केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया है कि हाल ही में वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को लक्षित करना नहीं है। उनका कहना है कि यह बदलाव केवल अतीत में हुई गलतियों को सुधारने और भूमि से संबंधित विवादों को निष्पक्षता से सुलझाने के लिए किया गया है.
समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है यह बदलाव
कोच्चि में आयोजित एक प्रेस वार्ता में रिजिजू ने बताया कि पुराने वक्फ कानून के कुछ प्रावधानों ने वक्फ बोर्डों को अत्यधिक अधिकार दे दिए थे, जिससे संपत्तियों को एकतरफा वक्फ संपत्ति घोषित करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह संशोधन किसी विशेष समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए किया गया है.
विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक प्रतिक्रिया
यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश के विभिन्न हिस्सों में वक्फ संशोधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, विशेषकर पश्चिम बंगाल में, जहां यह आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है। उल्लेखनीय है कि संसद द्वारा पारित वक्फ संशोधन विधेयक को 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है और अब यह कानून बन चुका है। जबकि केंद्र सरकार और एनडीए इसे न्यायपूर्ण कदम मानते हैं, विपक्ष इसे मुस्लिम विरोधी करार देते हुए आलोचना कर रहा है। रिजिजू ने अंत में यह भी कहा कि सरकार सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा.
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