मॉस्को: भारत और चीन के बीच रिश्तों की दरार को खत्म करने के लिए रूस ने जोर लगाना शुरू कर दिया है। मॉस्को ने रूस-भारत और चीन के बीच त्रिपक्षीय तंत्र को फिर से शुरू करने पर जोर दिया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि रूस-भारत-चीन (RIC) ट्रोइका को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है। उन्होंने इस बारे में रूस की इच्छा बताई। लावरोव ने कुछ दिन पहले इसी महीने में कहा था कि पश्चिमी देश भारत और चीन को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं। आरआईसी ट्रोइका को पूर्व रूसी प्रधानमंत्री येवगेनी प्रिमाकोव की पहल पर स्थापित किया गया था।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, एक सम्मेलन में बोलते हुए सर्गेई लावरोव ने कहा, मैं ट्रोइका- रूस, भारत, चीन- के फ्रेमवर्क के भीतर काम को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने में हमारी वास्तविक रुचि की पुष्टि करना चाहूंगा। उन्होंने बताया कि आरआईसी ट्रोइका के गठन के बाद से इसकी 20 से अधिक बार मंत्री स्तर पर बैठकें आयोजित हो चुकी हैं। ये बैठकें महज विदेश नीति के प्रमुख के स्तर पर ही नहीं, लेकिन आर्थिक, व्यापारिक और वित्तीय एजेंसियों के प्रमुखों के स्तर पर भी हुई हैं।
भारत यात्रा में लावरोव उठा सकते हैं मुद्दा
लावरोव अपनी आगामी भारत यात्रा के दौरान भारतीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठा सकते हैं। TOI की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी मंत्री आगामी भारत-रूस शिखर सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए जून में भारत की यात्रा कर सकते हैं। शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर भारत आने वाले हैं, जो फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहला भारत दौरा होगा।
रूसी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि नाटो भारत को चीन विरोधी साजिशों में फंसाने की खुलेआम कोशिश कर रहा है। तास के अनुसार, 'लावरोव ने कहा कि मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि हमारे भारतीय मित्र स्पष्ट रूप से इस प्रवृत्ति को देख रहे हैं, जिसे वास्तव में एक बड़े उकसावे के रूप में माना जा सकता है और मैं यह उनके साथ गोपनीय बातचीत के आधार पर कह रहा हूं।'
पाकिस्तान के दोस्त के साथ सुधरेंगे रिश्ते?
रूस की पहल ऐसे समय में आई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव में चीन की स्पष्ट भूमिका सामने आई है। सैन्य टकराव में चीन ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन दिया था। चीन ने पाकिस्तान को वायु रक्षा प्रणाली और लड़ाकू विमान के अलावा तकनीकी रूप से भी भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद की। संघर्ष के बाद अब चीन ने पाकिस्तान के लिए बड़ी सैन्य मदद की तैयारी कर रही है, जिसमें J-35 पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की जल्द से जल्द डिलिवरी करना शामिल है। चीन ने जिस तरह खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया, उसे भारत ने ना सिर्फ देखा है बल्कि औपचारिक तौर पर ये भी कहा कि इसे नोट किया गया है।
RIC ट्रोइका कैसे काम करता है?
पूर्व रूसी पीएम प्रिमकोव ने सबसे पहले 1998 में इस फोरम के विचार को प्रस्तावित किया था, लेकिन ये साल 2001 में ही अस्तित्व में आया था। दूसरे बहुपक्षीय मंचों की ही तरह ये फोरम भी तीनों में से हर देश को अपनी विदेश नीति को ज्यादा अच्छे से समझाने का मौका देता है। हालांकि भारत और चीन के बीच विश्वास कायम करने को लेकर ये फोरम ज्यादा कामयाब नहीं रहा है। जहां नई दिल्ली ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को लेकर चिंताएं जाहिर की है, तो चीन यूएनएससी में कश्मीर पर भारत के लिए सिरदर्दी पैदा करता है। ऐसे में इसकी प्रासंगिकता को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, एक सम्मेलन में बोलते हुए सर्गेई लावरोव ने कहा, मैं ट्रोइका- रूस, भारत, चीन- के फ्रेमवर्क के भीतर काम को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने में हमारी वास्तविक रुचि की पुष्टि करना चाहूंगा। उन्होंने बताया कि आरआईसी ट्रोइका के गठन के बाद से इसकी 20 से अधिक बार मंत्री स्तर पर बैठकें आयोजित हो चुकी हैं। ये बैठकें महज विदेश नीति के प्रमुख के स्तर पर ही नहीं, लेकिन आर्थिक, व्यापारिक और वित्तीय एजेंसियों के प्रमुखों के स्तर पर भी हुई हैं।
भारत यात्रा में लावरोव उठा सकते हैं मुद्दा
लावरोव अपनी आगामी भारत यात्रा के दौरान भारतीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठा सकते हैं। TOI की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी मंत्री आगामी भारत-रूस शिखर सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए जून में भारत की यात्रा कर सकते हैं। शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर भारत आने वाले हैं, जो फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहला भारत दौरा होगा।
रूसी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि नाटो भारत को चीन विरोधी साजिशों में फंसाने की खुलेआम कोशिश कर रहा है। तास के अनुसार, 'लावरोव ने कहा कि मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि हमारे भारतीय मित्र स्पष्ट रूप से इस प्रवृत्ति को देख रहे हैं, जिसे वास्तव में एक बड़े उकसावे के रूप में माना जा सकता है और मैं यह उनके साथ गोपनीय बातचीत के आधार पर कह रहा हूं।'
पाकिस्तान के दोस्त के साथ सुधरेंगे रिश्ते?
रूस की पहल ऐसे समय में आई है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव में चीन की स्पष्ट भूमिका सामने आई है। सैन्य टकराव में चीन ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन दिया था। चीन ने पाकिस्तान को वायु रक्षा प्रणाली और लड़ाकू विमान के अलावा तकनीकी रूप से भी भारत के खिलाफ पाकिस्तान की मदद की। संघर्ष के बाद अब चीन ने पाकिस्तान के लिए बड़ी सैन्य मदद की तैयारी कर रही है, जिसमें J-35 पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की जल्द से जल्द डिलिवरी करना शामिल है। चीन ने जिस तरह खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया, उसे भारत ने ना सिर्फ देखा है बल्कि औपचारिक तौर पर ये भी कहा कि इसे नोट किया गया है।
RIC ट्रोइका कैसे काम करता है?
पूर्व रूसी पीएम प्रिमकोव ने सबसे पहले 1998 में इस फोरम के विचार को प्रस्तावित किया था, लेकिन ये साल 2001 में ही अस्तित्व में आया था। दूसरे बहुपक्षीय मंचों की ही तरह ये फोरम भी तीनों में से हर देश को अपनी विदेश नीति को ज्यादा अच्छे से समझाने का मौका देता है। हालांकि भारत और चीन के बीच विश्वास कायम करने को लेकर ये फोरम ज्यादा कामयाब नहीं रहा है। जहां नई दिल्ली ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को लेकर चिंताएं जाहिर की है, तो चीन यूएनएससी में कश्मीर पर भारत के लिए सिरदर्दी पैदा करता है। ऐसे में इसकी प्रासंगिकता को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं।
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