एथेंस: ग्रीस में हालिया समय में भारत की सैन्य स्तर पर उपस्थिति बढ़ रही है। भारत ने ग्रीस के साथ पूर्वी भूमध्यसागर में नौसैनिक अभ्यास किया है। साथ ही भारत के फाइटर जेट भी एथेंस पहुंचे हैं। ग्रीस ने भारत के पूर्वी भूमध्य सागर में अपनी वैमानिकी उपस्थिति दर्ज कराने के प्रयासों का स्वागत किया है क्योंकि वह तुर्की की आक्रामकता का सामना कर रहा है। भारत की ओर से पश्चिमी क्रेते में खाड़ी हवाई अड्डे का उपयोग युद्धक विमानों के ठहराव और ट्रांजिट युद्धपोतों की डॉकिंग के लिए हुआ है।
भारत की एथेंस में बढ़ती दिलचस्पी की वजह तुर्की को घेरने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है। तुर्की ने भारत के खिलाफ खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया है। ऐसे में भारत ने तुर्की को घेरने के लिए उसके दुश्मन ग्रीस से संपर्क तेज किया है। इन्हीं प्रयासों के तहत भारत सेना के कुछ अहम अधिकारियों ने हालिया दिनों में ग्रीस की यात्रा की है।
बीते साल से बढ़ा सहयोगग्रीस की राजधानी एथेंस के 'ता नीया' अखबार ने भारतीय सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारतीय नेवी का युद्धपोत तमाल यूनानी जलक्षेत्र में हेलेनिक नौसेना की मिसाइल बोट के साथ संयुक्त प्रशिक्षण के लिए पहुंचा है। इससे पहले वह सौदा खाड़ी में डॉक किया गया। यूनानी पक्ष की ओर से हेलेनिक राष्ट्रीय रक्षा जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल दिमित्रियोस चौपिस ने पिछले साल नई दिल्ली का दौरा किया था। इसके बाद कई स्तरों पर द्विपक्षीय रक्षा सहयोग उभरा।
भारतीय यूनिट ने हालिया महीनों में कई इंटर ब्रांच एक्सरसाइट में भाग लिया है। भारतीय फर्मों ने एथेंस में डीईएफईए रक्षा प्रदर्शनी में शामिल होने के बाद खुफिया जानकारी साझा करना भी शुरू किया है। इतना ही नहीं नई दिल्ली ने इस वर्ष एथेंस स्थित अपने दूतावास में एक सैन्य संपर्क अधिकारी तैनात करने का भी वादा किया है।
रक्षा सहयोग पर नजरएक वरिष्ठ सैन्य सूत्र ने ता नीया को बताया कि नई दिल्ली ग्रीस के रक्षा उद्योग पर नजर गड़ाए हुए है। उन्होंने कहा कि ग्रीक जहाजों, लड़ाकू विमानों, विशेष बलों की इकाइयों और स्टाफ अधिकारियों ने भारत में हाल ही में हुए सैन्य अभ्यासों में भाग लिया था। इससे उनको भारतीय सेना को समझने और भारत के हथियारों को करीब से देखने का मौका मिला। भारत की यह कोशिश एथेंस के साथ रक्षा सहयोेग बढ़ाने के लिए है।
भारत की एथेंस से करीबी की अहम वजह तुर्की है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने ड्रोन और दूसरे हथियार देकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी तुर्की खुलकर पाक के साथ खड़ा हुआ। ऐसे में नई दिल्ली भी खुलकर एथेंस के साथ है, जिसे तुर्की अपना एक कड़ा प्रतिद्वंद्वी मानता है। एथेंस भी इससे खुश है क्योंकि पाकिस्तान भी अक्सर तुर्की के साथ मिलकर उसे आक्रामकता दिखाता रहा है।
भारत की एथेंस में बढ़ती दिलचस्पी की वजह तुर्की को घेरने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है। तुर्की ने भारत के खिलाफ खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया है। ऐसे में भारत ने तुर्की को घेरने के लिए उसके दुश्मन ग्रीस से संपर्क तेज किया है। इन्हीं प्रयासों के तहत भारत सेना के कुछ अहम अधिकारियों ने हालिया दिनों में ग्रीस की यात्रा की है।
बीते साल से बढ़ा सहयोगग्रीस की राजधानी एथेंस के 'ता नीया' अखबार ने भारतीय सैन्य सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारतीय नेवी का युद्धपोत तमाल यूनानी जलक्षेत्र में हेलेनिक नौसेना की मिसाइल बोट के साथ संयुक्त प्रशिक्षण के लिए पहुंचा है। इससे पहले वह सौदा खाड़ी में डॉक किया गया। यूनानी पक्ष की ओर से हेलेनिक राष्ट्रीय रक्षा जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल दिमित्रियोस चौपिस ने पिछले साल नई दिल्ली का दौरा किया था। इसके बाद कई स्तरों पर द्विपक्षीय रक्षा सहयोग उभरा।
भारतीय यूनिट ने हालिया महीनों में कई इंटर ब्रांच एक्सरसाइट में भाग लिया है। भारतीय फर्मों ने एथेंस में डीईएफईए रक्षा प्रदर्शनी में शामिल होने के बाद खुफिया जानकारी साझा करना भी शुरू किया है। इतना ही नहीं नई दिल्ली ने इस वर्ष एथेंस स्थित अपने दूतावास में एक सैन्य संपर्क अधिकारी तैनात करने का भी वादा किया है।
रक्षा सहयोग पर नजरएक वरिष्ठ सैन्य सूत्र ने ता नीया को बताया कि नई दिल्ली ग्रीस के रक्षा उद्योग पर नजर गड़ाए हुए है। उन्होंने कहा कि ग्रीक जहाजों, लड़ाकू विमानों, विशेष बलों की इकाइयों और स्टाफ अधिकारियों ने भारत में हाल ही में हुए सैन्य अभ्यासों में भाग लिया था। इससे उनको भारतीय सेना को समझने और भारत के हथियारों को करीब से देखने का मौका मिला। भारत की यह कोशिश एथेंस के साथ रक्षा सहयोेग बढ़ाने के लिए है।
भारत की एथेंस से करीबी की अहम वजह तुर्की है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने ड्रोन और दूसरे हथियार देकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी तुर्की खुलकर पाक के साथ खड़ा हुआ। ऐसे में नई दिल्ली भी खुलकर एथेंस के साथ है, जिसे तुर्की अपना एक कड़ा प्रतिद्वंद्वी मानता है। एथेंस भी इससे खुश है क्योंकि पाकिस्तान भी अक्सर तुर्की के साथ मिलकर उसे आक्रामकता दिखाता रहा है।
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