बीजापुर: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में 14 लाख रुपये की   इनामी नक्सली सुनीता ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है। सुनाती की गिनती दुर्दांत नक्सलियों में होती थी। वह 19 साल की उम्र में संगठन से जुड़ी थी। जानकारी के अनुसार, उसका ब्रेनवॉश किया गया था जिसके बाद वह नक्सली संगठन की मेंबर बन गई। वह कई बड़े अपराधों में शामिल थी। सुनीता के बारे में कहा जाता है कि इलाके में उसकी दहशत थी।   
   
मासूम सी दिखने वाली सुनीता पर 14 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। जब वह एसपी के सामने सरेंडर करने पहुंची तो काफी डरी और सहमी हुई थी। एसपी उससे सवाल कर रहे थे तो वह ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी। इसका ब्रेन वाश करने वालों ने उसे दुर्दांत नक्सली बना दिया।
     
छत्तीसगढ़ की रहने वाली है सुनीता
सुनीता छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गोमवेटा भैरमगढ़ की रहने वाली है। वह माओवादी संगठन के एक्शन टीम मेंबर के रूप में काम कर रही थी। सेंट्रल कमेटी के कुख्यात मेंबर रामदेर की सुरक्षा गार्ड रह चुकी थी। 2022 में वह माओवादी संगठन से जुड़ी थी। बताया जा रहा है कि तब उसकी उम्र करीब 19 साल थी। माओवादी संगठन में जुड़ने के बाद छह महीने तक उसे ट्रेनिंग दी गई। उसके बाद उसने कुख्यात नक्सली रामदेर की 11 सदस्यीय टीम के साथ अपना काम शुरू किया।
     
उसे जीआरबी डिवीजन के मलाजखंड दर्रेकसा दल का सबसे एक्टिव मेंबर माना जाता था। छत्तीसगढ़ के साथ-साथ वह मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में काफी एक्टिव थी। 1 नवंबर की सुबह ही उसने सरेंडर का फैसला किया और अपने संगठन से अलग हो गई।
   
चुपचाप पहुंची सरेंडर करने
पुलिस के अनुसार, 1 नवंबर की सुबह करीब 4 बजे सुनीता ने फैसला किया कि वह माओवादी संगठन का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटेगी। उसने जंगल में अपने हथियार और वर्दी को छिपाया और सरेंडर करने के लिए सीधे चौरिया कैंप पहुंची। उसने एसपी के सामने अपने हथियार रख दिए और माओवाद का रास्ता छोड़ दिया। इस दौरान उसने अपने इंसास राइफल, तीन मैगजीन, वर्दी और पिट्ठू बैग पुलिस को सौंप दिया।
   
नक्सलवाद के खिलाफ अभियान तेज
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबल के जवान लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। नक्सली संगठनों के कई टॉप लीडरों का एनकाउंटर होने के बाद सक्रिय मेंबर सरेंडर कर रहे हैं जिस कारण से माओवादी संगठन में मतभेद हो गया है।
  
मासूम सी दिखने वाली सुनीता पर 14 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। जब वह एसपी के सामने सरेंडर करने पहुंची तो काफी डरी और सहमी हुई थी। एसपी उससे सवाल कर रहे थे तो वह ठीक से बोल भी नहीं पा रही थी। इसका ब्रेन वाश करने वालों ने उसे दुर्दांत नक्सली बना दिया।
छत्तीसगढ़ की रहने वाली है सुनीता
सुनीता छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गोमवेटा भैरमगढ़ की रहने वाली है। वह माओवादी संगठन के एक्शन टीम मेंबर के रूप में काम कर रही थी। सेंट्रल कमेटी के कुख्यात मेंबर रामदेर की सुरक्षा गार्ड रह चुकी थी। 2022 में वह माओवादी संगठन से जुड़ी थी। बताया जा रहा है कि तब उसकी उम्र करीब 19 साल थी। माओवादी संगठन में जुड़ने के बाद छह महीने तक उसे ट्रेनिंग दी गई। उसके बाद उसने कुख्यात नक्सली रामदेर की 11 सदस्यीय टीम के साथ अपना काम शुरू किया।
उसे जीआरबी डिवीजन के मलाजखंड दर्रेकसा दल का सबसे एक्टिव मेंबर माना जाता था। छत्तीसगढ़ के साथ-साथ वह मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में काफी एक्टिव थी। 1 नवंबर की सुबह ही उसने सरेंडर का फैसला किया और अपने संगठन से अलग हो गई।
चुपचाप पहुंची सरेंडर करने
पुलिस के अनुसार, 1 नवंबर की सुबह करीब 4 बजे सुनीता ने फैसला किया कि वह माओवादी संगठन का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटेगी। उसने जंगल में अपने हथियार और वर्दी को छिपाया और सरेंडर करने के लिए सीधे चौरिया कैंप पहुंची। उसने एसपी के सामने अपने हथियार रख दिए और माओवाद का रास्ता छोड़ दिया। इस दौरान उसने अपने इंसास राइफल, तीन मैगजीन, वर्दी और पिट्ठू बैग पुलिस को सौंप दिया।
नक्सलवाद के खिलाफ अभियान तेज
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबल के जवान लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। नक्सली संगठनों के कई टॉप लीडरों का एनकाउंटर होने के बाद सक्रिय मेंबर सरेंडर कर रहे हैं जिस कारण से माओवादी संगठन में मतभेद हो गया है।
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