतराम ने लिखा 'मम्मी-पापा मुझे माफ करना, अब इस दुनिया में और नहीं रहना चाहता। कोई वजह नहीं है, बस मैं खुद से परेशान हो गया हूं... श्रीदेवी (बदला हुआ नाम) की शादी कहीं और करवा देना'। "2000 रुपए देवकी भाई को देना, 1000 मनीष महरिया को और मोबाइल श्रीनाथ को दे देना। मुझे जाने का दुख तो है लेकिन अब डिप्रेशन बहुत बढ़ गया है। अब कोई रास्ता नहीं बचा। सभी खुश रहना। लव यू ऑल।"
3 साल पहले हुई थी शादी
हेतराम ने बीएससी करने के बाद बैंकिंग और अन्य सरकारी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की थी। मगर किस्मत साथ नहीं दे रही थी। नौकरी न मिलने और जिम्मेदारियों के बोझ ने उसे तोड़ दिया। मीडिया रिपोर्ट्स में परिजनों के अनुसार वह पिछले कुछ समय से गहरे मानसिक तनाव में था। 3 साल पहले हुई शादी और 2 महीने पहले जन्मी बेटी के बावजूद, उसका जीवन फिर भी खालीपन से भरा था।
परिवार को झकझोर गई यह त्रासदी
हेतराम के बड़े भाई देवकीनंदन ने पुलिस को बताया कि छोटा भाई कई दिनों से मानसिक रूप से परेशान था। सुबह क समय वह बिना कुछ कहे घर से निकल गया और कुछ ही घंटों में उसके खुदकुशी करने की खबर आई। सुजानगढ़ आरपीएफ चौकी से एएसआई रविंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि सुबह करीब 10:30 बजे ट्रेन चालक से सूचना मिली थी कि एक युवक खानपुर फाटक के पास ट्रेन के सामने कूद गया है। शव को गार्ड ने ट्रेन में रखकर सुजानगढ़ स्टेशन तक लाया। इसके बाद लाडनूं अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों को सौंपा गया।
मनोवैज्ञानिक सलाह, परिजनों से संवाद और हेल्पलाइन से संपर्क
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. प्रहलाद सिंघल का कहना है कि मनोवैज्ञानिक सलाह लें, परिजनों से संवाद बनाए रखें और जरूरत पड़े तो हेल्पलाइन से संपर्क करें। जीवन अनमोल है। यह घटना एक संवेदनशील मुद्दे से जुड़ी है। अगर आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव या डिप्रेशन से जूझ रहा है, तो कृपया पेशेवर मदद लें।
ऐसा ख्याल आए तो हेल्पलाइन की मदद लें
मन में सुसाइड का ख्याल आए तो मनोचिकित्सक से बात करके आप अपनी समस्या का हल खोज सकते हैं। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 है, जहां आप 24X7 संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा और भी कई हेल्पलाइन नंबर्स हैं जहां आप संपर्क कर सकते हैं। सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय की हेल्पलाइन- 1800-599-0019 (13 भाषाओं में है) इंस्टीट्यूट ऑफ़ ह्यमून बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज-9868396824, 9868396841, 011-22574820 हितगुज हेल्पलाइन, मुंबई- 022- 24131212 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस-080 - 26995000
सुसाइड नोट में छलका दर्द
युवक की जेब से मिला सुसाइड नोट पढ़कर हर किसी की आंखें नम हो गईं। हेतराम ने लिखा 'मम्मी-पापा मुझे माफ करना, अब इस दुनिया में और नहीं रहना चाहता। कोई वजह नहीं है, बस मैं खुद से परेशान हो गया हूं... श्रीदेवी (बदला हुआ नाम) की शादी कहीं और करवा देना'। "2000 रुपए देवकी भाई को देना, 1000 मनीष महरिया को और मोबाइल श्रीनाथ को दे देना। मुझे जाने का दुख तो है लेकिन अब डिप्रेशन बहुत बढ़ गया है। अब कोई रास्ता नहीं बचा। सभी खुश रहना। लव यू ऑल।"
3 साल पहले हुई थी शादी
हेतराम ने बीएससी करने के बाद बैंकिंग और अन्य सरकारी नौकरियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की थी। मगर किस्मत साथ नहीं दे रही थी। नौकरी न मिलने और जिम्मेदारियों के बोझ ने उसे तोड़ दिया। मीडिया रिपोर्ट्स में परिजनों के अनुसार वह पिछले कुछ समय से गहरे मानसिक तनाव में था। 3 साल पहले हुई शादी और 2 महीने पहले जन्मी बेटी के बावजूद, उसका जीवन फिर भी खालीपन से भरा था।
परिवार को झकझोर गई यह त्रासदी
हेतराम के बड़े भाई देवकीनंदन ने पुलिस को बताया कि छोटा भाई कई दिनों से मानसिक रूप से परेशान था। सुबह क समय वह बिना कुछ कहे घर से निकल गया और कुछ ही घंटों में उसके खुदकुशी करने की खबर आई। सुजानगढ़ आरपीएफ चौकी से एएसआई रविंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि सुबह करीब 10:30 बजे ट्रेन चालक से सूचना मिली थी कि एक युवक खानपुर फाटक के पास ट्रेन के सामने कूद गया है। शव को गार्ड ने ट्रेन में रखकर सुजानगढ़ स्टेशन तक लाया। इसके बाद लाडनूं अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कर शव परिजनों को सौंपा गया।
मनोवैज्ञानिक सलाह, परिजनों से संवाद और हेल्पलाइन से संपर्क
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. प्रहलाद सिंघल का कहना है कि मनोवैज्ञानिक सलाह लें, परिजनों से संवाद बनाए रखें और जरूरत पड़े तो हेल्पलाइन से संपर्क करें। जीवन अनमोल है। यह घटना एक संवेदनशील मुद्दे से जुड़ी है। अगर आप या आपका कोई परिचित मानसिक तनाव या डिप्रेशन से जूझ रहा है, तो कृपया पेशेवर मदद लें।
ऐसा ख्याल आए तो हेल्पलाइन की मदद लें
मन में सुसाइड का ख्याल आए तो मनोचिकित्सक से बात करके आप अपनी समस्या का हल खोज सकते हैं। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 है, जहां आप 24X7 संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा और भी कई हेल्पलाइन नंबर्स हैं जहां आप संपर्क कर सकते हैं। सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय की हेल्पलाइन- 1800-599-0019 (13 भाषाओं में है) इंस्टीट्यूट ऑफ़ ह्यमून बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज-9868396824, 9868396841, 011-22574820 हितगुज हेल्पलाइन, मुंबई- 022- 24131212 नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस-080 - 26995000
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