मुंबई : देश की मायानगर मुंबई में लगातार बढ़ती ट्रैफिक की समस्या को दूर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने शहर के नीचे 70 किमी लंबा अंडर ग्राउंड रोड नेटवर्क तैयार करने की योजना बनाई है। इस नेटवर्क को तैयार करने का उद्देश्य मुंबई के सबसे अधिक ट्रैफिक वाले मार्ग पर यात्रियों को नया वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराना है। 70 किमी लंबा अंडर ग्राउंड कोस्टल रोड़, बीकेसी, बुलेट ट्रेन, एयरपोर्ट, वेस्टर्न और ईस्टर हाईवे, एसवी रोड समेत अहम हिस्सों को कनेक्ट करेगा।
रोड नेटवर्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की दिशा में मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण ने कदम आगे बढ़ाए हैं। यह काम तीन फेज में होगा। पहले फेज में 16 किलोमीटर, दूसरे फेज में दस किमी और तीसरे फेज में 44 किमी का काम होना है। एमएमआरडीए अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहले फेज के लिए टेक्नो- इकॉनॉमिक फिजिबिलिटी स्टडी और डीपीआर के लिए कंसल्टेंट नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
16 किमी के पहले में होगा ये कामपहले फेज में 16 किमी लंबी अंडर ग्राउंड रोड तैयार की जाएगी। यह मार्ग बांद्रा वर्ली सी लिंक, बीकेसी, एयरपोर्ट और बीकेसी में तैयार हो रहे बुलेट ट्रेन स्टेशन को कनेक्ट करेगा। इससे एमएमआरडीए को वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और एसवी रोड का ट्रैफिक कम होने की उम्मीद है। 16 किमी की अंडर ग्राउंड रोड से वाहन चालक साउथ मुंबई से उपनगर तक तेजी से पहुंच सकेंगे।
10 किमी के दूसरे फेज में होने वाला कामसरकार ने वेस्टर्न-ईस्टर्न हाइवे कनेक्ट करने के लिए 10 किमी का मार्ग तैयार करने की योजना बनाई है। मौजूदा समय में वाहन चालक एससीएलआर एक्सटेंशन या अन्य मार्गों से एक हाईवे से दूसरे हाईवे तक पहुंचते हैं। इस दौरान यात्रियों को कई जगहों पर ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है। यात्रियों को नया वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होने से शहर की अंदरूनी सड़क पर ट्रैफिक का बोझ कम होगा।
44 किमी का अंतिम फेज में ये काममहानगर के उत्तरी छोर से दक्षिणी छोर की ओर जाने वाले यात्रियों का सफर आसान बनाने के लिए तीसरे फेज में सबसे लंबा 44 किमी लंबा अंडर ग्राउंड मार्ग तैयार होगा। इस रोड के जरिए मुंबई को ठाणे और करीब के क्षेत्र से जोड़ा जाएगा। इससे हाईवे से गुजरने वाले यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराने की योजना पर काम किया जा रहा है।
17 नवंबर को खोला जाएगा टेंडरकंसलटेंट के चयन के लिए प्राधिकरण के मुख्यालय में प्री बीड मीटिंग हो चुकी है। 17 नवंबर को कंसलटेंट नियुक्ति के लिए आमंत्रित टेंडर को खोला जाएगा।एमएमआरडीए कमिश्नर डॉ. संजय मुखर्जी के अनुसार, डीपीआर तैयार करते वक्त प्रोजेक्ट के तकनीकी, पर्यावरण पर होने वाले असर और आर्थिक पहलू का विस्तार से अध्ययन किया जाएगा।
रोड नेटवर्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की दिशा में मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण ने कदम आगे बढ़ाए हैं। यह काम तीन फेज में होगा। पहले फेज में 16 किलोमीटर, दूसरे फेज में दस किमी और तीसरे फेज में 44 किमी का काम होना है। एमएमआरडीए अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहले फेज के लिए टेक्नो- इकॉनॉमिक फिजिबिलिटी स्टडी और डीपीआर के लिए कंसल्टेंट नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
16 किमी के पहले में होगा ये कामपहले फेज में 16 किमी लंबी अंडर ग्राउंड रोड तैयार की जाएगी। यह मार्ग बांद्रा वर्ली सी लिंक, बीकेसी, एयरपोर्ट और बीकेसी में तैयार हो रहे बुलेट ट्रेन स्टेशन को कनेक्ट करेगा। इससे एमएमआरडीए को वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और एसवी रोड का ट्रैफिक कम होने की उम्मीद है। 16 किमी की अंडर ग्राउंड रोड से वाहन चालक साउथ मुंबई से उपनगर तक तेजी से पहुंच सकेंगे।
10 किमी के दूसरे फेज में होने वाला कामसरकार ने वेस्टर्न-ईस्टर्न हाइवे कनेक्ट करने के लिए 10 किमी का मार्ग तैयार करने की योजना बनाई है। मौजूदा समय में वाहन चालक एससीएलआर एक्सटेंशन या अन्य मार्गों से एक हाईवे से दूसरे हाईवे तक पहुंचते हैं। इस दौरान यात्रियों को कई जगहों पर ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है। यात्रियों को नया वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होने से शहर की अंदरूनी सड़क पर ट्रैफिक का बोझ कम होगा।
44 किमी का अंतिम फेज में ये काममहानगर के उत्तरी छोर से दक्षिणी छोर की ओर जाने वाले यात्रियों का सफर आसान बनाने के लिए तीसरे फेज में सबसे लंबा 44 किमी लंबा अंडर ग्राउंड मार्ग तैयार होगा। इस रोड के जरिए मुंबई को ठाणे और करीब के क्षेत्र से जोड़ा जाएगा। इससे हाईवे से गुजरने वाले यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराने की योजना पर काम किया जा रहा है।
17 नवंबर को खोला जाएगा टेंडरकंसलटेंट के चयन के लिए प्राधिकरण के मुख्यालय में प्री बीड मीटिंग हो चुकी है। 17 नवंबर को कंसलटेंट नियुक्ति के लिए आमंत्रित टेंडर को खोला जाएगा।एमएमआरडीए कमिश्नर डॉ. संजय मुखर्जी के अनुसार, डीपीआर तैयार करते वक्त प्रोजेक्ट के तकनीकी, पर्यावरण पर होने वाले असर और आर्थिक पहलू का विस्तार से अध्ययन किया जाएगा।
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