भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है। इस सौदे के पहले चरण पर अगले महीने सहमति होने की उम्मीद है। इस बीच, यह खबर आई है कि भारत द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के तहत अग्रणी प्रौद्योगिकी तक पहुंच के समान अधिकार पर जोर दे सकता है। सूत्रों ने बताया कि भारत दूरसंचार उपकरण, जैव प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), फार्मास्यूटिकल्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में निर्यात नियंत्रण में ढील की मांग कर सकता है।
निर्यात को आसान बनाने की मांग
प्रस्तावित व्यापार समझौते के तहत भारत अमेरिका के साथ निर्यात नियंत्रण को भी आसान बनाने का प्रयास करेगा। इसके साथ ही भारत कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा उत्पाद, वस्त्र, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिल, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए टैरिफ रियायत प्राप्त करना चाहता है। दूसरी ओर, अमेरिका औद्योगिक उत्पादों, ऑटोमोबाइल (विशेष रूप से इलेक्ट्रिक वाहन), शराब, पेट्रोकेमिकल उत्पादों, डेयरी और सेब जैसे कृषि उत्पादों पर टैरिफ राहत की मांग कर रहा है।
समान दर्जे की मांग
एक सूत्र ने बताया कि प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के तहत भारत अमेरिका से अनुरोध कर सकता है कि उसे ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और जापान जैसे प्रमुख साझेदारों के समान दर्जा दिया जाए। निर्यात नियंत्रणों में ढील देकर प्रौद्योगिकी तक आसान पहुंच की मांग होगी, विशेष रूप से दूरसंचार उपकरण, जैव प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसे क्षेत्रों में। ऐसा माना जा रहा है कि इन क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी की उपलब्धता से भारत की नवाचार क्षमताओं, तकनीकी अवसंरचना और आर्थिक विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, समझौते के लिए वार्ता का नेतृत्व कर रहे वाणिज्य मंत्रालय ने इस मुद्दे पर उठाए गए सवालों पर टिप्पणी करने से परहेज किया है।
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