सिनेमा, फिल्म इंडस्ट्री के कामकाज या अपने निजी जीवन पर बात करते समय शब्दों को बिना लाग-लपेट के रखने के लिए मशहूर फिल्ममेकर महेश भट्ट ने हाल ही में अपने बचपन की एक दुखद घटना को याद किया जब चार लड़कों ने उन पर हमला करने की कोशिश की और उनकी मां के साथ गाली-गलौज की। महेश भट्ट शुरू से अपनी मां और भाई-बहनों के साथ मुंबई में पले-बढ़े।
महेश भट्ट ने हाल ही में अपनी बेटी पूजा भट्ट के होस्ट किए गए 'द पूजा भट्ट शो' में एक शाम घर लौटते समय हुई इस घटना को याद करते हुए कहा, 'अचानक चार बड़े लड़कों ने मुझे घेर लिया। उन्होंने मुझे जोर से पकड़ लिया और दीवार से सटा दिया। मैं घबरा गया और मेरे दिल की गहराइयों से एक चीख निकली कि भगवान मुझे बचाइए। लेकिन भगवान बेपरवाह थे, वे चुप रहे। मुझे यह समझने में सालों लग गए कि भगवान होते ही नहीं, इंसान को खुद को आजाद करना पड़ता है। 'मुझे घर जाने दो,' कहकर मैंने उनसे विनती की, इन दरिंदों ने मेरे चारों ओर जो खतरनाक घेरा बना रखा था, उससे बाहर निकलने की कोशिश करते हुए मैंने सब बोला।'
महेश भट्ट के साथ घटिया हरकतमहेश भट्ट ने बताया कि मामला तेजी से बिगड़ रहा था और उन्होंने उन्हें और भी ज्यादा परेशान करना शुरू कर दिया। महेश ने कहा, 'मैं उम्मीद कर रहा था कि कोई राहगीर बीच में आकर मुझे इन गुंडों से बचा लेगा। लेकिन मेरी परेशानी की परवाह किए बिना, आम जिंदगी यूं ही गुजरती रही। उनमें से एक ने कहा, 'इसकी पैंट नीचे खींचो।' इससे पहले कि लड़का आगे बढ़कर मेरी पैंट पकड़ पाता, मैंने गिड़गिड़ाना शुरू कर दिया और उसके हाथ पीछे धकेल दिए। मैं चिल्लाया, 'तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो?' उन्होंने कहा, 'हम देखना चाहते हैं कि क्या तुम हम में से एक हो। क्या तुम्हारी मां तुम्हारे पिता की रखैल नहीं है?! वह एक मुसलमान है और वह घटिया फिल्मों में नाचती थी। तो तुम्हारा नाम महेश क्यों है?' मैं स्तब्ध रह गया। गहरे दुःख के कारण मैं फूट-फूट कर रोने लगा।'
हकलाकर बोलते रहे महेश भट्टमहेश ने बताया कि जब उन्होंने उन्हें चेतावनी दी कि वह इस घटना की सूचना अपने पिता को देंगे, तो वे बदमाश हंसे और पूछा, 'बताओ वह अब कहां हैं? कहां रहता है? तुम्हारे घर में? सच बताओ, हम तुम्हें जाने देंगे। महेश ने बताया कि इस सवाल ने उनके परिवार के उस गहरे जख्म को और गहरा कर दिया जिसे वह बरसों से छुपा रहे थे। उन्होंने आगे कहा, मैं हकलाया और कमजोरी से बोला, 'मैं कसम खाता हूं कि वह हमारे साथ रहते हैं। वह आउटडोर शूटिंग के लिए गए हैं।' लेकिन मेरे शब्दों में दृढ़ता नहीं थी। और तभी मेरे अंदर कुछ टूट गया। उनकी आंखों में देखते हुए मैंने बेधड़क कहा, 'मेरे पिता हमारे साथ नहीं रहते। वह अपनी पत्नी और मेरी दूसरी मां के साथ अंधेरी में रहते हैं।' अजीब तरह से माहौल बदल गया और दाढ़ी वाले लड़के ने मुझ पर से अपनी पकड़ ढीली कर दी और मुझे जाने का इशारा किया।'
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परिवार के लिए विलन बन गए महेश भट्टमहेश भट्ट ने कहा कि इस घटना ने उनके मन पर गहरा असर छोड़ा है, फिर भी उन्हें इस बात पर हैरानी है कि आखिरकार किस वजह से उन्होंने उन्हें जाने दिया। उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना ने उनकी मां के साथ उनके रिश्ते को हमेशा के लिए बदल दिया, क्योंकि उनकी मां और उनके भाई-बहनों को लगा कि उन्होंने उनके घर के राज खोलकर उनके साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने आगे कहा, 'उन्होंने मुझे उसी वक्त अपनी जिंदगी से बाहर कर दिया।'
कौन हैं महेश भट्ट के माता-पिता?नानाभाई भट्ट, एक नागर ब्राह्मण और शिरीन मोहम्मद अली, एक शिया मुस्लिम थीं जिनके छह बच्चे थे, जिनमें महेश और मुकेश भट्ट भी शामिल थे। बाद में नानाभाई ने हेमलता भट्ट नाम की एक महिला से शादी की, जिनसे उनके तीन बच्चे हुए, जिनमें रॉबिन भट्ट भी शामिल हैं।
