वॉशिंगटन: पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर का लंबे समय से इंतजार कर रही भारतीय वायुसेना को बड़ा झटका लगा है। भारतीय सेना को अमेरिका से अपाचे AH-64E हेलिकॉप्टर का दूसरा और आखिरी बैच मिलने वाला था। इन हेलिकॉप्टरों को बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग ने उसे An-124 कार्गो प्लेन पर लादकर ब्रिटेन तक पहुंचा भी दिया था लेकिन फिर अचानक से उसे वापस अमेरिका भेज दिया गया। भारतीय सेना ने अमेरिका को साल 2020 में 6 अपाचे टैंक किलर हेलिकॉप्टर का ऑर्डर दिया था। इन हेलिकॉप्टर का पहला बैच 2024 में मिलना था लेकिन अमेरिका उसे जुलाई 2025 में दे पाया। अब दूसरे और अखिरी बैच को देने में भी अमेरिका आनाकानी करने लगा है। ब्रिटेन से भारतीय सेना के अपाचे हेलिकॉप्टरों को वापस अमेरिका भेजे जाने से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।
सोशल मीडिया पर एयरप्लेन पर नजर रखने वाले @KiwaSpotter ने एक्स पर बताया कि भारी वजन ले जाने वाले An-124 विमान 30 अक्टूबर को जर्मनी से अमेरिका के मेसा गेटवे एयरपोर्ट पहुंचे थे। यह विमान भारतीय अपाचे को लेकर ब्रिटेन के एयरपोर्ट पर पहुंचा और 8 दिनों तक वहां रहा। इसके बाद फिर वही प्लेन एक बार फिर से अमेरिका के मेसा गेटवे एयर पोर्ट पर 8 नवंबर को पहुंच गया। इस विमान पर भारतीय सेना के 3 अपाचे लादे गए थे। इस पूरे मामले पर अभी तक भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कोई बयान नहीं दिया है। वहीं बोइंग ने भी पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। इस पूरे मामले में रोचक बात यह है कि हाल ही में अमेरिका ने पोलैंड को दो अपाचे हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति की है।
पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल होंगे अपाचे टैंक किलर
अमेरिका डील के 5 साल बाद भी अभी तक भारत को इन हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति नहीं कर सका है। भारतीय सेना ने अपाचे के पहले बैच को पाकिस्तान के खिलाफ जोधपुर में तैनात किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ये हेलिकॉप्टर भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाएंगे। खासकर चुनौतीपूर्ण इलाके में ये कारगर होंगे। भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टर हैं। ये उड़ते टैंक पठानकोट और असम के जोरहाट एयर बेस पर तैनात हैं। भारतीय सेना ने चीन के साथ गलवान में टकराव के बाद अमेरिका से चिनूक के साथ अपाचे को खरीदा था।
पाकिस्तान ने अपाचे को टक्कर देने के लिए चीन से लड़ाकू हेलिकॉप्टर खरीदा है। अमेरिकी कंपनी बोइंग का दावा है कि अपाचे एक आधुनिक मल्टी मिशन हेलिकॉप्टर हैं जिसमें अत्याधुनिक तकनीक को लगाया गया है। इससे यह दुनिया का सबसे अच्छा अटैक हेलिकॉप्टर है। यह युद्ध के मैदान में खुद को बचाकर हमला करने मे माहिर है। अफगानिस्तान की जंग में अमेरिका ने इसका जमकर इस्तेमाल किया था। हालांकि यह भारत में इन दिनों कई बार आपात लैंडिंग कर चुका है। इससे कई तरह के सवाल उठे हैं।
असीम मुनीर ने किया था अमेरिका का दौरा
अपाचे हेलिकॉप्टर पहाड़ी इलाके में भी आसानी से उड़ान भरने में सक्षम हैं और जोरदार तरीके से दुश्मन के इलाके में दिन हो या रात कभी भी हमला कर सकते हैं। इसे युद्धपोतों के खिलाफ भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें हेलिफायर मिसाइलें लगी हैं जिससे यह टैंक किलर बन जाता है। यह पाकिस्तान या चीन के टैंकों और हथियारबंद वाहनों का काल बन सकता है। यह एक के बाद एक 16 लक्ष्यों को तबाह कर सकता है। अमेरिका ने अपाचे को देने में यह देरी ऐसे समय पर की है जब पाकिस्तानी सेना और डोनाल्ड ट्रंप के बीच रिश्ते काफी मजबूत हो गए हैं। वहीं भारत के साथ टैरिफ को लेकर तनाव बना हुआ है। इससे अमेरिका की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। असीम मुनीर ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था और ट्रंप के साथ मुलाकात की थी।
