संत धन्ना भगत जयंती पर सीएम सैनी का बड़ा ऐलान: जींद के पालवां गांव में संत धन्ना भगत की जयंती का भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने समाज से संत की शिक्षाओं से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। इस अवसर पर उन्होंने दाड़न खाप भवन के लिए कई विकास कार्यों की घोषणा की। आइए, इस खबर के विभिन्न पहलुओं पर नजर डालते हैं।
पालवां गांव में उत्सव का माहौल
रविवार को जींद के उचाना क्षेत्र के पालवां गांव में संत धन्ना भगत की जयंती को राज्यस्तरीय समारोह के रूप में मनाया गया। गांव की गलियों से लेकर आयोजन स्थल तक श्रद्धा और उत्साह का माहौल था। सैकड़ों श्रद्धालु संत धन्ना भगत के जीवन और उनकी शिक्षाओं को याद करने के लिए एकत्र हुए। संत की भक्ति और समाज सुधार के कार्यों ने लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है। आयोजन में भजन-कीर्तन और संत के उपदेशों पर चर्चा ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सीएम सैनी का संबोधन: संतों की शिक्षाएं हैं अनमोल
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मंच पर पहुंचते ही उन्होंने संतों का आशीर्वाद लिया और उन्हें शॉल भेंट कर सम्मानित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि संत धन्ना भगत का जीवन समाज के लिए एक प्रेरणा है। उनकी शिक्षाएं हमें मानवता, एकता और भक्ति का पाठ पढ़ाती हैं। सैनी ने कहा, “संतों के संदेश हमें जोड़ते हैं और समाज को बेहतर बनाने का रास्ता दिखाते हैं। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज से बुराइयों को दूर करना होगा।” उन्होंने यह भी बताया कि संत धन्ना भगत के उपदेश गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज हैं, जो उनकी महानता का जीवंत प्रमाण हैं।
दाड़न खाप की मांगें पूरी: सोलर पैनल से लेकर निर्माण कार्य तक
समारोह के दौरान दाड़न खाप ने मुख्यमंत्री के सामने कई मांगें रखीं, जिन्हें सैनी ने तुरंत स्वीकार कर लिया। उन्होंने ऐलान किया कि पालवां गांव के सर्वजातीय दाड़न खाप भवन में 40 केवी क्षमता का सोलर पैनल स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, तालाब की दीवार, एक शेड, और एक कमरे का निर्माण भी करवाया जाएगा। खाप भवन की चारदीवारी और ग्रिल का काम पूरा करने के साथ-साथ बरामदा और हॉल के निर्माण की भी घोषणा की गई। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सभी कार्य समयबद्ध तरीके से पूरे होंगे और संबंधित विभागों को तुरंत निर्देश दिए जाएंगे।
संत धन्ना भगत का योगदान: समाज को जोड़ा, बुराइयां मिटाईं
संत धन्ना भगत ने अपने जीवनकाल में समाज में फैली कुरीतियों और भेदभाव को खत्म करने का प्रयास किया। उन्होंने जात-पात से ऊपर उठकर भक्ति और मानवता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत धन्ना भगत ने कोई ग्रंथ नहीं लिखा, लेकिन उनके उपदेश आज भी गुरु ग्रंथ साहिब में मौजूद हैं, जो लोगों को सही रास्ता दिखाते हैं। सैनी ने जोर देकर कहा कि उनकी शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं और समाज को एकजुट करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
सरकार का संकल्प: संतों की विरासत को सहेजने की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि हरियाणा सरकार संतों और महापुरुषों की विरासत को संजोने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि सरकार ऐसी योजनाएं और आयोजन कर रही है, जिनसे संतों के संदेश जन-जन तक पहुंच सकें। पालवां गांव में हुए इस आयोजन को भी उन्होंने इसी दिशा में एक कदम बताया। सैनी ने कहा, “हमारी सरकार का लक्ष्य है कि हरियाणा का हर गांव और हर नागरिक संतों की शिक्षाओं से प्रेरणा ले और एक बेहतर समाज का निर्माण करे।”
समारोह का महत्व: श्रद्धा और प्रेरणा का संगम
पालवां गांव में संत धन्ना भगत की जयंती का यह आयोजन न केवल श्रद्धा का प्रतीक था, बल्कि समाज को एकजुट करने और विकास की दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर भी बना। मुख्यमंत्री की घोषणाओं ने स्थानीय लोगों में उत्साह भरा, और संत धन्ना भगत की शिक्षाओं ने सभी को एक नई प्रेरणा दी। अगर आप भी इस आयोजन और संत धन्ना भगत के जीवन के बारे में और जानना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर बने रहें।
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