लातेहारः झारखंड पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के तीन मोस्ट वांटेड नक्सलियों को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया है। नक्सली किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस को ये कामयाबी लातेहार में चंदवा थाना क्षेत्र के हड़गड़वा जंगल में छापेमारी के दौरान पुलिस गिरफ्तार नक्सलियों में लातेहार जिले का चंदवा निवासी संतोष उरांव, बालूमाथ थाना क्षेत्र निवासी आशीष उरांव और लोहरदगा जिले के कुड़ू थाना क्षेत्र निवासी बालक राम शामिल हैं। संतोष के खिलाफ अलग-अलग थानों में 23 केस दर्जलातेहार के डीएसपी अरविंद कुमार ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि संतोष के खिलाफ अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 23 नक्सली वारदात की एफआईआर दर्ज है। दूसरा नक्सली बालक राम भी नौ आपराधिक और नक्सली वारदातों में वांछित था। आशीष उरांव भी पूर्व में जेल जा चुका है। किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की थी तैयारीबताया गया कि लातेहार के एसपी कुमार गौरव को गुप्त सूचना मिली थी कि हरगड़वा जंगल में हथियारबंद नक्सली किसी घटना को अंजाम देने की तैयारी में इकट्ठा हुए हैं। उन्होंने कार्रवाई के लिए डीएसपी अरविंद कुमार और पुलिस इंस्पेक्टर रणधीर कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की। पुलिस की टीम ने जब जंगल में छापेमारी की तो नक्सलियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें घेराबंदी कर दबोच लिया गया। दो बंदूकें और 7 कारतूस-मोबाइल जब्तनक्सलियों के पास से दो बंदूकें और सात जिंदा गोलियां बरामद हुई हैं। सात मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। इन नक्सलियों ने पिछले महीने चंदवा थाना क्षेत्र के सेरक गांव के पास ईंट भट्ठा पर फायरिंग की थी और एक मुंशी को गोली मार दी थी। उन्होंने हड़गड़वा स्थित संतोष सिंह की क्रशर इकाई पर भी गोलीबारी की थी। पीएलएफआई के नाम से मांगी गई थी लेवीहाल ही में पीआरए रोड कंस्ट्रक्शन के संचालकों से भी पीएलएफआई के नाम से लेवी की मांग की गई थी। नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने वाली टीम में सब इंस्पेक्टर अजीत कुमार, अरविंद कुमार सिंह, श्रवण कुमार, राकेश कुमार महतो समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे। गुरुवार को तीनों नक्सलियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
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