महेश भट्ट ने हाल ही में अपनी बेटी पूजा भट्ट के होस्ट किए गए 'द पूजा भट्ट शो' में एक शाम घर लौटते समय हुई इस घटना को याद करते हुए कहा, 'अचानक चार बड़े लड़कों ने मुझे घेर लिया। उन्होंने मुझे जोर से पकड़ लिया और दीवार से सटा दिया। मैं घबरा गया और मेरे दिल की गहराइयों से एक चीख निकली कि भगवान मुझे बचाइए। लेकिन भगवान बेपरवाह थे, वे चुप रहे। मुझे यह समझने में सालों लग गए कि भगवान होते ही नहीं, इंसान को खुद को आजाद करना पड़ता है। 'मुझे घर जाने दो,' कहकर मैंने उनसे विनती की, इन दरिंदों ने मेरे चारों ओर जो खतरनाक घेरा बना रखा था, उससे बाहर निकलने की कोशिश करते हुए मैंने सब बोला।'
महेश भट्ट के साथ घटिया हरकतमहेश भट्ट ने बताया कि मामला तेजी से बिगड़ रहा था और उन्होंने उन्हें और भी ज्यादा परेशान करना शुरू कर दिया। महेश ने कहा, 'मैं उम्मीद कर रहा था कि कोई राहगीर बीच में आकर मुझे इन गुंडों से बचा लेगा। लेकिन मेरी परेशानी की परवाह किए बिना, आम जिंदगी यूं ही गुजरती रही। उनमें से एक ने कहा, 'इसकी पैंट नीचे खींचो।' इससे पहले कि लड़का आगे बढ़कर मेरी पैंट पकड़ पाता, मैंने गिड़गिड़ाना शुरू कर दिया और उसके हाथ पीछे धकेल दिए। मैं चिल्लाया, 'तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो?' उन्होंने कहा, 'हम देखना चाहते हैं कि क्या तुम हम में से एक हो। क्या तुम्हारी मां तुम्हारे पिता की रखैल नहीं है?! वह एक मुसलमान है और वह घटिया फिल्मों में नाचती थी। तो तुम्हारा नाम महेश क्यों है?' मैं स्तब्ध रह गया। गहरे दुःख के कारण मैं फूट-फूट कर रोने लगा।'
हकलाकर बोलते रहे महेश भट्टमहेश ने बताया कि जब उन्होंने उन्हें चेतावनी दी कि वह इस घटना की सूचना अपने पिता को देंगे, तो वे बदमाश हंसे और पूछा, 'बताओ वह अब कहां हैं? कहां रहता है? तुम्हारे घर में? सच बताओ, हम तुम्हें जाने देंगे। महेश ने बताया कि इस सवाल ने उनके परिवार के उस गहरे जख्म को और गहरा कर दिया जिसे वह बरसों से छुपा रहे थे। उन्होंने आगे कहा, मैं हकलाया और कमजोरी से बोला, 'मैं कसम खाता हूं कि वह हमारे साथ रहते हैं। वह आउटडोर शूटिंग के लिए गए हैं।' लेकिन मेरे शब्दों में दृढ़ता नहीं थी। और तभी मेरे अंदर कुछ टूट गया। उनकी आंखों में देखते हुए मैंने बेधड़क कहा, 'मेरे पिता हमारे साथ नहीं रहते। वह अपनी पत्नी और मेरी दूसरी मां के साथ अंधेरी में रहते हैं।' अजीब तरह से माहौल बदल गया और दाढ़ी वाले लड़के ने मुझ पर से अपनी पकड़ ढीली कर दी और मुझे जाने का इशारा किया।'
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परिवार के लिए विलन बन गए महेश भट्टमहेश भट्ट ने कहा कि इस घटना ने उनके मन पर गहरा असर छोड़ा है, फिर भी उन्हें इस बात पर हैरानी है कि आखिरकार किस वजह से उन्होंने उन्हें जाने दिया। उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना ने उनकी मां के साथ उनके रिश्ते को हमेशा के लिए बदल दिया, क्योंकि उनकी मां और उनके भाई-बहनों को लगा कि उन्होंने उनके घर के राज खोलकर उनके साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने आगे कहा, 'उन्होंने मुझे उसी वक्त अपनी जिंदगी से बाहर कर दिया।'
कौन हैं महेश भट्ट के माता-पिता?नानाभाई भट्ट, एक नागर ब्राह्मण और शिरीन मोहम्मद अली, एक शिया मुस्लिम थीं जिनके छह बच्चे थे, जिनमें महेश और मुकेश भट्ट भी शामिल थे। बाद में नानाभाई ने हेमलता भट्ट नाम की एक महिला से शादी की, जिनसे उनके तीन बच्चे हुए, जिनमें रॉबिन भट्ट भी शामिल हैं।
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