जयपुर। राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पंचायत एवं निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश की भजनलाल सरकार पर निशाना साधा है। राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता से संबंधित एक खबर को लेकर डोटासरा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। गोविंद सिंह डोटासरा ने इस संबंध में एक्स के माध्यम से कहा कि राजस्थान में गंभीर संवैधानिक संकट की स्थिति बनी रही है।
संवैधानिक प्रावधानों की धज्जियां उड़ाकर पंचायत एवं निकाय चुनाव टाल रही भाजपा सरकार की मंशा पर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्वयं राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता स्वीकार कर रहे हैं कि यह सरकार चुनाव नहीं कराना चाहती। आयुक्त के इस बयान स्पष्ट है कि भाजपा का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है और वो खुलेआम इस व्यवस्था की अवहेलना कर रही है।
भाजपा सरकार ने स्थानीय स्वशासन का गला घोंटने के लिए ;एक राज्य, एक चुनाव की आड़ ली और फिर पंचायत और निकायों के पुनर्गठन व परिसीमन का हवाला देकर चुनाव टाले। परिसीमन प्रक्रिया की तारीखों में बार-बार संशोधन किया और आखिर में नगरीय निकाय में आपत्तियों के निस्तारण व प्रस्तावों के अनुमोदन की अंतिम तारीख 22 मई, 2025 तय की।
वहीं पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इस संबंध में कहा कि डेढ़ साल बनाम पांच साल की बात करने वाली भाजपा सरकार की ऐसी दुर्गति हो रही है कि वह पंचायतीराज और नगरीय निकायों के चुनाव तक नहीं करवा पा रही। संविधान के अनुच्छेद 243-ई में स्पष्ट लिखा है कि पंचायतीराज के चुनाव हर 5 वर्ष में करवाए जाएंगे। इसी तरह, गोवा सरकार बनाम फौजिया इम्तियाज शेख तथा अन्य केस व पंजाब राज्य निर्वाचन आयोग बनाम पंजाब सरकार केस के फैसलों में सुप्रीम कोर्ट का आदेश है हर पांच साल में पंचायतीराज के चुनाव करवाए जाएं। राजस्थान की भाजपा सरकार हार के डर से सभी संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर रही है।
PC:bhaskarenglish
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