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पतंजलि पर शिकंजा: संदिग्ध लेनदेन मामले में केंद्र सरकार ने मांगा जवाब

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योग गुरु बाबा रामदेव से जुड़ी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड एक बार फिर मुश्किलों में घिर गई है। केंद्र सरकार ने संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के संबंध में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। कंपनी को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा नोटिस भेजा गया है। वित्तीय खुफिया इकाई ने कहा है कि कंपनी के लेन-देन संदिग्ध पाए गए हैं, जिससे पतंजलि कंपनी और बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

 

प्रारंभिक जांच जारी, लेन-देन की राशि अभी स्पष्ट नहीं

जांच अभी प्रारंभिक चरण में है तथा इन लेनदेन की वास्तविक राशि या प्रकृति का खुलासा नहीं किया गया है। मंत्रालय ने कंपनी को नोटिस का जवाब देने के लिए लगभग दो महीने का समय दिया है। इसके साथ ही संकेत मिल रहे हैं कि पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंधन और धन के उपयोग की गहन जांच होगी। हालांकि, इस संबंध में मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। इसके अलावा, पतंजलि आयुर्वेद ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

पतंजलि पहले भी विवादों में घिर चुकी है।

यह पहली बार नहीं है जब पतंजलि विवादों में घिरी है। कंपनी पर पहले भी कर चोरी और कर रिफंड का झूठा दावा करने का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा, न्यायालय ने कुछ गंभीर बीमारियों के उपचार के भ्रामक दावों का विज्ञापन करने के लिए पतंजलि के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसे विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिया था और स्पष्ट किया था कि यह ‘औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954’ का उल्लंघन है।

शेयर बाजार पर भी असर

यद्यपि पतंजलि आयुर्वेद एक निजी कंपनी है, लेकिन इसकी एक इकाई ‘पतंजलि फूड्स लिमिटेड’ शेयर बाजार में सूचीबद्ध है। इस महीने इस इकाई के शेयरों में लगभग 10% की गिरावट आई है। पिछले वर्ष भी सरकार द्वारा इस इकाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। सरकार का यह नोटिस और चल रही जांच पतंजलि के लिए चिंता का विषय हो सकती है। इसका भविष्य में व्यावसायिक प्रभाव हो सकता है, क्योंकि कंपनी की पारदर्शिता और वित्तीय नियमों के अनुपालन के बारे में अक्सर सवाल उठते रहते हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अगले कुछ महीनों में इस मामले पर क्या निष्कर्ष निकलता है।

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