सोशल मीडिया पर एयरप्लेन पर नजर रखने वाले @KiwaSpotter ने एक्स पर बताया कि भारी वजन ले जाने वाले An-124 विमान 30 अक्टूबर को जर्मनी से अमेरिका के मेसा गेटवे एयरपोर्ट पहुंचे थे। यह विमान भारतीय अपाचे को लेकर ब्रिटेन के एयरपोर्ट पर पहुंचा और 8 दिनों तक वहां रहा। इसके बाद फिर वही प्लेन एक बार फिर से अमेरिका के मेसा गेटवे एयर पोर्ट पर 8 नवंबर को पहुंच गया। इस विमान पर भारतीय सेना के 3 अपाचे लादे गए थे। इस पूरे मामले पर अभी तक भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कोई बयान नहीं दिया है। वहीं बोइंग ने भी पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है। इस पूरे मामले में रोचक बात यह है कि हाल ही में अमेरिका ने पोलैंड को दो अपाचे हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति की है।
Antonov An-124 UR-82008 arrived at KIWA this afternoon from Leipzig, Germany, to pick up 3 AH-64E Apaches for the Indian Army. pic.twitter.com/5PNuAYGIcx
— KIWA Spotter (@KiwaSpotter) October 30, 2025
पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल होंगे अपाचे टैंक किलर
अमेरिका डील के 5 साल बाद भी अभी तक भारत को इन हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति नहीं कर सका है। भारतीय सेना ने अपाचे के पहले बैच को पाकिस्तान के खिलाफ जोधपुर में तैनात किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ये हेलिकॉप्टर भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाएंगे। खासकर चुनौतीपूर्ण इलाके में ये कारगर होंगे। भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही 22 अपाचे हेलिकॉप्टर हैं। ये उड़ते टैंक पठानकोट और असम के जोरहाट एयर बेस पर तैनात हैं। भारतीय सेना ने चीन के साथ गलवान में टकराव के बाद अमेरिका से चिनूक के साथ अपाचे को खरीदा था।
पाकिस्तान ने अपाचे को टक्कर देने के लिए चीन से लड़ाकू हेलिकॉप्टर खरीदा है। अमेरिकी कंपनी बोइंग का दावा है कि अपाचे एक आधुनिक मल्टी मिशन हेलिकॉप्टर हैं जिसमें अत्याधुनिक तकनीक को लगाया गया है। इससे यह दुनिया का सबसे अच्छा अटैक हेलिकॉप्टर है। यह युद्ध के मैदान में खुद को बचाकर हमला करने मे माहिर है। अफगानिस्तान की जंग में अमेरिका ने इसका जमकर इस्तेमाल किया था। हालांकि यह भारत में इन दिनों कई बार आपात लैंडिंग कर चुका है। इससे कई तरह के सवाल उठे हैं।
असीम मुनीर ने किया था अमेरिका का दौरा
अपाचे हेलिकॉप्टर पहाड़ी इलाके में भी आसानी से उड़ान भरने में सक्षम हैं और जोरदार तरीके से दुश्मन के इलाके में दिन हो या रात कभी भी हमला कर सकते हैं। इसे युद्धपोतों के खिलाफ भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें हेलिफायर मिसाइलें लगी हैं जिससे यह टैंक किलर बन जाता है। यह पाकिस्तान या चीन के टैंकों और हथियारबंद वाहनों का काल बन सकता है। यह एक के बाद एक 16 लक्ष्यों को तबाह कर सकता है। अमेरिका ने अपाचे को देने में यह देरी ऐसे समय पर की है जब पाकिस्तानी सेना और डोनाल्ड ट्रंप के बीच रिश्ते काफी मजबूत हो गए हैं। वहीं भारत के साथ टैरिफ को लेकर तनाव बना हुआ है। इससे अमेरिका की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। असीम मुनीर ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया था और ट्रंप के साथ मुलाकात की थी।
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