इंटरनेट डेस्क। राजस्थान में 12वीं की इतिहास की किताब को लेकर चल रहा विवाद अब और तेज हो गया है। यह विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां शिक्षामंत्री का बात का कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने जवाब दिया, उसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मुद्दे पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर हमला बोलते हुए कहा कि वे प्रदेश के बच्चों पर आरएसएस की विचारधारा थोपना चाहते हैं।

क्या कहा डोटासरा ने
मीडिया रिपोटर्स की माने तो डोटासरा ने कहा कि हर पाठ्यक्रम बनाने के लिए एक समिति बनाई जाती है, यह समिति सरकार द्वारा ही गठित की जाती है, लेकिन शिक्षा मंत्री केवल आरएसएस की विचारधारा को ही अहमियत दे रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि बच्चों को किताबें बांटने के बाद अब शिक्षा मंत्री तुगलकी आदेश जारी कर रहे हैं। यह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

पूरा घटनाक्रम क्या है?
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से 12वीं कक्षा के लिए तैयार की गई किताब “आजादी के बाद का स्वर्णिम इतिहास” को लेकर विवाद शुरू हुआ है, इस किताब के दूसरे भाग में कांग्रेस के नेताओं जैसे नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के योगदान को प्रमुखता से जगह दी गई है, लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, वसुंधरा राजे और भैरोंसिंह शेखावत जैसे नेताओं का नाम या तस्वीर तक शामिल की गई है। खबरों की माने तो इसके बाद शिक्षा मंत्री दिलावर ने इस पर नाराजगी जताई और कहा कि यह किताब कांग्रेस का महिमामंडन कर रही है और पीएम मोदी के योगदान को पूरी तरह नजरअंदाज कर रही है, इसके बाद सरकार ने इस किताब को फिलहाल स्कूलों में पढ़ाने पर रोक लगा दी है।
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